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गांव में कोरोनावायरस के टीकाकरण में अशिक्षा और अज्ञानता के कारण बाधा पहुंच रही है लोग अपना टीकाकरण करवाने के लिए तैयार नहीं है। पंचायत चुनाव के बाद गांव में भी कोरोना महामारी पांव पसार रही है। प्रारंभ में गांव में किसी प्रकार की कोरोना की जांच और कोरोना वैक्सीन की कोई व्यवस्था नहीं थी लेकिन कुछ न्यूज़ चैनल द्वारा आवाज उठाई गई तो सरकार द्वारा गांव में भी कोरोना टीकाकरण की व्यवस्था की गई लेकिन गांव में कोरोना टीकाकरण में बाधा आ रही है क्योंकि गांव के लोग अशिक्षित और अज्ञान हैं जागरूकता कमी के कारण की कोरोना अपना भयावह रूप लेता जा रहा है ।
हर साल फैल जाते है मुहनुचवा और चोटी कतरा जैसे – भारत देश के गांव में कोरोनावायरस कई प्रकार की भ्रांतियां फैली रहती हैं कभी मुहनुचवा तो कभी चोटी कतरा लेकिन इस बार ये अफवाह लोगों की जान ले रही हैं ग्रामीणों में भ्रांतियां फैली हुई है कि टीका लगवाने से मौत हो जाती है क्योंकि टीका में जहर है। ग्रामीणों में भ्रांतियों के स्तर को हाल में हुई घटना से समझ सकते हैं जब स्वास्थ्य कर्मी टीकाकरण के लिए उत्तर प्रदेश के जिला बाराबंकी के सिसोड़ा गांव में पहुंचे तो टीकाकरण से बचने के लिए ग्रामीणों ने सरयू नदी में छलांग लगा दी।
गांव के लोगों द्वारा स्वास्थ्य कर्मियों पर किए जा रहे लाठी-डंडों से हमले और दी जा रही है भद्दी गालियां स्वास्थ्य कर्मी गांव में घर-घर टीकाकरण करने जा रहे हैं तो उन्हें भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है गांव के लोग लाठी-डंडों से स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला कर रहे हैं आशा वर्कर को खरी-खोटी सुनाकर दरवाजे से भगा दे रहे हैं। बैतूल जिले के चिचोली गांव में स्वास्थ्य कर्मियों पर गांव वालों ने पत्थर फेंकने की कोशिश की और भद्दी गालियां भी दी।
अशिक्षा और अज्ञानता के कारण कोरोना टीकाकरण में आती बाधा कोरोना काल में देश की कई कमी, जो की पूरी होनी चाहिए उजागर हुई हैं गांव में कई प्रकार की भ्रांतियां अशिक्षा के कारण पनपती हैं और हमारे देश के गांव में अशिक्षा, अंधविश्वास का स्तर चिंताजनक हैं। इसमें ग्रामीणों की ही अकेली गलती नहीं है इसका कारण अशिक्षा है जो कि भारत सरकार की जिम्मेदारी है। नेता कोई भी हो राजनीतिक व्यक्ति नहीं चाहता कि जनता शिक्षित हो क्योंकि शिक्षित जनसंख्या सवाल पूछती है और अशिक्षित व्यक्ति को कुछ समझ में नहीं आता है अशिक्षित जनसंख्या एक अच्छा वोट बैंक होते हैं।
ग्रामीण जनसंख्या को टीकाकरण पर विश्वास नहीं है जिन्होंने टीकाकरण भी करवाया वह भी कोरोना से नहीं बच पाए हैं डॉक्टर के के अग्रवाल जिन्होंने कोरोना के टीका की दोनों डोज लिये हुए थे फिर भी वह कोरोना से नहीं बच पाए। ऐसी कई बातें मिलजुल कर ग्रामीणों के मन को डराते हैं जिससे वह है कोरोना का टीका लगवाने से डर रहे हैं।