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volcano: गैलापागोस दीप समूह के सबसे ऊंचे पर्वत में विस्फोट हो गया और जिसके चलते उसमें से आग गैसें और राख आसमान में फैल गई। इस volcano को गेला पागोस volcano कहते हैं और यह कई सक्रिय volcano में से एक है। यह ज्वालामुखी मुख्य भूमि दक्षिण अमेरिका से लगभग 1000 किलोमीटर दूर है । यहां आखिरी बार 2015 में volcano फटा था। यह घटना वहां के दिन के अनुसार शुक्रवार को हुई थी लेकिन अभी तक volcano में से मलवा निकल रहा है । संस्थान ने कहा है कि इसाबेला द्वीप के विपरीत दिशा में स्थित आबादी वाले क्षेत्रों के लिए कोई तत्काल खतरा नहीं है। यह क्षेत्र गैलापागोस श्रंखला में सबसे बड़ा है लेकिन यदि इसी प्रकार volcano में से मलवा निकलता रहा तो यह आवासीय क्षेत्रों तक भी नुकसान पहुंचा सकता है। इक्वेडोर के भारतीय संस्थान के अनुसार स्थानीय समाचार बुधवार मध्य रात्रि कि कुछ समय पहले बोल volcano से गैस और राख निकलने लगे और इसके बाद उसमें विस्फोट हो गया और गैलापागोस volcano में विस्फोट होने के बाद उसकी ऊंचाई 3793 और बढ़ गई।
जब लोगों का गुस्सा हमपर फूट पड़ता है
मास्क लगाने से चेहरे की हालत की फोटो की अपलोड
ज्वा volcano से निकले राख धूल की परत इतनी मोटी थी कि पूरे जावा द्वीप पर दिन में ही रात जैसा नजारा लगने लगा था ज्वालामुखी के चलते यहां पर आसमान में राख के बादल छा गए। जिससे विमानन कंपनियों ने पायलटों के लिए भी सावधान रहने के निर्देश जारी कर दिए । जिससे की बादलों में फैली हुई राख से विमान दुर्घटनाग्रस्त ना हो। इस ज्वालामुखी उद्गार में अभी तक कोई हताहत नहीं हुआ है। दिसंबर में volcano विस्फोट के कारण आसमान से पत्थर राख और मिट्टी की बारिश हुई थी जिसके कारण 2 गांव के बीच के संपर्क मार्ग बाधा पहुंची थी।