Kanpur: UP के कानपुर में एक अनोखा मामला सामने आया है। एक बछड़े की कानपुर के भीतरगांव कस्बे में मौत हो गई। ग्रामीण बछड़े की मौत से आहत थे। हालांकि सभी ने मिलकर बछड़े की शव यात्रा निकाली। इसके बाद से धार्मिक रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार किया गया। भीतरगांव सहित आसपास के गांव में इसकी चर्चा हो रही है। जिसका वीडियो भी social पर वायरल हो रहा है। जिसने भी ये वीडियो देखा ग्रामीणों की तारीफ कर रहा हैं। कानपुर में गोवंश की स्थिति बहुत ही खराब है। उनकी देखभाल करने वाला भी कोई नहीं है।
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बता दें कि साढ़ थाना क्षेत्र स्थित भीतरगांव कस्बे में रहने वाले जितेंद्र कुमार समाजसेवी हैं। जितेंद्र ने चार दिन पहले ही गाय के बछड़े को पानी से भरे गड्ढे में देखा था। ग्रामीणों के सहयोग से बछड़े को निकाल कर उसका इलाज भी कराया गया था। लेकिन उपचार के दौरान ही उसकी दो दिन पहले मौत हो गई थी।
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समाजसेवी जितेंद्र कुमार ने यह बताया कि भीतरगांव कस्बे के बाहर एक बछड़े की मौत हो गई थी। जिसका हिंदू रीति रिवाज के साथ ही अपने सहयोगियों की मदद से शव यात्रा निकाली गई। इसके बाद से बछड़े का अंतिम संस्कार कर गांव किनारे खेत में दफन कर दिया गया। ग्रामीणों ने अब इंसानियत की मिशाल पेश की है। जितेंद्र का यह कहना है कि कानपुर के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में गोवंश की दुर्दशा हो रही है। गोवंश के लिए बनाए गए गौशाला में उनकी देखभाल भी नहीं हो पा रही है।
दरअसल भीतरगांव कस्बे के फक्कड़ चौराहे के पास बछड़े की अर्थी सजाई गई। उसकी शव यात्रा को निकालकर पीपल पेड़ तक ले गए। इसके बाद से लोडर में रखकर शव को गांव के बाहर ले गए। आखिर में खेत के किनारे गड्ढा खोदकर अंतिम संस्कार भी कर दिया।