NSE की पूर्व सीईओ ने किए कई खुलासे

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NSE: आपको बता दें देश की कुल बजट से करीब 8 गुना अधिक धनराशि वाले n.s.e. यानी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में करोड़ों लोगों की किस्मत सवार दिया बिगड़ती देखी होगी लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि एनएसी की पूर्व सीईओ रही चित्र रामा कृष्णा एक गुमनाम योगी से एक्सचेंज की संवेदनशील जानकारियां साझा करती थी बता दे यह खुलासा तब हुआ जब 11 फरवरी को आए सेबी के आदेश ने चित्रा के बयानों में यह खुलासे विस्तार से हुए हैं

यह सब घटना सुनकर बड़ा अच्छा लगता है कि एनएसी जैसी इतनी बड़ी संस्था के सीईओ योगी से अपनी गोपनीय जानकारी साझा करती थी जब उनसे पूछा गया कि इसका दुरुपयोग होता तो उन्होंने बताया कि मैंने जानकारी किस हैसियत से दी थी नहीं बता सकती मुझे या एनएसई को उनके वजह से कोई भी हानि नहीं हुई है

योगी का नहीं है कोई आकार जब चाहे आ जाता है सामने

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ऐसा सुनने के बाद आपको मिस्टर इंडिया की याद आ गई होगी की जिसमें वह जब चाहे सामने आ जाता और जब चाहे गायब भी हो जाता था ऐसा ही कुछ यहां भी देखने को मिल रहा है एनएसपी की पूर्व सीईओ चित्रा ने सेबी को बताया कि योगी हिमालय पर रहता है उसका ना शरीर है ना कार है और ना ही पता वह जब भी चाहे मेरे सामने उपस्थित होने की क्षमता रखता है

योगी की सलाह पर सीओओ के पद पर किया था तैनात

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आपको बता दें कि चित्रा ने बताया कि उसने योगी की सलाह पर ही सीओओ पद पर आनंद सुब्रमण्यम को तैनात किया था पहले आनंद सलाना 1500000 रुपए कमाते थे और तैनाती के बाद चित्र ने उनका वेतन 5 करोड़ सालाना करवा दिया।

योगी से साझा करती थी जानकारियां

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आपको बता दें चित्र ने अपने बयान में शिरोमणि परमहंस सिद्ध पुरुष आज से योगी को संबोधित किया इतना ही नहीं वह ईमेल से योगी को एक ऐसी कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन में परिणाम तथा 5 साल के लक्षणों योजनाओं डिविडेंड निर्धारण आदि की खुफिया और संवेदनशील से संवेदनशील जानकारी देती थी।

चित्र बोली जानकारी किस हैसियत से देती थी नहीं बता सक

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आपको बता दें से भी इन्हें चित्र से पूछा था कि एनएसी के बाहर के किसी अनजान व्यक्ति से संवेदनशील जानकारियां साझा करते हुए उन्हें कोई हिचक या कानून का उल्लंघन महसूस नहीं हुआ तो चित्र ने इसे गैर हानिकारक बताया और कहा उसके द्वारा दी गई जानकारी का योगी ने कोई दुरुपयोग नहीं किया

गजब के व्यक्ति हैं Khan Sir Patna के उनसे हुई कुछ बात चीत में मजा आ गया आप भी सुनिए बहुत कुछ सीखेंगे

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नष्ट करवा दिए ही बेस्ट कैसे होती जांच

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बता दे दो हजार अट्ठारह में अर्जेंट एंड यंग कंपनी ने इस मामले में फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट सौंपी थी लेकिन वही होगी या काफिले पर निर्णय की जानकारी नहीं दे सकी क्योंकि आनंद सहित एनएसई के प्रमुख अधिकारियों के कंप्यूटर की वेस्ट के नाम से जिस डिस्पोज़ करवा दिए गए थे

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