Electricity Crisis: बढ़ने वाला है बिजली का संकट, ढूंढ लीजिये दूसरा विकल्प, पढ़िये क्यों मंडरा रहा है बिजली पर संकट

Published by
Electricity Crisis

Electricity Crisis: बिना बिजली के घरों या कारखानों का कोई भी कार्य सम्भव नहीं है इसीलिये हर जगह बिजली बड़ी मात्रा में प्रयोग की जाती है परंतु अब बिजली की आपूर्ति पर भारी संकट के बादल मंडरा रहे हैं और कई राज्यों में बिजली आपूर्ति में भारी कटौती की संभावना है ऐसे में वैकल्पिक मार्ग तलाशना बहुत जरूरी हो गया है।

मात्र 8 दिन का कोयला बचा है शेष

Electricity Crisis

देश मे बिजली का संकट लगातार नजदीक आ रहा है ऐसे में यह समझ लेना बहुत जरूरी है कि इसकी वज़ह क्या है तो आपको बता दें कि मीडिया सूत्रों के हवाले से मिल रही खबरों के मुताबिक़ भारत के विद्युत ऊर्जा संयंत्रों के पास मात्र 8 दिन का कोयला शेष बचा है,अतः 8 दिन के अंदर अगर कोयले की आपूर्ति नहीं होती है तो विद्युत उत्पादन पर गम्भीर असर पड़ सकता है।

बिजली की माँग ने तोड़ा 38 वर्षों का रिकॉर्ड

यद्यपि आज बिजली के अनेकों विकल्प उपलब्ध हैं तथापि बिजली की माँग में किसी तरह की कोई कमी देखने को नहीं मिल रही है,इसके उल्टा बिजली की माँग ने लगभग 38 वर्ष पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है,बता दें कि पिछले 38 वर्षों में इस समय सबसे ज़्यादा बिजली की खपत हो रही है।

आपूर्ति में हो रही भारी कमी

Electricity Crisis

समस्या यह नहीं है कि बिजली कि माँग और खपत बढ़ गयी है बल्कि समस्या यह है कि माँग के अनुसार बिजली उत्पादन के लिये जरूरी कोयले की आपूर्ति नहीं हो रही है,बता दें कि एक ओर जहाँ बिजली की माँग पिछले 38 वर्षों में सबसे ज्यादा है वहीं कोयले की आपूर्ति पिछले 10 वर्षों में सबसे कम,ऐसे में बिजली का संकट तो होना ही है।

Electricity Crisis 12 राज्यों में शुरू हुई बिजली की कटौती

आपको बता दें कि बिजली के संकट की सिर्फ आहत नहीं है बल्कि इस दिशा में एक्शन शुरू भी हो गये हैं और भारत के 12 राज्यों में बिजली कटौती शुरू कर दी गयी है,ऐसे में यह संकट आपको प्रभावित करे उससे पहले आपको कोई वैकल्पिक मार्ग तलाश लेना चाहिये।

आयातित कोयले का दाम हुआ मंहगा

Electricity Crisis

कोयले की आपूर्ति में कमी की एक बड़ी वज़ह इसकी क़ीमत में हो रही वृद्धि है बता दें कि जो कोयला कुछ दिनों पूर्व तक 150 डॉलर प्रति टन के हिसाब से बिका करता था उसकी कीमत आज 300 डॉलर प्रति टन पहुंच चुकी है अतः स्वाभाविक है कि आपूर्ति में कमी आनी है।

बिजली की दरें भी हो सकती हैं महँगी

सापेक्षिक दृष्टि से देखा जाए तो कोयले की क़ीमत में हो रही वृद्धि से न सिर्फ आयात और आपूर्ति प्रभावित होगी बल्कि इसकी वजह से बिजली में कटौती होगी और जो बिजली मिलेगी भी उसकी क़ीमत में इज़ाफ़ा हो सकता है तो कोयले का यह संकट देश को बड़ी समस्या में डाल सकता है अगर समय रहते निराकरण नहीं हुआ तो…।

सौर ऊर्जा हो सकती है बेहतर विकल्प

Electricity Crisis

बता दें कि इस समय सबसे ज्यादा जरूरत बिजली के विकल्प को तलाशना है ऐसे में सौर ऊर्जा इसका बेहतर विकल्प हो सकता है क्योंकि गर्मी के मौसम में तेज धूप के चलते इससे पर्याप्त मात्रा में बिजली उत्पन्न की जा सकती है और घरेलू कार्य निपटाये जा सकते हैं,अतः अगर बिजली का संकट मंडराये तो सौर ऊर्जा ही सहारा होगा।

सीएनजी महंगी होने पर ऑटो टैक्सी की होगी हड़ताल, 18 अप्रैल से दिल्ली में करेंगे चक्का जाम

जुगाड वाला पुल देखिए, इतना खतरनाक है ये पुल की कई लोग जो चुके हैं शिकार

प्रतिदिन कम हो रही आपूर्ति और कट रही बिजली

Electricity Crisis

Electricity Crisis, कोयले की मंहगाई और अन्य कई कारणों के चलते प्रतिदिन 10 हजार एमटी टन कोयले की आपूर्ति कम हो रही है जबकि वहीं पर बिजली की आपूर्ति में भी 1.4 फीसदी कटौती की जा रही है,अगर बात इस समस्या से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों की की जाये तो आपको बता दे कि  बिहार, झारखंड, हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्य इस समस्या से सबसे ज़्यादा प्रभावित हैं।

Recent Posts