Electricity Corporation: अक्सर आप सोचते होंगे कि काश बिजली का बिल कम आता होता तो आप भी जितनी देर चाहे इस चिलचिलाती गर्मी में AC, कूलर चलाकर चैन की सांस ले पाते । लेकिन ऐसा हो नहीं पाता। घर के बाहर लगे इलेक्ट्रॉनिक मीटर में बढ़ते यूनिट्स आपकी धड़कन भी बढ़ा देते हैं । आप चाहकर भी AC ज्यादा देर तक नहीं चला पाते। इधर AC चलता है और उधर आपको मीटर की बढ़ती रीडिंग की चिंता खाये जाती है ।
ऐसा अक्सर सबके साथ होता है पर क्या आपको पता है कि अपने देश मे कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनको इस तरह की कोई चिंता नहीं होती । वह एक नहीं बल्कि 5-6 AC भी दिनभर चलाते रहें तो भी उनको फर्क नहीं पड़ता। । यही नहीं आम उपभोक्ता यदि 1.5 टन की AC का इस्तेमाल अपने घरों में करता है तो उसका महीने का बिल 3000 रुपये के आसपास आता है जबकि बिजली विभाग के कर्मचारियों से अफसरों तक को इसकी कोई चिंता नहीं करनी पड़ती । ये लोग चाहे 1.5 टन की ac चलायें या दो चलाएं, महीने का बिल इनका फिक्स ही रहता है वह भी 650 ₹ ।
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जहां आम आदमी बिजली के आसमान छूते दामों से हलकान है वहीं हमारे बीच कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनका महीने का बिजली बिल फिक्स होता है । ऐसा भी नहीं है कि ग्रामीण इलाकों में बिना मीटर वाले कनेक्शन की बात कर रहे हों । ग्रामीण इलाकों में बिना मीटर वाले बिजली कनेक्शन का भी महीने का बिल 1500- 2000 रुपये तक आता है । फिर ऐसे कौन से लोग हैं जो मीटर भी नहीं लगवाते और पूरे महीने मनमर्जी से बिजली खर्च कर मात्र 650 रुपये बिल जमा करते हैं ।
जी हां हम बात कर रहे हैं इसी Electricity Corporation में काम करने वाले बिजली कर्मचारियों, JE, अफसरों की। बिजली निगम की तरफ से बनाये गए नियम विभाग के कर्मचारियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं ।
बिजली निगम में कार्यरत कर्मचारियों को विभाग की तरफ से बिजली के बिलों में छूट मिलती है । यह लोग घर मे चाहे 1 ac चलाये, 2 ac चलाये या फिर दिन भर घर मे 4-5 AC चलाते रहें इन्हें महीने में सिर्फ 650 रुपये देना पड़ता है । इनके यहां मीटर नहीं लगता बस फिक्स चार्ज देना होता है । बिजली निगम में काम करने वाले कर्मचारियों को LLV-10 श्रेणी के तहत कनेक्शन दिया जाता है ।
Electricity Corporation में कार्यरत छोटे कर्मचारी से लेकर अफसरों तक के लिए बिजली बिलों में भारी छूट उपलब्ध रहती है । बता दें कि यह छूट विभाग में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, अफसर,अधिशासी अभियंता, अवर अभियंता से लेकर पेंशनरों तक को दी जाती है।
जहां शहरी इलाकों में रहने वाली आबादी मीटर देखकर बिजली खर्च करती है वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में जो लोग बिना मीटर वाले कनेक्शन पर बिजली जलाते हैं उनका बिल भी अब 1500 रुपये से लेकर 2000 रुपये प्रति महीने आता है पर क्या आपको पता है कि बिजली विभाग में नौकरी करने वाले और महीने के अंत मे मोटी पगार लेने वाले अधिशासी अभियंता को महीने का सिर्फ 1099 रुपये देना पड़ता है।
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माने बिजली चाहे जितना जलाओ,दिनभर AC, कूलर खुला छोड़ दो कोई फर्क नहीं पड़ता। यही नहीं LLV10 श्रेणी के तहत दिया जाने वाला इस कनेक्शन का लाभ विभाग में काम करने वाले दूसरे कर्मचारियों को भी रेलमपेल मिलता है। तो चलिए बताते हैं कि विभाग के किस कर्मचारी को फिक्स चार्ज के रूप में कितना बिल जमा करना पड़ता है ।
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी – 425 ₹/ महीना
टीजी टू कर्मचारी – 425 ₹/ महीना
अवर अभियंता – 832₹/ महीना
सहायक अभियंता – 1031₹/महीना
अधिशासी अभियंता – 1099₹/महीना
जिम्मदारों से बात करने पर उन्होंने इस सुविधा का पक्ष लेते हुए कर्मचारियों का हक बताया । राज्य विद्युत परिषद प्राविधिक कर्मचारी संघ के केंद्रीय अध्यक्ष ब्रजेश त्रिपाठी ने कहा कि हर विभाग अपने कर्मचारियों को सुविधाएं देता है । उन्होंने कहा कि बिजली उन्हें मुफ्त तो नहीं दी जाती । हां इतना जरूर है कि रियायती दरों पर हमें बिजली विभाग उपलब्ध करवाता है । इसमें कुछ भी गलत नहीं है । उन्होंने आगे धमकी देते हुए कहा कि यदि निगम के कर्मचारियों के लिए जारी इस रियायत को खत्म करने की कोशिश की गई तो वह चुप नहीं बैठेंगे और सड़कों पर उतर जाएंगे।