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Delhi: दिल्ली में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा, 29 अक्टूबर तक चलेगा धूल विरोधी अभियान

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दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बुधवार छह अक्टूबर को कहा कि शहर की गवर्नमेंट 7 से 29 अक्टूबर के बीच धूल रोधी अभियान चलाएगी। इसके साथ ही साथ उन्होंने कहा यह भी कि धूल नियंत्रण मानदंडों की निगरानी के लिए सरकार बृहस्पतिवार को यानी कि आज एक वेब पोर्टल की भी शुरुआत करेगी। तथा दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण समिति की 17 और ‘ग्रीन मार्शल’ की 14 टीम सहित कुल 31 टीमों का गठन भी किया गया है। इससे पहले दिल्ली सरकार ने धूल संबंधी प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए निर्माण तथा ढांचे ध्वस्त करने वाली एजेंसियों के लिए 14 सूत्री दिशा निर्देश भी जारी किए गए थे। राय ने आगे कहा कि मानदंडों का उल्लंघन करने वालों को वजह बताओ नोटिस भी जारी किया जाएगा। वे अगर 2 दिन में नोटिस का जवाब नहीं देते हैं तो उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। 14 सूत्री इन दिशानिर्देशों के अंतर्गत निर्माण स्थलों को टीन की चादरों का इस्तेमाल कर चारों ओर से ढकना बेहद ही जरूरी है। इसके अलावा ‘एंटी-स्माॅग गन’ 20 हजार वर्ग मीटर से अधिक बड़े निर्माण स्थल पर तैनात करना जरूरी है। चूंकि निर्माण सामग्री लाने वाले वाहनों का भी पूरी तरह से ढका होना अतिआवश्यक है। इसके अलावा भी पत्थर को खुले में काटने की अनुमति नहीं होगी।

लांच किया जाएगा ऑनलाइन पोर्टल Delhi

एंटी डस्ट अभियान के अंतर्गत 31 टीमों का गठन किया गया है। जिसमें ग्रीन मार्शल की 14 टीमें तथा डीपीसीसी की 17 टीमें में शामिल है। उन्होंने आगे कहा कि कंस्ट्रक्शन साइटों पर नियम उल्लंघन होने पर एनजीटी की गाइडलाइंस के अनुसार 10 हजार से पांच लाख रुपए तक जुर्माना लगाया जाएगा। प्रबंधन तथा सीएंडडी वेस्ट के सेल्फ ऑडिट के लिए ऑनलाइन पोर्टल लांच किया जाएगा।

जमीन पर भी जाएंगी तथा निगरानी भी करेंगी

पर्यावरण मंत्री राम गोयल ने कहा कि सरकारी निजी निर्माण एजेंसियों के साथ 17 सितंबर को तथा एजेंसियों के साथ 14 सितंबर को बैठक की थी। उस बैठक में किसी भी कंस्ट्रक्शन साइट पर क्या-क्या तैयारी करनी है? उसके 14 सूत्री एजेंडों पर विचार विमर्श भी किया गया। उसके बाद से ही 21-22 सितंबर को सार्वजनिक नोटिस जारी किया गया है कि इन 14 निर्माण साइटों पर नियमों को लागू करना जरूरी है। उसके बाद से 2 अक्टूबर को भी रिमाइंडर भेजा गया है। केजरीवाल सरकार ने अब फैसला लिया है कि टीमें एंटी डस्ट अभियान के अंतर्गत जमीन पर जाएगी तथा निगरानी भी करेगी। निर्माण स्थल के चारों ओर सभी निर्माण साइटों पर टीन की ऊंची दीवार खड़ी करनी जरूरी है। अगर 20 हजार वर्ग मीटर से ऊपर का कार्य है। तो उसकी निर्माण तथा ध्वस्तीकरण में एंटी स्माॅग गन लगाना आवश्यक है। ध्वस्तीकरण तथा निर्माण कार्य के लिए त्रिपाल या फिर नेट से ढकना जरूरी है।

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