Crude Oil
Crude Oil: जब भी दुनिया के कोई दो देश आपस में किसी बात को लेकर टकराते हैं तो उसका सामरिक असर पूरी दुनिया पर पड़ता है, जब रूस और यूक्रेन के बीच में टकराव शुरू हुआ और रूस ने यूक्रेन पर सैन्य कार्यवाही शुरू की तो उसका सीधा असर पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर पड़ा और पूरी दुनिया महंगाई की चपेट में आ गई। भारत भी इससे अछूता नहीं था.
विभिन्न प्रकार के तेल की कीमत भारत में आसमान छू रही थी जिससे जनता परेशान थी लेकिन अभी जो खबरें निकल कर आ रही हैं उसके हिसाब से भारत को Crude Oil का सस्ता स्रोत मिल चुका है और उसकी बड़ी खेप में भारत की ओर रवाना हो चुकी है। ऐसे में उम्मीद है कि भारत के बाजारों में जल्द ही तेल की कीमत में गिरावट दर्ज की जाएगी क्या है पूरी बात हम आपको बताएंगे आप हमारे साथ अंत तक बने रहें।
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गौरतलब है कि जब से रूस ने यूक्रेन पर सैनिक कार्यवाही शुरू की है तब से यूरोप के अनेक देशों में रूस पर तमाम तरीके के प्रतिबंध लगा रखे हैं और रूस से बहुत ज्यादा व्यापार करने के इच्छुक नहीं है लेकिन ऐसी स्थिति में भी भारत की स्थिति बहुत ही स्पष्ट है और वह लगातार व्यापारिक तौर पर उसके साथ जुड़ा हुआ है यही वजह है कि भारत इस समय रूस का सबसे बड़ा खरीददार देश बना हुआ है और रूस से Crude Oil की एक बड़ी खेप एशिया की ओर रवाना हो चुकी है।
आपको यहां पर एक बात और समझने की जरूरत है कि भारत अपने प्रयोग का कितना तेल रूस से आयात करता है, यह आंकड़ा आपको भारत और रूस के बीच के व्यापारिक संबंधों पर अपना दृष्टिकोण विकसित करने में काफी सहयोग करेगा तो आपको हम बता देते हैं कि भारत अपनी जरूरत का कुल 4% तेल मात्र रूस से ही आयात करता है, हो सकता है सुनने में यह आंकड़ा कम हो लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 4% एक बहुत बड़ा आंकड़ा है और यह आंकड़ा भारत और रूस के घनिष्ठ अंतर संबंधों को दर्शाता है।
मीडिया के हवाले से जो खबरें प्राप्त हो रही हैं उसके हिसाब से यह कहा जा रहा है कि रूस से एशिया की तरफ भेजे गए तेल की बड़ी खेप इस समय समुद्र के रास्ते एशिया की तरफ बढ़ रहे हैं बात अगर मात्रा की करें तो ऐसा कहा जा रहा है कि 74 मिलियन बैरल और 79 मिलियन बैरल की खेप इस समय समुद्र के बीच में है.
जो लगातार एशिया की तरफ बढ़ रहे हैं ऐसा पहली बार हो रहा है जब रूस से क्रूड आयल एशिया की ओर बढ़ रहा है क्योंकि पारंपरिक तौर पर रूस के तेल का निर्यात यूरोप के ही देशों में होता था, लेकिन रूस और यूक्रेन के बीच हुए युद्ध ने स्थितियां बदली हैं और अब रूस का क्रूड आयल निर्यात के लिए एशिया की तरफ बढ़ रहा है।
अब जब रूस की बात चल रही है तो यहां पर यह भी बताना बहुत जरूरी है कि वर्तमान में रूस की क्रूड आयल निर्यात की दर क्या है, आपको बता दें कि मार्च 2022 में रूस ने 274000 बैरल तक का क्रूड आयल प्रतिदिन निर्यात किया जबकि अप्रैल 2022 तक यह आंकड़ा बढ़कर 627000 बैरल प्रति दिन हो गया। इससे एक बात स्पष्ट है कि भले ही विश्व समुदाय ने रूस पर अनेकों प्रतिबंध लगा रखे हैं लेकिन रूस की व्यापारिक गतिविधियां अभी भी वैसे ही जारी है जैसे पूर्व में जारी थी.
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आपको पता है कि भारत की जनता महंगाई से काफी ज्यादा परेशान थी ऐसे में जबकि भारत को सस्ता यूराल क्रूड आयल मिल रहा है तो इसका सीधा सा असर भारतीय बाजार पर और तेल पर पड़ेगा इसलिए यह पूरे भारत वासियों के लिए एक सुखद खबर है कि उन्होंने क्रूड आयल का सस्ता निर्यातक ढूंढ लिया है। यह तेल समुद्र के रास्ते से लगातार भारतीय सीमाओं की ओर बढ़ रहा है। आप सभी को यह जानकारी कैसी लगी आप हमें कमेंट के माध्यम से जरूर बताइएगा।