covid patient drinking alcohol
covid patient drinking alcohol: कोरोना संक्रमण को लेकर महिला तहसीलदार के सामने लापरवाही का एक अजीब सा मामला सामने आया है। MP के रतलाम में एक कोविड संक्रमित घर में दोस्तों के साथ शराब का पार्टी करते मिला, ये मामला नयागांव का है। यहां पर कंटेनमेंट मनाए गए घर के अंदर कोरोना पेशेट दोस्तों के साथ मौजूद था। नायब तहसीलदार जब वहां पर पहुंची तो बोला कि मैं नहीं पी रहा था, मेरे दोस्त ही पी रहे थे। मैं तो सिर्फ अलग बैठा हुआ था।
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संक्रमित के खिलाफ प्रशासन ने धारा 188 के अंतर्गत केस दर्ज कराने के बाद से उसे आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट करा दिया है। कोरोना संक्रमित का नाम नारायण है। उसके साथ नामली निवासी प्रवीण तथा शुभम जायसवाल पार्टी करते हुए मिले थे। जबकि एक व्यक्ति तो पीछे के दरवाजे से वहां से भाग निकला। उस पार्टी में शामिल उसके दोनों दोस्तों के सैंपल लिए गए हैं और दोनों ही एक्सिस बैंक के इम्प्लाई हैं।
तहसीलदार गोपाल सोनी के अनुसार रतलाम के नया गांव के निराला नगर से शिकायत आई थी। इस पर नायब तहसीलदार पूजा भाटी जांच करने के लिए वहां मौके पर पहुंची। लेकिन घर के आगे का दरवाजा बंद था, जैसे ही उस दरवाजे को खुलवाया गया तो उसके अंदर महफिल सजी हुई थी। जांच टीम के पहुंचने पर पार्टी में शामिल एक व्यक्ति वहां मौका पाकर फरार हो गया।
covid patient drinking alcohol महामारी कानून 1897 के Section 3:00 में इस बात का जिक्र किया गया है कि अगर कोई भी सरकार, नियमों, कानूनों के निर्देशों को तोड़ता है। तो उसे आईपीसी की धारा 188 के अंतर्गत दंडित किया जा सकता है। इसी संबंध में किसी सरकारी कर्मचारी द्वारा दिए गए निर्देशों का उल्लंघन करने पर भी आप के खिलाफ यह धारा लगाई जा सकती है। आपको अगर सरकार द्वारा जारी उन निर्देशों की जानकारी है तो फिर भी आप उनका उल्लंघन कर रहे हैं, तो आपके ऊपर भी धारा 188 के अंतर्गत कानूनी कार्यवाही की जा सकती है।
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सरकार या फिर किसी सरकारी अधिकारी द्वारा कानूनी रूप से दिए गए आदेशों का अगर आप उल्लंघन करते हैं या फिर आपकी किसी हरकत से कानून व्यवस्था में लगे शख्स को कोई भी नुकसान पहुंचता है covid patient drinking alcohol तो कम से कम 1 महीने की जेल या फिर 200 रुपए जुर्माना या तो दोनों ही हो सकते है।
सरकार के आदेश का उल्लंघन किए जाने से मानव जीवन, सुरक्षा या फिर स्वास्थ्य आदि को खतरा हो सकता है। यहां तक कि आप को कम से कम 6 महीने कीजिए जेल या फिर 1000 रुपए तथा दोनों ही सजा दी जा सकती है।