coronavirus india: भारत में कोविड-19 के मामले लगातार कम हो रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक पिछले 24 घंटों में केवल 1260 मामले ही सामने आए हैं तथा 83 लोगों की मौत हुई है। इसी बीच I CMR की वैज्ञानिक प्रज्ञा यादव ने कोविड-19 महामारी को लेकर कई अहम जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि देश में कोविड-19 काबू में कैसे आया। प्रज्ञा यह कहती है कि जैसे ही चीन ने अपने शुरुआती कोविड-19 मामलों की रिपोर्ट करना शुरू किया। हालांकि एनआईवी ने परीक्षण की तैयारी शुरू कर दी है तथा वुहान से लौटे छात्रों में भारत में पहली ही 3 मामलों का पता लगाया।
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प्रज्ञा यादव ने यह कहा है कि हम लोग कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्राॅन को लेकर डरे हुए थे। कहीं यह भी डेल्टा की तरह तबाही न मचाए। लेकिन जनवरी की बात से हमें राहत मिली जब मैक्सिमम मामले असिम्पटोमेटिक थे। coronavirus india में कम मृत्यु दर के साथ ही कोविड-19 का यह वैरीअंट उतना ही प्रभावशाली नहीं था। उन्होंने यह बताया कि बड़े पैमाने पर टीकाकरण तथा वेरिएंट पर शोध की वजह से हम ओमिक्राॅन पर काबू पा सके। लोगों ने भी मास्क पहन कर हमारे अभियान में हमारा साथ दिया।
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डॉ प्रज्ञा यादव ने यह कहा है कि डेल्टा तथा अन्य खतरनाक और चिंताजनक वैरीअंट के मामले में पहली खुराक में ही कोविशिल्ड तथा दूसरी खुराक में कोवैक्सीन दिए जाने पर भी अच्छे नतीजे मिले। बता दें कि अध्ययन के निष्कर्ष जनरल ऑफ ट्रैवल मेडिसिन में प्रकाशित किए गए हैं।
डॉ प्रज्ञा यादव ने यह भी कहा कि अध्ययन के अंतर्गत तीन श्रेणियों में टीके के प्रभाव का आकलन किया गया। परीक्षण के अंतर्गत सभी लोगों की नजदीक से निगरानी भी की गई। अध्ययन से यह पता चला है कि ओमिक्राॅन के मामले में टीकाकरण उपरांत बनी प्रतिरोधी क्षमता 6 महीने के बाद से ही कमजोर होने लगी। हालांकि इससे टीकाकरण राजनीति में भी बदलाव करने की जरूरत पड़ सकती है।
प्रज्ञा यादव ने यह भी बताया है कि हम ओमिक्राॅन को लेकर ज्यादा आशंकित थे। लेकिन जनवरी के बाद से ही हमें इससे राहत मिली दिखी जब मैक्सिमम मामले कम हुए थे। देश में भी कम मृत्यु दर के साथ ही कोविड-19 का नया वेरिएंट इतना अधिक प्रभावशाली नजर नहीं आया था। इसके कारण से ही देश में बड़े पैमाने पर टीकाकरण तथा वेरिएंट पर शोध। इसके अलावा भी कई ऐसी सारी वजहे थी जिनसे हम ओमिक्राॅन को खत्म भी कर सकते थे। हमने टीकाकरण तथा जन जागरूकता के साथ ही शोध के नतीजे के अनुसार काम करना शुरू किया।
उन्होंने कहा कि जैसे ही चीन में कोविड-19 के संक्रमण बढ़ने लगे थे तथा उसने अपने शुरुआती कोविड-19 मामलों की रिपोर्ट करना शुरू किया। हमारे यहा एनआईवी ने परीक्षण प्रणाली की तैयारियां शुरू कर दी तथा बुहान से लौटे छात्रों में भारत ने पहली तीन मामलों का पता लगा लिया। जिसके बाद से ही हमें यह पता था कि महामारी आ रही है तथा भारत को इससे निपटने के लिए संसाधनों को जमा करना होगा।