महंगाई,किसान आंदोलन और लखीमपुर कांड के कारण हो रही आलोचनाओं के बीच भी बीजेपी के लिए एक राहत की बात है कि वह अब भी उत्तर प्रदेश चुनाव में अपनी जीत के झंडे गाड़ती दिखाई दे रही है। अगले साल उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले है और सर्वे में एक बार फिर से वहां बीजेपी की सरकार ही बनती दिखाई दे रही है। एबीपी न्यूज सी-वोटर के सर्वे में उत्तर प्रदेश की जनता ने फिर एक बार भाजपा पर भरोसा तो जताया है, लेकिन सितंबर-अक्टूबर के मुकाबले नवंबर में जनता का मिजाज भी काफी बदला बदला है। लेटेस्ट सर्वे में रुपी में भगवा पार्टी फिर से सत्ता पर काबिज होती दिख रही है, मगर सीटों का भी बड़ा नुकसान होता नजर आ रहा है। अगर हम सितंबर, अक्टूबर और नवंबर के सर्वे की तुलना करते हैं तो भले ही उत्तर प्रदेश में बीजेपी जीत हासिल करती दिख रही हो, मगर इन तीनों महीनों में बीजेपी के ग्राफ में भी बड़ी गिरावट आ गई है। जबकि सपा को फायदा होता नजर आ रहा है। तो चलिए समझते हैं कि सितंबर से लेकर अब तक जनता के मूड का बदलाव।
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एबीपी न्यूज-सी वोटर सर्वे के मुताबिक, युपी में भाजपा को 213 से 221 सीटें तो दुसरी और अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी को 152-160 सीटें मिलती नजर आ रही हैं। बीएसपी को 16 में से 20 सीटें, कांग्रेस को 6 में से 10 सीटें और अन्य को 2 से 6 सीटें मिलने की संभावना हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में भगवा पार्टी को 325 और सपा को 48 सीटें मिली थीं, जबकि बसपा को 19 और कांग्रेस को सात सीटें ही मिली थीं। अगर हम नुकसान और फायदे की बात करते हैं तो भाजपा को करीब सौ सीटों का नुकसान हो रहा है। दुसरी ओर सपा को इतनी ही सीटों का फायदा भी होता दिख रहा है। प्रियंका गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस का कमाल सर्वे में नजर नहीं आ रहा है। वहीं अगर हम वोट फीसदी की बात करें तो बीजेपी को करीब 41 फीसदी वोट शेयर मिलने का अंदाजा है। यह साल 2017 से थोड़ा कम भी है। समाजवादी पार्टी को 31 फीसदी तो बसपा को 15 फीसदी वोट मिलने का अंदाजा है। कांग्रेस को 9 फीसदी वोट मिलता नजर आ रहा है। यहां समाजवादी पार्टी को फायदा हो रहा है, क्योंकि अखिलेश यादव की पार्टी को पिछले चुनाव में सिर्फ 23.6 फीसदी वोट ही मिले थे।
एबीपी न्यूज सी-वोटर के सर्वे के अनुसार, युपी में बीजेपी को 41 फीसदी वोट हासिल होता नजर आ रहा था, जबकि सपा के खाते में 32 फीसदी, बहुजन समाज को 15 फीसदी, कांग्रेस क खाते में 6 फीसदी और अन्य को 6 फीसदी वोट जाने के अनुमान थे। वहीं, सीटों के लिहाज से देखते हैं तो अक्टूबर के सर्वे में बीजेपी के खाते में 241 से 249 सीटें जाती मालूम हो रही थी। अखिलेश की समाजवादी पार्टी के हिस्से में 130 से 138 सीटें आने का अंदाजा था। वहीं, बसपा 15 से 19 के बीच और कांग्रेस 3 से 7 सीटों के बीच ही सिमटती नजर आ रही थी।
एबीपी न्यूज सी-वोटर के सर्वे के अनुसार, सितंबर के पहले सप्ताह में युपी में बीजेपी को 259 से 267 सीटें मिलती मालूम हुई थी, वहीं समाजवादी पार्टी को 109-117 सीटें , बीएसपी को 12-16 सीटें, कांग्रेस को 3-7 सीटें और अन्य को 6-10 सीटें मिलती नजर आई थी। वहीं, अगर वोट प्रतिशत की चर्चा करते हैं तो बीजेपी गठबंधन को करीब 42 फीसदी, समाजवादी पार्टी गठबंधन को 30 फीसदी, बहुजन समाज पार्टी को 16 फीसदी, कांग्रेस को 5 फीसदी और अन्य को 7 फीसदी वोट शेयर हासिल होने की उम्मीद जतलाई गई थी।
अगर हम सितंबर, अक्टूबर और नवंबर के सर्वे की तुलना करते हैं तो बीजेपी को मौजूदा वक्त में करीब 40 से 50 सीटों का घाटा होता मालूम हो रहा है। इस बात का अर्थ यह होता है कि सितंबर में जहां उत्तर प्रदेश में बीजेपी को 259 से 267 सीटें मिलती दर्ज हो रही थीं, वही अब इस माह नवंबर के सर्वे में भी को महज 213 से 221 सीटों पर ही सिमटती नजर आ रही हैं। इसका मतलब यह है कि सितंबर से नवंबर के बीच में उत्तर प्रदेश की जनता का रवैया अब बीजेपी के प्रति बदल चुका है। अगर हम वोट फीसदी की तुलना करते हैं तो सितंबर में बीजेपी को 42 फीसदी वोट मिल रहे थे, और अब इस नवंबर के लेटेस्ट सर्वे में 41 फीसदी ही मिलते दिख रहा है। यानी एक फीसदी की गिरावट हुई है। पिछले महीने अक्टूबर में भी वोट फीसदी 41 ही था। अगर हम समाजवादी पार्टी की बात करते हैं तो सर्वे में इस पार्टी को बड़ा फायदा होता मालूम हो रहा है। सपा को सितंबर में 109 से 117 सीटें मिलती दिखी थीं, मगर नवंबर के सर्वे के अनुसार 152 से 160 सीटें ही मिलती दिख रही हैं। यानी सितंबर की तुलना में सपा को करीब 40 सीटों का फायदा होता दिख रहा है।
लेटेस्ट सर्वे यानी नवंबर महीने के सर्वे में बीजेपी को 213 से 221 सीटें मिलती दिख रही हैं। यानी भाजपा को करीब 100 सीटों का नुक़सान होता दिख रहा है। वहीं, सपा को करीब सौ सीटों का फायदा होता नजर आ रहा है। इस से पहले साल 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 325 और समाजवादी पार्टी को 48 सीटें मिली थीं। बसपा को 19 और कांग्रेस को सात सीटें ही हासिल हुईं थीं। बीजेपी के ग्राफ में सितंबर के सर्वे की तुलना में नवंबर में अधिक गिरावट आई है।