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China : हमेशा से ही अपने पड़ोसी देशों पर अवैध तरीके से कब्जा करता चला आ रहा है। भारत के उत्तरी सीमा में अनेक बार चीन घुसपैठ करता आया है और अरुणाचल प्रदेश तथा जम्मू कश्मीर के काफी हिस्से को हथिया लिया है पिछले साल China भारत की सीमा के अंदर घुसपैठ करने की कोशिश कर रहा था और इस झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे हालांकि हाल ही में एक खबर आई की चीन के भी कई सैनिक मारे गए थे
लेकिन प्राय आए झड़पें होती रहती हैं क्योंकि चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आता है चीन केवल इसी ताक में रहता है कि कब किसी के घर का गेट खुला मिल जाए और हम घुस कर कब्जा कर लें चीन भारत की सीमा को नहीं मानता इसलिए वह है भारत के सीमा के अंदर आने की कोशिश करता है और भारत चीन की माने हुए सीमा नहीं मानता इसलिए हुआ है अपने सीमा के अंदर China सेना को नहीं उसने देता और किराया टकराव की स्थिति बनती है।
लद्दाख में पैंगोंग झील पर China अवैध पुल बना रहा है। पुल को लेकर केंद्र सरकार ने लोकसभा में लिखित जवाब दिया है। विदेश मंत्री मुरलीधरन ने कहा है कि इन अवैध रूप से इस पुल का निर्माण कर रहा है। भारत किसी भी सूरत में अवैध कब्जा बर्दाश्त नहीं करेगा। अवैध कब्जे बाली क्षेत्र में चीन 8 मीटर चौड़ा पुल बना रहा है।
यह पैंगोंग के उत्तरी तट पर स्थित है और जब यह पुल बन जाएगा तो उत्तरी तट से दक्षिणी तट पर चीनी सैनिकों को आवाजाही में आसानी होगी और कम समय लगेगा। 2020 में गलवान क्षेत्र भारत के सैनिकों की झड़प हुई थी। तब अवैध कब्जे वाले क्षेत्र में चीन द्वारा बनाए गए अस्पताल और सैनिकों के अभ्यास भी देखे गए थे। चीन द्वारा बनाया जा रहा यह पुल सैटेलाइट तस्वीरों में साफ-साफ दिख रहा है और इसका निर्माण कार्य अभी चल रहा है।
4 फरवरी को भारत सरकार ने संसद में बताया कि पूर्वी लद्दाख में बैंगन झील पर चीन अपना पुल बना रहा है क्षेत्र चीन ने 1962 में अपने कब्जे में ले लिया था। भारत सरकार ने कहा कि युवा है अन्य देशों से भारत की संप्रभुता और अखंडता का सम्मान करने की अपेक्षा रखता है
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“भारत ने चीन द्वारा पैंगोंग झील पर बनाए जा रहे एक पुल पर चिंता जाहिर की है। यह पुल उस क्षेत्र में बनाया जा रहा है जो 1962 से चीन के अवैध कब्जे में है। भारत सरकार ने इस अवैध कब्जे को कभी स्वीकार नहीं किया है। सरकार ने कई मौकों पर यह स्पष्ट किया है कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है और हम उम्मीद करते हैं कि अन्य देश भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करेंगे।“
यह पुल भारत के लिए एक भावी खतरा है क्योंकि चीन इस पुल के द्वारा उत्तरी पैंगोंग तट से दक्षिणी पैंगोंग तट तक आसानी से आ जाएगा और और वह अपनी बढ़त बनाता जाएगा और चीन को हथियारों को लाने और ले जाने में भी आसानी होगी । जिससे भारतीय सीमा पर और अधिक खतरा बढ़ जाएगा।