Medical Science
Medical Science: किसी भी असक्षमता के साथ जन्मे लोगों के लिए सामान्य जीवन जीना एक बहुत बड़ी चुनौती बन जाता है। कुछ भाग्यशाली लोग ही होते हैं जो Medical Science के दम पर जन्म के साथ आई असक्षमताओं से छुटकारा पा जाते हैं। लेकिन कुछ लोगों की असक्षमता लाइलाज हो जाती है। इकांश के साथ भी कुछ ऐसा ही था लेकिन डॉक्टर की मेनहत तथा मेडिकल साइंस के चमत्कार ने इस बच्चे को इसका जीवन लौटा दिया।
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गौरतलब है कि इकांश वोकल काॅड और विंड टाइप के बीच करीब 4 सेंटीमीटर का गैप बन गया था। बीते 7 सालों से वो ट्रेकोस्टोमी ट्यूब पर था। इस ट्यूब के जरिए इकांश सांस तो ले पा रहा था। लेकिन उसके बोलने की क्षमता भी गायब थी। इसी कमी की वजह से उसकी जिंदगी बहुत मुश्किल हो गई थी। परिजनों ने जहां भी उसका इलाज कराना चाहा उसकी सर्जरी के लिए मना कर दिया गया। सब डॉक्टर यही कहते थे कि सर्जरी जटिल है तथा इसमें बच्चे की जान को ही खतरा है।
इकांश एवं उसके परिवार वालों की तपस्या उस दिन रंग लाई जब गंगाराम अस्पताल के डॉक्टरों की टीम ने इस रेयर सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम तक पहुंचा दिया। अच्छी बात यह है कि इकांश अब बोलने लगा। उसके मुंह से शब्द यही टूटे-फूटे मैं एकांश हूं,13 साल का हूं तथा मैं अब आराम से सांस ले सकता हूं। सबसे बात भी कर सकता हूं। इसने अपनी सर्जरी करने वाले डॉक्टरों का भी धन्यवाद कहा।
बता दें कि गंगा राम अस्पताल की इएनटी डिपार्टमेंट के डॉक्टर मनीष मुंजाल के मुताबिक 7 साल पहले बच्चे को हेड इंजरी हुई थी। इलाज के दौरान ही वो कुछ दिन वेंटीलेटर पर था। इसी के दौरान ब्रीदिंग पाइप डाली गई थी। उसके वॉइस बॉक्स तथा विंड पाइप के बीच सिकुड़न हो गई। ये करीब 3 से 4 सेंटीमीटर तक सिकुड़ गई। उस वक्त बच्चे को सांस आने के लिए ट्रेकोस्टोमी में ट्यूब लगा दी गई। लेकिन ये बाद में 100 फ़ीसदी ब्लॉक हो गया। सर्जरी के लिए बच्चा जहां भी जाता उसकी खराब स्थिति देखकर डॉक्टर मना कर देते थे। काफी हाई रिस्क सर्जरी थी जिसमें जान जाने का खतरा भी था।
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हालांकि बाद में डॉक्टर मनीष मुंजाल में थोरासिक टीम के साथ मिलकर एक टीम बनाई तथा सर्जरी की प्लानिंग कर इसे अंजाम दिया। डॉक्टर के मुताबिक उन्होंने विंड पाइप के निचले हिस्से को छाती में उसके आसपास के अटैचमेंट से अलग किया तथा विंड पाइप को वॉइस बॉक्स की तरफ खींच लिया। डॉक्टर का यह कहना है कि सर्जरी पूरी तरह से सफल रही। अभी बच्चा पूरी तरह से ठीक है। बोल पा रहा है और सांस भी ले पा रहा है।