Byju’s Loan Default: भारतीय लीडिंग एडुटेक कंपनी बायजू की मुश्किलें हर दिन बढ़ती ही जा रही है। इस बार अमेरिका ने बायजू को बहुत बड़ा झटका देते हुए चांसरी कोर्ट के न्यायाधीश मॉर्गन जर्न ने बायजू की याचिका को खारिज किया है। ये याचिका Alpha Inc के लेंडर्स के खिलाफ दायर की गई थी।
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ग्लास ट्रस्ट कंपनी ने लोन पर Byju’s के खिलाफ मुकदमा दायर किया गया था, जो लेंडर्स के लिए ट्रस्टी के तहत काम करती है। लेंडर्स के साथ चल रहे मतभेदों के कारण कुछ निवेशकों Byju’s में अपनी हिस्सेदारी कम करने के लिए प्रेरित हुए। ऑनलाइन एजुकेशन के क्षेत्र में महामारी के दौर की तेजी खत्म होने पर Byju’s के बढ़ रहे संकट के बीच अब लेंडर्स लोन के अपने 1.2 अरब डॉलर कंपनी से वापस पाने के लिए लगातार प्रयास कर रही हैं।
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दरअसल, Alpha Inc बायजू (Byju’s Loan Default) की सब्सिडयरी है और इसका सारा कंट्रोल कंपनी के लेंडर्स ने अपने हाथों में लिया हुआ है। इन लेंडर्स ने ही बायजू को कर्ज दिया हैं। लेंडर्स ने आरोप लगाया है कि कंपनी ने 1.2 बिलियन डॉलर के लोन पर डिफॉल्ट किया था। इन लोन देने वाले लेंडर्स में सिल्वर पॉइंट कैपिटल एलपी और रेडवुड इन्वेस्टमेंट्स एलएलसी शामिल हैं।
जस्टिस मॉर्गन जर्न ने फैसला सुनाते हुए कहा कि डिफॉल्ट के संजोगों में लोन की शर्तों ने उधारदाताओं को गिरवी रखे गए Bjyu कंपनी के अल्फा शेयरों को कंट्रोल करने की परमिशन दी है। हालांकि, लोन पेमेंट करने पर लेंडर्स अपना कंट्रोल हटा भी सकते हैं।
बायजू लर्निंग प्लेटफार्म अपने ग्रुप की दो कंपनियों- बच्चों पर आधारित डिजिटल रीडिंग प्लेटफॉर्म एपिक और हाई एजुकेशन प्लेटफॉर्म ग्रेट लर्निंग को टर्म लोन के री-पेमेंट के लिए तत्काल पैसे जुटाने को इसे बेचने के लिए तैयार है। वर्तमान रिपोर्ट्स के मुताबिक कंपनी अपने एपिक को जोफ्रे कैपिटल लिमिटेड को करीब 400 मिलियन डॉलर में बेचने के लिए तैयार है। अंदाजा लगाया जा रहा है कि डील फाइनल होने के बाद बायजू लोन का 300 मिलियन डॉलर तीन महीने के समय में चुकाने की पेशकश कर सकती है और बाकी अमाउंट अगले तीन महीनों में चुकाने का प्लान है।