Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या से करीब 373 किमी दूर नेपाल की गंडकी नदी से लाए गए शालिग्राम पत्थर रामनगरी अयोध्या पहुंच गए हैं । गुरुवार सुबह शालिग्राम पत्थर की 2 भारी भरकम शिलाएं अयोध्या पहुंची तो भक्तों की भारी भीड़ जमा हो गई । लोग शिलाओं की पूजा अर्चना करने लगे । बता दें कि अयोध्या में जारी राममंदिर निर्माण में श्रीराम की मूर्ति इन्ही शालिग्राम शिलाओं से बनेगी । हिंदू धर्म में शालिग्राम शिलाओं का विशेष महत्व है और शालिग्राम को भगवान विष्णु का स्वरूप माना जाता है ।
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करीब 7 दिनों और 373 किमी की यात्रा कर अयोध्या पहुंचने वाली शालिग्राम शिलाएं बेहद पुरानी हैं । ऐसा माना जाता है कि ये पत्थर करीब 6 करोड़ साल पुराने हैं । वहीं इनका पौराणिक रूप से भी अपना महत्व है। बता दें कि शालिग्राम शिलाओं को चूना पत्थर या लाइम स्टोन भी कहते हैं । वहीं इनकी भौगोलिक विशेषता की बात की जाए तो ये पत्थर लाखों–करोड़ों साल पुराने माने जाते हैं जबकि इन्हे कई लाख करोड़ साल तक भी सुरक्षित रखा जा सकता है । ये शिलाएं समुद्र तलों से चिपके रहते हैं और काफी भारी भरकम रूप में पाए जाते हैं ।
बता दें कि रामलला की मूर्ति शालिग्राम की शिलाओं को लाने के लिए काफी समय से रामजन्म भूमि तीर्थ ट्रस्ट और वीएचपी प्रयास कर रहे थे । वहीं नेपाल के पूर्व उपप्रधानमंत्री आदि के सहयोग से जनकपुर में काली नदी से ये पत्थर निकाले गए थे । बता दें कि इन शालिग्राम शिलाओं में से एक शिला का वजन 26 टन है जबकि दूसरी शिला का वजन 14 टन है । ये शालिग्राम शिलाएं नेपाल से 26 जनवरी को रवाना हुईं थीं ।
राममंदिर में भगवान राम की मूर्ति बनाने में लगने वाली शालिग्राम शिलाओं का पौराणिक रूप से विशेष महत्व है । हिंदू धर्म में शालिग्राम को भगवान विष्णु का रूप माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि श्री राम भगवान विष्णु के सातवें अवतार हैं । यही वजह है कि शालिग्राम पत्थर से भगवान श्री राम–माता सीता की मूर्ति के अलावा लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न की मूर्ति बनाने का फैसला किया गया है । बता दें कि नेपाल से लाई गईं शिलाओं को जांच के बाद मूर्ति बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा । नेपाल से लाई जा रही 2 शिलाओं में से एक का इस्तेमाल गर्भगृह में बनने वाले श्री राम की मूर्ति बनाने में किया जाएगा ।
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Ayodhya Ram Mandir निर्माण का कार्य तेजी से गतिमान होने के साथ ही नेपाल से अयोध्या आई शालिग्राम शिलाओं की वजह से रामनगरी में उत्सव जैसा माहौल हो गया है । अयोध्या में शालिग्राम शिलाओं के दर्शन के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ने लगा है । बुधवार रात आईं शालिग्राम शिलाओं के दर्शन के लिए जहां लोग आने लगे वहीं शिलाओं के पूजन अर्चन का सिलसिला भी शुरू हो गया । श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय आदि ने शिलाओं को राम सेवक पुरम में रखवाया । वहीं जय श्री राम के नारों से परिसर गुंजायमान रहा।
नवंबर 2019 में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो गया था । वहीं 5 अगस्त को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भूमि पूजन किया गया था । इसके बाद से ही मंदिर निर्माण का कार्य जोरों शोरों से चलने लगा था । बता दें कि जानकारी के अनुसार अगस्त 2023 तक श्री राम मंदिर का भीतरी तल बन जायेगा ।