Ashok Chakra हमारा देश वीरों की भूमि है, सालों से हमारे देश के कई सपूतों ने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दे दिया है। ऐसे ही भारत माता के एक वीर जम्मू-कश्मीर पुलिस में थे। जिन्हें उनके अमूल्य बलिदान के लिए देश में शांतिकाल का सर्वोच्च पुरस्कार अशोक चक्र से नवाजा कर सम्मानित किया गया है। देश की रक्षा के लिए अपनी जान न्यौछावर करने वाले इस वीर जवान का नाम ASI बाबू राम है, जिन्होंने कई आतंकियों को उनके अंजाम तक पहुंचाने का काम किया था। सम्मानित
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Ashok Chakra बाबू राम आतंकवादियों पर किसी कहर की बरसते थे। पुंछ जिले के मेंढर के रहने वाले बाबू राम को बचपन से ही पुलिस या सेना में भर्ती होने की इच्छा थी। उस बाद साल 1999 में वो कॉन्टेबल के पद पर जम्मू-कश्मीर पुलिस में भर्ती हुए थे। Ashok Chakra बाबू राम की काबलियत ऐसी थी कि उन्हें कुछ ही साल में आतंकवादी रोधी दस्ते में शामिल कर लिया गया था। इसके बाद कई आतंकवाद रोधी अभियानों में शामिल होकर उन्होंने आतंकियों को ढेर किया था। बाबू राम ने कई मुठभेड़ में करीब 28 आतंकियों को ठिकाने लगाया था।
29 अगस्त 2020 को वीर जवान ASI बाबू राम आतंकियों से लड़ते-लड़ते शहीद हो गए थे। उस दिन यहां पर श्रीनगर के पंथा चौक पर बाबू राम और उनकी टीम सड़क से गुजरने वाले वाहनों की निगरानी में लगी हुई थी। लेकिन उस दरमियान ही वहां तीन आतंकी आए और भीड़ में एक जवान पर हमला कर उसके हथियार छीनने की कोशिश भी की थी। सबसे कठीन बात यह थी कि इलाका भीड़भाड़ वाला था और बाबू राम और उनकी टीम आतंकियों को निशाना बनाने में असफल रही थी।
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जवानों द्वारा हवा में फायर शुरू करने पर आतंकी भागकर पास की एक बिल्डिंग में जा छिपे थे। उस बिल्डिंग में कुछ आम लोग भी शामिल थे। जवानों ने तुरंत ही इस घर की घेराबंदी की थी और उनकी आतंकियों के साथ मुठभेड़ शुरू हो गई थी। जवानों के लिए घर में रहने वाले लोगों को भी बचाना भी एक बहुत ही बड़ी चुनौती था। Ashok Chakra बाबू राम लोगों को बचाने के लिए अपनी जान पर खेल गए। उन्होंने अपने साथियों से मोर्चा संभाले रखने को कहा और खुद बिल्डिंग में लोगों को रेस्क्यू करने के लिए पहुंच गए और वहां आतंकियों ने उन पर गोलियां चलाईं थी। यहीं बाबू राम का सामना लश्कर के कमांडर शाकिब बशीर से हुआ और एएसआई बाबू राम ने उस आतंकी को वहीं ढेर कर दिया।
उन्होंने इस ऑपरेशन में तीनों आतंकियों को मार गिराया था, बुरी तरह घायल बाबू राम को अस्पताल पहुंचाया गया लेकिन इलाज के दौरान ही ASI बाबू राम शहीद हो गए। उन्हें इस बहादुरी और लोगों के लिए अपनी जान दांव पर लगाने के जज्बे के लिए मरणोपरांत Ashok Chakra से सम्मानित किया गया है।