Varanasi: भारत देश की सबसे अनमोल धरोहर यहां की संस्कृति रही है। साथ ही यह भी सत्य है, कि यहाँ की संस्कृति सदैव उथल-पुथल के चक्र में फँसी रही है। क्योंकि हमेशा यहां आक्रमणकारियों का बोलबाला रहा है, यही वजह है, कि आज़ाद भारत मे भी सांस्कृतिक युद्ध विराम का नाम नहीं ले रहा,यह मेरा है वह मेरा है कि लड़ाई पारस्परिक विद्वेष,नफ़रत और अलगाव तक पहुँच चुकी है,
अयोध्या के श्री राम मंदिर प्रकरण के बाद बनारस के विश्वेश्वर मन्दिर जिसे वर्तमान में ज्ञानवापी मस्ज़िद के नाम से जाना जाता है का मुद्दा उठा और उसपर कार्यवाई जारी है,इसी बीच बनारस से ही एक और मस्जिद चर्चा में है जिसे कहा जा रहा है कि मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी,आपको बताते हैं कि कहां है यह मस्ज़िद और क्या है इसमें खास…।
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ज्ञानवापी मस्जिद के बाद जिस मन्दिर की अब चर्चा हो रही है सबसे पहले हम आपको उस मस्जिद के बारे में बताते हैं तो आपको बता दें कि यह मस्जिद पंच गंगा घाट पर स्थित है और उसे धरहरा मस्जिद के नाम से जाना जाता है, काफी विशाल और विस्तीर्ण क्षेत्र में फैली यह मस्ज़िद अब विवादों के घेरे में आ गयी है और ऐसा कहा जा रहा है कि यह मस्जिद भी मन्दिर को तोड़कर बनाई गई थी।
तारीखों से इतर हटकर अगर बात सिर्फ मस्ज़िद के एंगल से करें तो आपको बता दें कि लोगों का कहना है कि धरहरा मस्जिद की मीनारे इस तरह बनाई गई थी कि इन पर चढ़ने से दिल्ली का कुतुबमीनार साफ़-साफ़ दिखता था,लेकिन लगभग 100 साल पहले उन मीनारों को किन्ही कारणों से तोड़ दिया गया था। इस प्रकार लोगों का कहना है कि यह अपने समय की एक अनूठी मस्जिद है लेकिन अफ़सोस यह है कि यह भी अब विवाद के घेरे में हैं कि इसे भी मन्दिर तोड़कर ही बनवाया गया है।
अब जब प्रश्न यह किया जाता है अगर यह सत्य है कि यह मस्ज़िद भी मन्दिर को तोड़कर बनाई गई है तो आख़िर यह कार्य किया किसने था तो फिर वही घिसा-पिटा नाम सामने आता है- औरंगजेब,जी हाँ यह कहा जा रहा है कि यह मस्जिद भी अपने समय मे औरंगजेब ने ही एक मंदिर को तोड़कर कर बनाया था। आपको पता है कि औरंगजेब इतिहास का एक विवादित अध्याय है और पूरे भारत मे मुगलो के नाम पर जितने भी विवाद हैं उन सब मे सबसे ज्यादा विवाद औरंगजेब से जुड़े हुये हैं,ज्ञानवापी के बाद एक धरहरा मस्जिद भी विवाद के घेरे में आ गयी है।
बात उठी है तो दूर तलक जायेगी, अब हक़ीक़त सभी को साफ़ नज़र आयेगी, क्या ऐसा हो सकता है कि हक़ीक़त सबको पता चल सके,और क्या लोग हक़ीक़त को स्वीकार भी करेंगे ऐसे कई प्रश्नों के बीच मे जब यह प्रश्न उठा कि किस मन्दिर को तोड़कर मस्जिद बनी तो काशी के विद्वानों ने इसका भी बड़ी बेबाकी से जवाब दिया,काशी के विद्वानों का कहना है कि यह मस्जिद बिंदु माधव के मंदिर को तोड़कर बनाई गई है, इस प्रकार काशी की एक और मस्जिद धरहरा मस्जिद के तौर अब औरंगजेब से होकर प्राचीन बिंदु माधव मन्दिर से जुड़ने लगे हैं,यह तार कहाँ तक फैलेंगे यह समय बतायेगा।
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भारत देश मे यह ख़बर आप उस दौर में पढ़ रहे है जिस दौर में मंहगाई और बेरोजगारी अपनी चरम सीमा पर हैं,लोग दर-दर भटक रहे हैं,भ्रष्टाचार सिर उठाये नंगा नाच, नाच रहा है, इस समय भारत के लोग सांस्कृतिक बचाव एवं पुनर्संरक्षण के नाम पर पारस्परिक द्वेष और अलगाव का शिकार होते जा रहे हैं ऐसे में भारत का भविष्य क्या है यह विचार का विषय है,आप इस प्रश्न पर क्या सोचते हैं हमे जरूर बताइये।