Anek movie Trailer release: इन दिनों सोशल मीडिया पर आयुष्मान खुराना अभिनीत फिल्म “अनेक” का ट्रेलर का एक सीन जमकर वायरल हो रहा है। दरअसल, इस वायरल हो रहे सीन में आयुष्मान हिंदुस्तानी की आइडेंटिटी को लेकर एक बेहद ही उत्तेजक सवाल पूछते हैं आयुष्मान कहते हैं,”उत्तर भारतीय नहीं, दक्षिण भारतीय नहीं, पूर्वी भारतीय नहीं, पश्चिम भारतीय नहीं। सिर्फ भारतीय कैसे होता है आदमी ?”
Anek Movie Trailer, आजादी के बाद से ही हमारे देश में भाषा के आधार पर राज्य का विभाजन करना या फिर राष्ट्रीय भाषा का पसंद करना एक जटिल मुद्दा बना हुआ है हमारे देश में पश्चिम बंगाल में बंगाली, दक्षिण के राज्यों में तेलुगू, तमिल, मलयालम, नॉर्थ ईस्ट में रीजनल लैंग्वेज, ओडिशा में उड़िया और मध्य भारत में हिंदी भाषा बोली और समझी जाती है। इस दौरान बीच-बीच में अलग-अलग राज्यों में किसी ना किसी मुद्दे पर भाषा को लेकर विवाद भी होता रहता है।
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भाषा पर भेदभाव और नॉर्थ ईस्ट के लोगों के साथ नस्लवादी भेदभाव पर आधारित अनुभव सिन्हा की फिल्म “Anek” का ट्रेलर लॉन्च किया गया है। 23 मई को रिलीज होने वाली इस फिल्म में आयुष्मान खुराना मुख्य भूमिका में है। इस फिल्म का ट्रेलर लॉन्च होते ही इसका एक सीन सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। साथ ही इस फिल्म का ट्रेलर रिलीज होते ही भाषा का मुद्दा फिर एक बार देश में गर्माया है।
आयुष्मान खुराना की फिल्म अनेक का ट्रेलर गुरुवार को रिलीज हुआ और अब सोशल मीडिया पर करीब 3 मिनट के इस ट्रेलर के चर्चे हैं। दरअसल, 31 सेकंड के एक सीन ने हिंदी भाषा और हिंदुस्तानी होने की डिबेट को फिर से ताजा कर दिया है।
आयुष्मान खुराना स्टारर फिल्म अनेक के इस सीन में आयुष्मान खुराना गाड़ी चलाते हुए एक शख्स से बात रहे हैं। आयुष्मान सवाल करते हैं आप कहां से हैं सर? सामने से जवाब मिलता है तेलंगाना से। इस पर आयुष्मान फिर पूछते हैं, साउथ, साउथ क्यों सर? इस पर वह शख्स जवाब देता है, क्योंकि मैं साउथ इंडिया से हूं।
उस शख्स के इस जवाब पर आयुष्मान खुराना कहते हैं, तेलंगाना तो तमिलनाडु के नॉर्थ में है। तमिलनाडु के लोगों को आपको नॉर्थ इंडियन कहना चाहिए। इस पर वह शख्स कहता हैं, शायद। अब आयुष्मान उस शख्स से सवाल पूछते हैं, आपको क्या लगता है, मैं कहां से हूं सर? वह शख्स बोलता है, नॉर्थ इंडिया। आयुष्मान बोलते हैं, ऐसा क्यों लगा है आपको, जवाब मिलता है, क्योंकि तुम्हारी हिंदी साफ है।
सोशल मीडिया पर लोगों ने यह सवाल उठाना शुरू कर दिया है। खासकर अजय देवगन और किच्चा सुदीप की ट्विटर पर हुई बातचीत के बाद हिंदी भाषा की राजनीति पर सवाल उठने लगे हैं।
अनुपम सिन्हा ने यह फिल्म उत्तर पूर्वी भारत में राजनीतिक अशांति और उग्रवाद के मुद्दे पर केंद्रित करके बनाई है। फिल्म के विषय को रिलीज करते ही देश के भीतर हिंदी भाषा की राजनीति और नस्लवाद के मुद्दों को फिर से उठाया गया है। इस प्रकार इस फिल्म से हमारे देश में मुख्य भाषा एक नागरिक के “भारतीयता” होने को परिभाषित करती है, इस मुद्दे को बड़े ही सशक्त तरीके से उठाया गया है। फिल्म में आयुष्मान खुराना हिंदी का उदाहरण देते हैं और कहते हैं की कोई भाषा कैसे परिभाषित कर सकती है की कौन हिंदुस्तानी है और कौन नहीं है!
यह फिल्म सोशियो-पॉलिटिकल ड्रामा है। फिल्म के ट्रेलर को दर्शकों का बहुत ही अच्छा रिस्पॉन्स मिला है। इस सीन के अलावा भी फिल्म के कई सीन्स और डायलॉग चर्चा में हैं। फिल्म के डायरेक्टर अनुभव सिन्हा ने इस फिल्म में खासतौर पर नॉर्थ ईस्ट के लोगों के साथ होने वाले भेदभाव को दर्शाया है।
अनुभव सिन्हा, अक्सर ही अपनी फिल्मों के जरिए सोशल इश्यू पर आधारित फिल्में बनाते हैं। अनेक का ट्रेलर रिलीज होते ही हम एक बार फिर ये सोचने के लिए मजबूर हो गए हैं कि क्या हम वाकई नॉर्थ ईस्ट के लोगों के साथ भेदभावपूर्ण और नस्लवादी व्यवहार तो नहीं कर रहे।
Anek एक राजनीतिक एक्शन थ्रिलर है, एक बहादुर अंडरकवर एजेंट जोशुआ (आयुष्मान खुराना), देश को एकजुट करने के मिशन पर है। फिल्म पूर्वोत्तर भारत के एक संघर्ष-ग्रस्त क्षेत्र में जोशुआ की यात्रा का अनुसरण करती है, जहां उसे सबसे बड़े आतंकवादी समूह और उसके विद्रोही नेता – टाइगर सांगा के साथ शांति समझौते की सुविधा के लिए तैनात किया गया है।
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अपने मिशन के एक भाग के रूप में, जोशुआ अपने एक सदस्य की बेटी, आइडो से मित्रता करके एक अलगाववादी समूह में घुसपैठ करने की कोशिश करता है। मुक्केबाज, Aido भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतने का सपना देखती है। भले ही उसे हर कदम पर भेदभाव का सामना करना पड़ता है, लेकिन देश को गौरवान्वित करके एक भारतीय के रूप में स्वीकार किए जाने की उम्मीद में, Aido राष्ट्रीय टीम में एक स्थान के लिए लड़ना जारी रखती है।
क्या जोशुआ देश को एक करने के अपने मिशन में विजयी होगा? क्या Aido को अपनी काबिलियत साबित करने को मिलेगी? अनेक एक दिल दहला देने वाली कहानी है जो इस बात की पड़ताल करती है कि एक भारतीय होने का क्या मतलब है और देश में व्याप्त विभाजन से ऊपर उठने के लिए क्या करना चाहिए।