Akshardham Mandir: यहां का म्यूजिकल फाउंटेन दिलों में बस जाएगा

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Akshardham mandir

इस समय भारत में प्राचीन तथा नवीन ऐसी कई इमारतें व वास्तुकला के अनोखे अजूबे हैं। जिन्हें पूरी दुनिया में प्रसिद्धि हासिल है। लाल किला, इंडिया गेट, ताजमहल, केरल के मंदिर, सूर्य मंदिर, अक्षरधाम मंदिर आदि ने न सिर्फ भारत के संस्कृति विरासत को हरा भरा किया है। बल्कि देश में इससे वास्तुकला व भवन निर्माण कला को भी एक स्पीकर तक पहुंचाया है। वैसे भी डिस किसान कहे जाने वाले ताजमहल ने दो पहले से ही पूरी दुनिया के सात अजूबों के तौर पर अपनी पहचान बनाए हुए हैं। तथा देश की अब एक और इमारत ने हमारा सर गर्व से ऊंचा किया है। 21वीं सदी की सात अजूबों में भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित अक्षरधाम मंदिर को शामिल किया गया है।

Akshardham in Delhi

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय शिल्प कला को इतनी बड़ी पहचान मिलने से देश को बहुत फायदा होगा। देश में पर्यटन को बढ़ावा तो मिलेगा ही लेकिन इससे दायित्व भी बढ़ेगा स्पेशली दिल्लीवासियों तथा दिल्ली सरकार का। यमुना के तट पर अक्षरधाम मंदिर स्थित है। जहां पर इसे हमेशा गंदे पानी, दूषित हवा तथा प्रदूषण का खतरा बना रहता है। तथा ऊपर से आम लोगों की अनदेखी भी परेशानी का कारण बन सकती है। अक्सर अक्षरधाम जाने वाले आम लोग बाहर से ही घूम कर आ जाते हैं। वो मंदिर के अंदर सिनेमा तथा नौका यात्रा का मजा नहीं लेना चाहते, क्योंकि टिकट का अधिक मूल्य उन्हें फिजूलखर्ची ही लगती है। फिर भी सबको यह समझना चाहिए कि इतनी बड़ी इमारत के रखरखाव के लिए अगर आपको कुछ रुपयों का मूल्य चुकाना पड़े तो इसमें कोई बड़ी बात नहीं है।

यहां का म्यूजिकल फाउंटेन दिलों में बस जाएगा, दिल्ली का अक्षरधाम मंदिर

Musical fountain

100 एकड़ जमीन पर बनी कॉमनवेल्थ खेल गांव के पास अक्षरधाम मंदिर स्वामीनारायण मंदिर भी कहा जाता है। विश्व के सबसे विशाल हिंदू मंदिर के तौर पर उसका नाम गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज है। इसमें 10000 साल पुरानी भारतीय संस्कृति, वास्तु कला तथा अध्यात्मिकता को दर्शाया गया है। ‌ नीलकंठ नाम का एक थिएटर मंदिर परिसर के अंदर हैं। जहां पर स्वामीनारायण की जिंदगी की घटनाएं भी दिखाई जाती हैं। कहां का म्यूजिकल फाउंटेन भी काफी खूबसूरत है। हर शाम वहां 15 मिनट का शो चलता है। अक्षरधाम मंदिर का म्यूजिकल फाउंटेन बहुत ज्यादा प्रसिद्ध है। इसको देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं।

इतिहास अक्षरधाम मंदिर का

Akshardham Temple in Delhi

दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर का नाटक 6 नवंबर साल 2005 में हुआ था। जिसको आम जनता के लिए 8 नवंबर 2005 में खोल दिया गया था।अक्षरधाम मंदिर का निर्माण B.A.P.S. यानी कि बोचासनवासी फ्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था की ओर से किया गया है। अक्षरधाम मंदिर के निर्माण में भगवान स्वामीनारायण की अध्यात्म परंपरा के पांचवें उत्तराधिकारी ‘प्रमुख स्वामी महाजन’ की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

मूर्तियां अक्षरधाम की

Akshardham Mandir ki Moortiyan

अक्षरधाम में प्रत्येक चीज अध्यात्म से जुड़ी हुई है। चाहे वह मंदिर हो या फिर एग्जीबिशन हो या गार्डन हो। अक्षरधाम में करीब 200 मूर्तियां हैं। जो सहस्त्राब्दियों से अध्यात्मिकता का परिचय देती हैं। अक्षरधाम का अध्यात्मिक आधार ये है कि हर आत्मा एक दिव्य ज्योति है। चाहे वो परिवार वाले हो, पड़ोसी देश हो या पूरी दुनिया के जीव ही क्यों ना हो। जहां प्रत्येक सेवा देवत्व की ओर बढ़ने में मदद कर सकती हैं। प्रत्येक प्रार्थना खुद को ही बेहतर बनाने तथा ईश्वर के करीब जाने की ओर एक कोशिश है। अक्षर धाम की यात्रा तो एक आध्यात्मिक रूप से समृद्ध अनुभव है। चाहे फिर वह प्रार्थना की शक्ति को महसूस करने में हो, हिंदू धर्म के प्राचीन सिद्धांतों के बारे में हो या अहिंसा की ताकत को महसूस करने में हो या फिर इस धरती पर भगवान की निवास की सुंदरता को निहारने में ही क्यों ना हो? प्रत्येक चीज का आध्यात्मिक महत्व है।

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