Categories: News

Air India के 3000 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता ! Air India का होगा कायाकल्प !

Air India

Air India को अपना बनाने के बाद टाटा ग्रुप ने एयरलाइन कंपनी के कायाकल्प की तैयारी पूरी कर ली है। हालांकि इस कायाकल्प में कई कर्मचारियों की नौकरी पर बात आ गई है। नयी चीज़े टीम हर वो कोशीश कर रही है जिससे एयर इंडिया को बेहतर बनाया जा सके। लागत को घटाने और प्रोडक्टिविटी को बढ़ाने के मकसद से रेल ट्रेनिंग प्रोग्राम भी शुरू किए जा रहे हैं। यहाँ तक कि कंपनी ने वीआरएस (VRS) यानी स्वेच्छिक रिटायरमेंट स्कीम भी शुरू कर दी है, जो केबिन क्रू के लिए भी लागू होगी।

Air India

कम्पनी को बेहतर करना चाहती है टाटा


इस स्कीम की जद में एयर इंडिया के करीब तीन हज़ार कर्मचारी आएँगे खास बात ये है की इंडिया ने इस स्कीम के तहत क्लेरिकल और अनस्किल्ड स्टाफ नर्स के लिए रिटायरमेंट एज पचपन साल से चालीस साल यानी पंद्रह साल घटा दी है। इसका मतलब यह हुआ कि एयर इंडिया चालीस साल से ज्यादा उम्र के कर्मचारियों को वीआरएस देने का मन बना रही है यानी टाटा हर कीमत पर कंपनी को बेहतर करना चाहती है और अधिक से अधिक पुराने कर्मचारियों से छुटकारा पाना चाहती हैं। जो पुराने सिस्टम में काम करते करते उसमें इतना अधिक ढल चूके हैं कि शायद ही नए बदलावों को अपना सकें।

Air India

शुरू किया है ट्रेनिंग प्रोग्राम


एयर इंडिया के चीफ ह्यूमन रिसोर्स ऑफिसर सुरेश दत्त त्रिपाठी यह स्कीम लेकर आए हैं, जो एक जून को शुरू हो गई है, जिसके तहत अगर कोई जुलाई अंत तक रिटायरमेंट लेता है तो उसे स्पेशल इंसेंटिव मिलेंगे एयर इंडिया में अभी तक घरेलू और अंतरराष्ट्रीय विमानों को उड़ाने के लिए पायलट और केबिन क्रू अलग अलग है। ऐसे में कंपनी ने ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू किया है, जिसके तहत सभी क्रू मेंबर्स को ऐसी ट्रेनिंग दी जाएगी, जिससे वह घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों तरह के विमानों में आसानी से काम कर सकेंगे।


कुछ कर्मचारी है नाराज

Air India


Air India की इस नई व्यवस्था से कुछ कर्मचारी नाराज भी हैं, उन्होंने शिकायत की है कि उनसे बातचीत किए बिना ही ये सारे बदलाव कर दिए गए हालांकि अधिकतर कर्मचारी समझ रहे हैं कि अब कंपनी टाटा के हाथों में है और उनके तमाम मुद्दों पर कंपनी विचार करेगी कंपनी अपने बिज़नेस की कायापलट करने की पूरी तैयारी कर रही है यहाँ तक कि एयरलाइन्स के इतिहास में यह पहली बार है जब केबिन क्रू के लिए भी वीआरएस लाया गया है।

हालांकि इस वीआरएस स्कीम में पायलट को शामिल नहीं किया गया है। नए सिस्टम में पायलट और केबिन क्रू के वर्किंग आवर यानी काम करने के घंटे को भी तय किया जा रहा है। मौजूदा सिस्टम में देखा गया है कि कुछ क्रू मेंबर्स नब्बे घंटों की फ्लाइंग कर रहे हैं, जबकि कई सिर्फ बीस घंटे की फ्लाइट ही कर रहे हैं। ऐसे में अब दोनों के बीच के अंतर को खत्म करते हुए इसे बैलेंस करने की कोशिश हो रही है।


इतना ही नहीं पायलट को अब अपने आधिकारिक बेस से ड्यूटी पर रिपोर्ट करना होगा। अभी तक की व्यवस्था में वह अपनी पसंद की किसी जगह से फ्लाइट लेते थे और वहाँ जाने में होने वाला ट्रैवल पर खर्च और होटल में रुकने के खर्च का बिल कंपनी के नाम कर देते थे।

ये हैं रैपर चाय वाला, गजब रैप करते हैं, यहां चाय के साथ रैप फ्री में सुनने के मिलेगा

सबसे लंबा है पूरा परिवार, जिसके पैर की साइज का जूता नहीं मिलता, विदेश से मंगाने पड़ते हैं

Air India


पुराने विमान को किया जा रहा है बेहतर


नए बोइंग विमानों के लिए नैविगेशन हो रहा है जबकि पुराने विमानों को बेहतर किया जा रहा है ताकि लागत और क्वालिटी दोनों का ध्यान रखा जा सके एक अधिकारी के अनुसार उन विमानों को हटाया जा रहा है जो क्वालिटी स्टैंडर्ड पर खरे नहीं उतरते हैं इतना ही नहीं पायलट और क्रू मेंबर्स की मैनुअल रोस्टरिंग को भी बंद कर दिया गया है। इसकी जगह इलेक्ट्रिक रोस्टिंग शुरू की गई है, ताकि किसी तरह की गड़बड़ी किए जाने की आशंका ना बचे ।

Air India


बता दें, एयर इंडिया में बारह हज़ार कर्मचारी काम कर रहे हैं जिनमें आठ हज़ार कर्मचारी स्थायी और चार हज़ार अस्थायी है एयर इंडिया का मानना है कि एयर इंडिया में पांच हज़ार ऐसे स्थायी कर्मचारी हैं जो अगले पांच साल में रिटायर हो जाएंगे ।

CHANDRA PRAKASH YADAV

Why So Serious??

Recent Posts