उत्तर प्रदेश में चल रहे विधानसभा चुनाव के चौथे चरण का मतदान खत्म हो गया है। आज 9 जिलों की 59 सीटों पर मतदान हुआ। इन 9 जिलों की 59 सीटों के लिए 624 प्रत्याशि अपनी किस्मत आजमा रहे थे। इस चरण में रुहेलखंड से लेकर तराई बेल्ट और अवध क्षेत्र के जिले शामिल थे। शाम 5 बजे तक 57.45 फ़ीसदी मतदान हुआ है।
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जिलेवार आंकड़े
पीलीभीत में सबसे अधिक 61.42 फीसदी मतदाताओं ने अपने मत का इस्तेमाल किया तो वही राजधानी लखनऊ में केवल 45.98% फीसदी मतदाताओं ने ही मतदान किया।
चुनाव आयोग के आंकड़े के अनुसार बांदा में 57.48%, फतेहपुर में 59.96%, हरदोई में 55.40%, लखीमपुर में 62.42%, लखनऊ में 45.98%, पीलीभीत में 61.42%, रायबरेली में 58.32%, सीतापुर में 58.30% और उन्नाव में 54.12% मतदान हुआ।
भारी सुरक्षा बल तैनात शांतिपूर्ण और निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने के लिए निर्वाचन आयोग ने अर्ध सैनिक बलों की 860 कंपनियों तैनात की थी।
वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में इन 9 जिलों में कुल 55.31 फ़ीसदी मतदान हुआ था। जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में 58.24% लोगों ने अपने मत का इस्तेमाल किया था।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी चौथे चरण में मतदान हुआ। जिले की 9 विधानसभा सीटों के लिए मतदान हुआ। 2017 में मोहनलालगंज को छोड़ कर के सभी सीटों पर भाजपा ने कब्जा जमाया था। भाजपा के लिए अपने पुराने प्रदर्शन को दोहराना चुनौती होगी तो वही सपा वापसी की कोशिश करेगी।
इस चरण में कुछ हाईप्रोफाइल मानेंगे जाने वाली सीटों पर भी चुनाव हुआ। जिनमें लखनऊ की कैंट विधानसभा, मलिहाबाद (सुरक्षित) सरोजिनी नगर, रायबरेली की सदर और ऊंचाहार सीटें शामिल है। भाजपा ने लखनऊ कैंट से प्रदेश के विधि न्याय कानून मंत्री बृजेश पाठक को तो सरोजिनी नगर से ईडी के पूर्व जॉइंट डायरेक्टर राजेश्वर सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है। पार्टी ने श्रीनगर से विधायक और मंत्री स्वाति सिंह का टिकट काटकर राजेश्वर सिंह को उम्मीदवार बनाया है। रायबरेली की सदर सीट से भाजपा ने पूर्व वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अखिलेश सिंह की बेटी आदित्य सिंह पर दांव खेला है। अदिति ने जनवरी में ही कांग्रेस से बगावत कर भाजपा ज्वाइन की थी।