प्रदूषण एक ऐसा विषय है जिसको लेकर पूरा विश्व चिंतित है पर्यावरण में कार्बन का अधिक उत्सर्जन ओजोन मंडल का क्षेत्र दूषित वायु हुई है एक ऐसा विषय है जिससे आपने जरूर सुना होगा इसी क्रम में प्रदूषण को लेकर सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट की रिपोर्ट चौंकाने वाली है जिसके अनुसार भारत में पहले करीब तीन दशकों में पीएम 2.5 प्रदूषण के कारण ढाई गुना मौत पड़ी है जो हर भारतीय के लिए चिंता का विषय है।
बता दे देश में 1990 में 2,79,500 मौत हुई थी हालांकि घरेलू वायु प्रदूषण से होने वाली मौतों में कमी आई है जो तकरीबन 40 परसेंट कम है चलिए अब हम आपको भारत में वायु प्रदूषण से होने वाली मौतों के पीछे का अन्य कारण बताते हैं।
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आपको बता दें केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने मंगलवार को भारत में पर्यावरण को लेकर एक रिपोर्ट जारी की जिसमें उन्होंने कहा कि 2019 में भारत में हर चौथी मौत वायु प्रदूषण के कारण हुई है जो कि बेहद चौंकाने वाली बात है और चिंता का विषय भी।
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट द्वारा जुटाए गए आंकड़ों के अनुसार दुनिया में 66.7 लाख लोगों की मौत वायु प्रदूषण की वजह से हुई इसमें भारत में कुल 16.7 लाख लोगों की मौत हुई जबकि चीन में वायु प्रदूषण के कारण 18.5 लाख लोगों की मौत हुई यह सब आंकड़े सरकार के लिए रेडअलार्म की तरह है जो आने वाले परिणाम की भयावहता को दिखाता है
बता दे 2019 में दुनिया भर में तकरीबन 476000 नवजात हो कि पहले महीने ही मौत हो गई इनमें से भारत में करीब 116000 शिशुओं की मौत वायु प्रदूषण से जुड़ी समस्याओं के कारण हुई भारत में इतना बड़ा आंकड़ा आएगा यह किसी ने भी सोचा भी नहीं था।
आपको बता दें कि भारत में पिछले ढाई दशक में ओजोन के कारण होने वाली मौत में भी 2.9 गुना इजाफा हुआ है क्योंकि 1990 में ओजोन के कारण तिरालिस हजार दो सौ मौत हुई थी जो अब 2019 में बढ़कर एक लाख 68 हजार के करीब पहुंच गई है जो कि एक चिंता का विषय है।
पीएम यानी पार्टिकुलेट मैटर 2.5 वह भारी की धूल के कण होते हैं जो शरीर को बहुत ज्यादा प्रभावित करते हैं जिससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है और यह शरीर में फेफड़ों में श्वास नली को गहरे प्रभावित करता है जिससे हृदय से व स्वास से संबंधित बीमारियां पैदा हो जाती हैं।