प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने लोकसभा क्षेत्र बनारस में डॉक्टर और फ्रंट लाइन वर्कर्स के साथ बैठक में भावुक होकर कहा”कोरोना ने अपनों को छीना है उन सभी लोगों को मैं विनम्र श्रद्धांजलि देता हूं और उनके परिवार के साथ सांत्वना व्यक्त करता हूं”
मैं प्रधानमंत्री जी की भावुकता का सम्मान करती हूं और आदर्श समेत पूछना चाहती हूं कि मोदी जी आपकी कौन सी छवि असली है और नकली कृपया इसका मार्गदर्शन करें,
1 हफ्ते पहले महोदय किसानों को किसान सम्मान निधि योजना देते समय आपने ही कहा था कि ना भारत हिम्मत हारेगा और ना भारतवासी हिम्मत हारेंगे,
भारत की जनता तब भी हिम्मत नहीं आ रही थी जब वह अपने चहितो के इलाज के लिए दर दर भटक रही थी,
भारत की जनता तब भी हिम्मत नही हारी थी जब इलाज न मिलने पर अपने मां बाप भाई बहन बेटा बेटी या किसी परिजन की खो दिया ,
भारत की जनता तब भी हिम्मत नहीं हारी जब संसाधनों के अभाव में अपने चहेतों की लाशों को नदी में फेंक दिया रेत में दफन कर दिया टायरों से फूंक दिया था,
अरे साहब भारत की जनता बहुत हिम्मत है वह हिम्मत नहीं हारेगी है लेकिन आप जब रैलियों में भीड़ इकट्ठा कर कर कोरोना बांट रहे थे और चुनावी जंग जीतने में लगे थे तब क्या आपने एक बार भी सोचा कि भारत की जनता का क्या होगा ?
*जब भारत की जनता आपको चीख चीख आपको बुला रही थी तब आप कहां थे,
*जब भारत की जनता रोड के किनारे ऑक्सीजन का सिलेंडर लेकर लेटी थी तब आप कहां थे?,
*जब भारत की जनता ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और हॉस्पिटल के लिए दर-दर भटक रही थी और उसके अभाव में मर रही थी तब आप कहां थे?
*जब भारत की जनता अपने परिजनों की लाशों को ऑटो में रिक्शा में कार में या कभी-कभी अपने कंधों पर लेकर भाग रही थी इधर उधर भटक रही थी तब आप कहां थे?
जब भारत की जनता आपके बनाए सिस्टम की कमियों की वजह से मर रही थी तब आप कहां थे?
मोदी जी जवाब देना तो आपको पसंद नहीं है बस आप अपने मन की बात करते रहिए बरहाल मैं बता देती हूं कि उस वक्त आप कहां थे,
आप उस वक्त बंगाल में दिन और रात जनता की लाशों पर चलकर प्रचार प्रसार में व्यस्त है, जनता की मौतों से ज्यादा आपको वोटों की चिंता थी क्यों सही हूं ना मैं,
अब जरा यह भी बता दीजिए कि,
आप किन किन को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं,
कहीं आप उनको तो श्रद्धांजलि अर्पित नहीं कर रहे जिनकी लाशों को नदी में फेंका जा चुका था जिनको कुत्ते नोच नोच कर खा चुके अब बस हड्डियां ही बची है जो नदी के किनारे तैर रहे हैं।आप उनको श्रद्धांजलि देंगे क्या?
कहीं आप उनको तो श्रद्धांजलि नहीं दे रहे हैं जिनकी लाशें को रेतो में दबा दी गई नमक और केमिकल डालकर गलाने के लिए छोड़ दिया गया। आप उनको श्रद्धांजलि देंगे क्या?
कहीं आप उनको तो श्रद्धांजलि नहीं दे रहे जिनकी लाशों को टायरों मिट्टी के तेल हो या अन्य कई ईधन के माध्यम से फुक दिया गया। उनको भी श्रद्धांजलि देंगे क्या?
भावुकता के कारण आज कुछ ज्यादा ही भूल गई जिन लोगों को बुरा लगा उनसे क्षमा मांगती हूं उस पर सच यही है और सच्चाई सब को रास नहीं आती,