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Karva Chauth (करवा चौथ): करवा चौथ का त्यौहार  क्यों मनाया जाता है, क्या है इसके पीछे की कहानी?

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Karva Chauth (करवा चौथ)

Karva Chauth: करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण  होता है। पति की लंबी उम्र एवं अखण्ड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए इस दिन गणेश जी की पूजा और अर्चना की जाती है। इस व्रत मनाने की असली कहानी क्या है?

करवा नाम की महिला ने अपने पति की मृत्यु से रक्षा की थी

एक पौराणिक कथा के मुताबिक करवा नाम की एक महिला थी जो पतिव्रता  स्त्री थी। एक दिन उनके पति नदी में स्नान करने गए। नहाते समय मगरमच्छ ने उनका पैर पकड़ लिया तब उन्होंने अपनी पत्नी करवा को सहायता के लिए पुकारा। करवा के सतीत्व में इतनी शक्ति थी कि उन्होंने अपने तपोबल से मगरमच्छ को बांध दिया और अपने पति की रक्षा के लिए उस मगरमच्छ को लेकर यमराज के पास पहुंची।

Karva Chauth (करवा चौथ)

  यमराज ने जब करवा से पूछा कि आप यहां क्यों आई हैं। और आप क्या चाहती हैं तो करवा ने कहा कि हे प्रभु एक मगरमच्छ ने मेरे पति के पैर को पकड़ लिया है और वह मेरे पति की जान लेना चाहता था। अब मैं यह चाहती हूं कि आप उसे मृत्युदंड दे। तो यमराज ने कहा कि हे देवी मगरमच्छ की आयु अभी शेष है उसकी मृत्यु का दिन अभी नहीं आया है।

चित्रगुप्त ने करवा को दिया था सुहागिन होने का वरदान

तब करवा ने कहा कि हे प्रभु अगर आप उस मगरमच्छ को मृत्युदंड नहीं देंगे और मेरे पति की चिरायु नहीं करेंगे तो मैं अपने तपोबल से आपको भी नष्ट कर दूंगी। ऐसा सुनकर वही बगल में खड़े चित्रगुप्त सोच में पड़ गए ।क्योंकि वह ना तो करवा को उसके सतीत्व तप के कारण श्राप दे सकते थे। और ना ही करवा के बात को अनदेखा कर सकते थे तब चित्रगुप्त ने मगरमच्छ को यमलोक भेजा और करवा के पति को लंबी आयु का आशीर्वाद दिया साथ ही चित्रगुप्त ने कहा कि तुम्हारा जीवन सुख समृद्धि से भरपूर होगा।

Karva Chauth (करवा चौथ)

चित्रगुप्त ने कहा कि जिस तरह तुमने अपने सतीत्व के तपोबल से अपने पति के प्राणों की रक्षा की है उससे मैं बहुत प्रसन्न हूं और मैं यह वरदान देता हूं कि आज के दिन जो भी महिला पूर्ण विश्वास के साथ तुम्हारा व्रत और पूजन करेगी उसके पति की लंबी आयु होगी और उसके सौभाग्य की रक्षा भी होगी।

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कार्तिक महीने में मनाया जाता है Karva Chauth

तभी से कार्तिक महीने की चतुर्थी होने के कारण करवा और चौथ मिलने से इस व्रत का नाम करवा चौथ पड़ा। और मां करवा पहली स्त्री हैं जिन्होंने अपने सुहाग की रक्षा के लिए ना केवल व्रत लिया बल्कि चौथ की शुरुआत भी की।  इसिलिए इस दिन महिलाएं करवा को अपना आराध्यामनकर अपने पति की लंबी उम्र के लिए इस व्रत का पालन करती है।

सुहागिन स्त्रियां अपने पति की चिरायु की कामना करती हैं

Karva Chauth (करवा चौथ)

करवा चौथ के दिन सुहागिन स्त्रियां स्नान करके पूरे दिन निराहार रह कर अपने पति की लंबी आयु और उनके स्वास्थ्य और सौभाग्य की संकल्प को लेकर व्रत रखती हैं। महिलाओं को माता करवा चौथ की कथा भी पढ़ना चाहिए और उन से विनती करना चाहिए कि हे मां मेरे पति को चिरायु और सौभाग्यशाली करें।

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