IAS Sreenath: “कौन कहता है कि कामयाबी किस्मत तय करती है, इरादों में दम हो तो मंजिल भी झुका करती है।” इन प्रेरक पंक्तियों को सच कर दिखाने का जज्बा उन्ही लोगों में होता है जिनके लिए ऐसी शायरी लिखी जाती हैं । अक्सर हम सबने बहुत से लोगों की प्रेरक कहानियां पढ़ी होंगी जिन्होंने अपने असाधारण जज्बे के बदौलत नामुमकिन सा दिखने वाला काम भी कर डाला । हम ऐसी कहानियां पढ़कर सोचते हैं कि ये कोई दूसरे लोग या बहुत टैलेंटेड लोग होंगे जिन्होंने इतनी असाधारण सफलता हासिल की।
किंतु यकीन मानिए कि जिनकी कहानियां पढ़कर हम उन्हें आदर्श मान लेते हैं वह सब भी हम जैसे ही लोग होते हैं । बिल्कुल सामान्य । बस अंतर इतना होता है कि उनलोगों ने तब भी मेहनत करनी जारी रखी और हार नहीं मानी जब हममें से अधिकतर लोग किसी न किसी वजह से हार मानकर बैठ जाते हैं । आज हम जिस व्यक्ति के बारे में आपको बताने जा रहे हैं वह हम जैसा ही घरेलू और आर्थिक परेशानियों में घिरा हुआ व्यक्ति है जिसने अपने जज्बे के बदौलत अपने भाग्य को पूरी तरह से बदलकर रख दिया ।
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आज हम जिसकी कहानी बयां करने जा रहे हैं वह केरल के मन्नार के रहने वाले के. श्रीनाथ हैं । पढ़ाई में अव्वल के श्रीनाथ के साथ वही हुआ जो अक्सर भारत के लाखों लोगों के साथ होता है । आर्थिक समस्याओं के चलते उनकी पढ़ाई सही नहीं चल पा रही थी । 27 वर्ष के श्रीनाथ ने घर की स्थिति सुधारने के खातिर एर्नाकुलम रेलवे स्टेशन पर कुली की नौकरी कर ली ।
उनकी शादी हो चुकी थी और 1 साल की छोटी बच्ची थी। ऐसे में श्रीनाथ के पास पढ़ाई के अलावा घर की जरूरतों को पूरा करने की भी जिम्मेदारी थी । बहरहाल श्रीनाथ ने रेलवे स्टेशन पर कुली का काम करते हुए 400-500 रुपये कमाने लगे ।
एर्नाकुलम रेलवे जंक्शन पर यात्रियों का सामान ढोने अर्थात कुली का काम करते हुए श्रीनाथ ने अपनी पढ़ाई भी जारी रखी । उनका लक्ष्य केरल की सिविल सेवा परीक्षा KPSC को पास करना था । श्रीनाथ 2 प्रयास पहले ही कर चुके थे जिसमें उन्हें सफलता नहीं मिली । कुली का काम करते हुए अक्सर रात को उनके पास समय बच जाता था सो वह इसका उपयोग पढ़ाई में करने लगे । उनके पास एक स्मार्टफोन था जिसमें वह समय मिलने पर स्टडी मटेरियल पढ़ा करते, ऑनलाइन लेक्चर्स सुना करते और मोबाइल में ही नोट्स बनाते ।
कहते हैं कि अगर जुनून साथ मे हो तो राहें कितनी भी मुश्किल हों एक न एक दिन सफलता मिल ही जाती है । KPSC परीक्षा की तैयारी श्रीनाथ मोबाइल पर ही करते । कुली का काम करते हुए जब भी समय मिलता वह मोबाइल के माध्यम से पढ़ाई करते । इसमें उनका सहयोग किया रेलवे स्टेशन के फ्री वाई फाई सुविधा ने । फ्री वाई फाई का उपयोग करते हुए श्रीनाथ ने KPSC की परीक्षा पास कर ली ।
मन्नार के रहने वाले IAS Sreenath ने KPSC उत्तीर्ण कर ली थी । उनके दिमाग मे यह ख्याल आया कि यदि वाई फाई का उपयोग कर वह KPSC उत्तीर्ण कर सकते हैं तो फिर वह UPSC की परीक्षा भी पास कर सकते हैं । भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक UPSC की परीक्षा के बारे में अक्सर लोगों की धारणा है कि बिना अच्छी कोचिंग के इसे पास नहीं किया जा सकता । श्रीनाथ के पास न तो इतना पैसा था कि वह महंगी कोचिंग जॉइन करते न ही उनके पास संसाधन थे।
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ऐसे में श्रीनाथ ने ठान लिया कि वह मोबाइल और रेलवे स्टेशन की फ्री वाई फाई सुविधा का उपयोग कर पढ़ाई करेंगे । और एक दिन उन्होंने वह भी कर दिखाया । के श्रीनाथ ने UPSC की परीक्षा भी बिना कोचिंग संस्थान जाए पास कर ली ।
तत्कालीन रेल मंत्री पीयूष गोयल ने IAS Sreenath की इस असाधारण उपलब्धि पर ट्वीट करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दी थीं । रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे स्टेशन के फ्री वाई फाई सुविधा का उपयोग कर प्रतियोगी परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले श्रीनाथ बहुत लोगों के लिए प्रेरणा हैं ।