Breast Milk: भारत में ब्रेस्ट मिल्क या मां का दूध बेचने पर पाबंदी लगा दी गयी है । सरकार ने ह्यूमन मिल्क या मां का दूध बेचने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है । डेयरी उत्पादों के नाम पर इस तरह से बने किसी भी दुग्ध उत्पाद को बेचना गैरकानूनी माना जायेगा । सरकार ने कड़े निर्देश जारी करते हुए ह्यूमन मिल्क/ब्रेस्ट मिल्क या उससे बने उत्पादों की बिक्री पर रोक लगा दी है । सरकार द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि ब्रेस्ट मिल्क या उससे बने उत्पादों को बेचते पाए जाने पर कम्पनी का लाइसेंस रद्द किया जाएगा और कड़ी कानूनी कार्यवाही की जाएगी ।
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सरकार द्वारा यह कदम ब्रेस्ट मिल्क/ह्यूमन मिल्क के व्यवसायीकरण के खिलाफ उठाया गया है । सरकार ने मां का दूध बेच रही कम्पनियों को हिदायत दी है । सरकार द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि भारत में ब्रेस्ट मिल्क या उससे बने उत्पादों को बेचने की अनुमति नहीं दी जाएगी । सरकार ने इसी के साथ ये भी कहा है कि जो कम्पनियां डेरी प्रोडक्ट के नाम पर Breast Milk बेच रही हैं उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही करते हुए लाइसेंस निरस्तीकरण की प्रक्रिया अपनाई जाएगी साथ ही आगे कानूनी कार्यवाही भी की जाएगी ।
सरकार ने कहा कि जिन डेरी कम्पनियों को एफएसएसएआई (भारतीय खाद्य सरंक्षा और मानक प्राधिकरण ) के तहत लाइसेंस प्राप्त है उनको मिल्क एवं डेयरी उत्पाद के नाम पर मां का दूध बेचने की अनुमति नहीं दी जाएगी । यदि दुग्ध उत्पाद कम्पनियों के खिलाफ ऐसी कोई सूचना मिलती है तो लाइसेंस जब्त कर लिया जाएगा और जरूरत पड़ने पर कड़ी कानूनी कार्यवाही की जाएगी ।
सरकार ने स्पष्ट रूप से चेतावनी दी है कि ब्रेस्ट मिल्क बेचना अवैध माना जायेगा और ऐसी कम्पनियों की लाइसेंस निरस्तीकरण की प्रक्रिया के साथ ही स्टॉक भी जब्त कर लिया जाएगा । सरकार ने कहा है कि एफएसएस एक्ट ,2006 के तहत और उसके अंतर्गत बनाये गए नियमों/उपनियमों के अनुसार ह्यूमन मिल्क बेच रही कम्पनियों ,एफबीओ(फ़ूड बिजनेस ऑपरेटर्स) के खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही की जाएगी ।
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बता दें कि बीते जुलाई महीने में Breast Milk और इससे जुड़े उत्पाद बेचने वाली बेंगलुरु स्थित कम्पनी neolacta lifesciences private limited(NLPL) के खिलाफ एफएसएसएआई ने कार्यवाही की थी और कम्पनी का लाइसेंस रद्द कर दिया था । बता दें कि यह कम्पनी मां का दूध बेचने का काम कर रही थी ।
बेंगलुरु स्थित कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस कम्पनी की शिकायत की थी जिसके बाद भारतीय खाद्य सरंक्षा और मानक प्राधिकरण ने कार्यवाही करते हुए लाइसेंस निरस्त कर दिया था । बता दें कि इस कार्यवाही में विभाग को प्रतिबंधित उत्पाद का स्टॉक भी मिला था जिसके बाद खाद्य विभाग ने इसका स्टॉक भी जब्त कर लिया था ।
2016 में स्थापित इस कम्पनी ने कर्नाटक के एक कार्यालय से डेयरी उत्पाद बेचने का लाइसेंस हासिल किया था । वहीं NLPL द्वारा मिल्क प्रोडक्ट की आड़ में ब्रेस्ट मिल्क बेचने पर FSSAI ने छापा मारा था । तब विभाग ने साफ कहा था कि भारत मे ब्रेस्ट मिल्क बेचने की अनुमति नहीं है । वहीं इस कम्पनी के मैनेजिंग डायरेक्टर सौरभ अग्रवाल ने कहा था कि डोनेट किये गए ब्रेस्ट मिल्क का उपयोग वह नवजातों की जिंदगी बचाने के लिए करते हैं । बता दें कि यह कम्पनी 300 ml फ्रोजेन ब्रेस्ट मिल्क 4500 रुपये में बेच रही थी ।