लखनऊ शहर में बने सभी छोटे श्मशान को बंद किया जाएगा, तथा उसकी जगह पर एक बड़ा श्मशान बनेगा। यहां पर लोग अपने परिवार के मृतक व्यक्ति का अंतिम संस्कार कर सकेंगे। यहां 30 एकड़ की जगह तय हुई है। ये जमीन सीजीसीटी योजना के पास में ही मिली है। मंगलवार को मंडलायुक्त रंजन कुमार ने इसको लेकर मास्टर प्लान बनाने का निर्देश दिया है। मतलब ये है कि सहादतगंज, इंदिरा नगर, जानकीपुरम, ऐशबाग, वृंदावन समेत कई इलाकों में छोटे-छोटे श्मशान बने हैं। यहां पर लॉकडाउन के दौरान बहुत सारे लोगों का अंतिम संस्कार भी हुआ है। उसी समय शहर में एक बड़े शमशान की भी मांग उठने लगी थी।
श्मशानों के अलावा भी झील तथा तालाब के सौंदर्यीकरण का भी कार्य तेजी से किया जाएगा। तय यह गया है कि शहर में भैसा कुंड शमशान घाट तथा गुलाला घाट पर पहले की तरह के अंतिम संस्कार किए जाएंगे। लेकिन शहर के बड़े आबादी वाले इलाकों में बने श्मशान घाटों को बंद करवा कर, वहां के शवो के अंतिम संस्कार की व्यवस्था जो नए श्मशान घाट है उन पर करवाई जाएगी।
श्मशान घाट के अलावा झीलों का भी सौंदर्यीकरण किया जाएगा। हालांकि टिकैत राय तालाब पर जल्द ही काम शुरू होगा, तथा वहां का टेंडर भी पूरा हो गया है, और जल्दी से जल्दी काम भी चालू करवाया जाएगा। एलडीए के चीफ इंजीनियर इंदु शेखर ने यह बताया कि यमुना झील के सौंदर्यीकरण के लिए 2 करोड़ तथा मोती झील के सुंदरीकरण के लिए चार करोड़ का बजट स्वीकृत हुआ है। इसी दौरान एलडीए की रेंट से संबंधित कालोनियों को फ्री होल्ड करने के संबंध में नगर निगम और एलडीए के अफसरों से चर्चा की।