Sahara News: Sahara India Refund Status 2022, सहारा इंडिया के निवेशकों को उनका पैसा वापस कब मिलेगा? इस सवाल के केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के एक प्रश्न के लिखित उत्तर के अनुसार, सहारा इंडिया की कई संस्थाओं में लगभग 13 करोड़ निवेशकों के 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक के फंड फंसे हुए हैं। इनमें से 47,000 करोड़ रुपये से अधिक सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड में और 19000 करोड़ रुपये से अधिक सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SIRECL) में फंसे हुए हैं।
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री चौधरी ने कहा कि सहारा इंडिया ने सेबी-सहारा रिफंड खाते में कुल 15,506.81 करोड़ रुपये (मूल राशि 25,781.37 करोड़ रुपये के खिलाफ) जमा किए हैं।
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सरकार ने सहारा इंडिया (Sahara India Refund Status 2022) के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि अब तक सेबी (SEBI) ने सहारा के निवेशकों को ब्याज समेत सिर्फ 138.07 करोड़ रुपये ही वापस किए हैं। सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (Sahara India) ने 232.85 लाख निवेशकों से 19400.87 करोड़ रुपये वहीं सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (Sahara Housing Investment Corporation Ltd.) ने 75.14 लाख निवेशकों से 6380.50 करोड़ रुपये एकत्रित किए थे। इस बात का अर्थ यह है कि अब भी निवेशकों के करोड़ों रुपये फंसे हुए हैं।
31 अगस्त 2012 को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश के बाद सहारा इंडिया ने निवेशकों से जमा 25,781.37 करोड़ रुपये की मूल राशि के अनुसार 31 दिसंबर, 2021 तक ‘सेबी-सहारा रिफंड’ (SEBI-Sahara Refund) खाते में 15,503.69 करोड़ रुपये जमा किए । इस सिलसिले वित्त राज्य मंत्री चौधरी द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक SEBI को कुल 81.70 करोड़ रुपये की मूलधन राशि के 53,642 मूल बांड प्रमाण पत्र/पासबुक से संबंधित 19,644 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें से सेबी ने 17,526 सभी पात्र बधारकों को कुल 138.07 करोड़ रुपये के 48,326 मूल बांड प्रमाण पत्र / पासबुक वापस किए हैं।
Sahara News, इस सवाल (Sahara India Refund Status 2022) के जवाब में वित्त मंत्रालय ने कहा कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (Securities and Exchange Board of India) ने सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन नाम की दो विशेष सहारा कंपनियों से संबंधित आदेश जारी किए हैं। इसके अलावा सरकार ने कहा कि शेष आवेदन एसआईआरईसीएल (SIRECL) और एसएचआईसीएल (SHICL) द्वारा दिए गए दस्तावेजों और डेटा में ट्रेस नहीं हुए थे और सेबी द्वारा पूछे गए प्रश्न बांडधारकों की ओर से कोई योग्य प्रतिक्रिया नहीं मिलने के कारण बंद कर दिए गए।
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Sahara News, सहारा इंडिया समूह द्वारा अन्य योजनाओं के निवेशकों को वापस भुगतान करने में सक्षम नहीं होने पर एक अन्य प्रश्न का उत्तर देते हुए केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री ने कहा: “यह सूचित किया जाता है कि SIRCEL और SHICL के वैकल्पिक रूप से पूरी तरह से परिवर्तनीय डिबेंचर (Fully Convertible Debentures) के RHP के तहत जुटाई गई मूल राशि रु।25,781.37 करोड़, जिसके विरुद्ध सेबी-सहारा रिफंड खाते में केवल 15,506.81 करोड़ रुपये जमा किए गए हैं। वहीं SEBI उन निवेशकों को मूलधन और ब्याज के पुनर्भुगतान की सुविधा भी प्रदान कर रहा है, जिन्होंने SIRCEL और SHICL के वैकल्पिक रूप से पूर्ण परिवर्तनीय डिबेंचर में निवेश किया था।
Sahara News, सेबी (SEBI) ने 28 मई 2013 को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर अगस्त-सितंबर 2014 और दिसंबर 2014 के महीनों के दौरान कई विज्ञापन जारी किए थ, जिसमें रिफंड के लिए आवेदन करने के लिए इसके तंत्र के साथ आवेदन प्रक्रिया का विवरण भी दिया गया था। SIRECL और SHICL के बांडधारकों को भी सलाह दी गई थी कि वे अपने पैसे की वापसी के लिए सेबी को आवश्यक आवेदन करें।
चौधरी ने कहा कि सेबी ने 26.03.2018 और 19.06.2018 को अंतिम विज्ञापन जारी कर एसआईआरईसीएल और एसएचआईसीएल के बांडधारकों को यह सूचित किया कि 02.07.2018 (cut-off date) रिफंड के लिए आवेदन प्राप्त करने की अंतिम तिथि थी और कट-ऑफ तारीख के बाद कोई भी आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा।
चौधरी ने आगे कहा, “इसके अलावा, सेबी ने 21.10.2021 को एक इंटरलोक्यूटरी एप्लीकेशन भी दायर की है जिसमें इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से और निर्देश भी मांगे गए हैं और यह वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित ही है।”