Reliance Capital Share: अनिल अम्बानी की कम्पनी लगातार घाटे में चल रही है । कर्ज में डूबी रिलायंस ग्रुप का एक शेयर इतना खराब परफार्म कर रहा है कि निवेशकों के लाखों रुपये डूब गए हैं । इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जिस शेयर का प्राइस आज के पांच साल पहले तकरीबन 540 रुपये हुआ करता था उसकी कीमत आज मात्र 13.75 रुपये रह गयी है । यही नहीं कम्पनी के इस शेयर के खराब परफार्म करने के चलते इसकी ट्रेंडिंग बन्द कर दी गयी है और इसे एक्सचेंज से हटा दिया गया है । इस शेयर में निवेश करने वाले लम्बी अवधि के निवेशक शेयर के खराब परफार्म के चलते कंगाल हो गए हैं ।
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रिलायंस ग्रुप के शेयर रिलायंस कैपिटल में भारी गिरावट जारी है और इसकी कुछ सालों से तुलना करें तो इस शेयर की वैल्यू रसातल में जा पहुंची है । बता दें कि 13 अक्टूबर 2017 को इस शेयर की कीमत ₹540.75 रुपये थी वहीं अब रिलायंस कैपिटल का शेयर ₹13.75 पर आ गया है । ऐसे में इस शेयर में 1 लाख रुपये निवेश करने वालों का निवेश आज मात्र 2000 ₹ रह गया है । यानी अगर इस शेयर में किसी ग्राहक ने 5 साल पहले 1 लाख रुपये लगाए होते तो उसकी कीमत आज मात्र 2407₹ होती ।
इस बीच इस शेयर की कीमतों में करीब 98% की गिरावट आई है । जानकारी के लिए बता दें कि 3 अक्टूबर 2022 से ही रिलायंस कैपिटल के शेयर की बीएसई और एनएसई पर ट्रेंडिंग बन्द है ।
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अनिल अम्बानी की कर्ज में डूबी रिलायंस ग्रुप की कम्पनी रिलायंस कैपिटल के शेयरों में लगातार गिरावट जारी है । पिछले 1 साल में यह शेयर करीब 41.11% टूट चुका है । वहीं पिछले 1 महीने में इस शेयर की कीमतों में 17.91% की गिरावट दर्ज की गई है । जबकि इस साल YTD में भी यह शेयर 8.64% गिर गया है ।
अनिल अम्बानी की कम्पनी रिलायंस ग्रुप भारी कर्ज के चलते दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही है । दरअसल रिलायंस ग्रुप की यह कम्पनी कर्ज के भारी बोझ तले दबी है । कम्पनी में पैसा लगाए निवेशक और कर्जदाता अपना कर्ज वसूलना चाहते हैं जिस वजह से अनिल अंबानी की रिलायंस कैपिटल को दिवालिया प्रक्रिया से गुजरना पड़ रहा है । बता दें कि कम्पनी में पब्लिक शेयर होल्डिंग 94% से अधिक है । कर्जदाताओं के कर्ज चुकाने के लिए कम्पनी की बिक्री की जा रही है । जिस वजह से कम्पनी की डी-लिस्टिंग कर दी गयी है यानी ट्रेंडिंग रोक दी गयी है ।
Reliance Capital Share, बता दें कि किसी कम्पनी की डी लिस्टिंग तब की जाती है जब कम्पनी अपना कामकाज समेटने की कोशिश करती है और बन्द होने वाली होती है या अन्य कुछ मामलों में भी जैसे कम्पनी का किसी अन्य फर्म के साथ मर्ज या कम्पनी का पुनर्गठन होने की स्थिति में भी ट्रेंडिंग रोक दी जाती है। यदि कम्पनी नियमों का सही तरीके से पालन नहीं करती या दिवालिया हो जाती है तब ट्रेंडिंग पर रोक लगती है । आपको बता दें कि रिलायंस कैपिटल के शेयर डी-मैट में डेबिट कर दिए गए हैं ।