Pakistan की ओर से इस्लामिक देशों के संगठन ओआईसी के बहाने संयुक्त राष्ट्र में बीजेपी की निलंबित नेता नूपुर शर्मा के पैगंबर पर दिए गए विवादित बयान का मुद्दा उठाने पर भारत ने अपने पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को करारा जवाब दिया। भारत ने संयुक्त राष्ट्र में कहा कि वह सहिष्णुता की संस्कृति को बढ़ावा देता है तथा सभी धर्मों को सम्मान देता है। साथ ही भारत किसी धार्मिक अपमान के मुद्दे को कानूनी सांचे में ढाल कर निपटाता है। भारत ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए बाहरी दुनिया से भेदभाव पैदा करने के लिए जानबूझकर किए जा रहे ‘चुनिंदा विरोध’ को खारिज कर दिया है।
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संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने संयुक्त राष्ट्र आम सभा में घृणा भाषण के खिलाफ आयोजित बैठक में पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान पर यह पलटवार किया। तिरुमूर्ति ने कहा, ‘ लोकतंत्र और बहुलवाद का मानने वाला भारत सांस्कृतिक सहिष्णुता को बढ़ावा देता है और संविधान के दायरे में रह कर सभी धर्मों और संस्कृतियों का सम्मान करता है। किसी भी धर्म के अपमान के मुद्दे को हमारे कानूनी ढांचे के तहत निपटाया जाएगा। हम बाहर से चुनिंदा विरोध को रद्द करते हैं, वह भी तब जब वे दुर्भावना से प्रेरित होकर आए हो और विभाजनकारी एजेंडे को बढ़ावा देने के लिए तत्पर हों जैसा कि हमने आज ओआईसी की ओर से अभी भारत का उल्लेख सुना है।
इससे पहले भारत के पड़ोसी देश Pakistan के संयुक्त राष्ट्र में राजदूत मुनीर अकरम ने ओआईसी की ओर से सभा को संबोधित करते हुए पैंगबर विवाद पर भारत के खिलाफ दिए गए मुस्लिम देशों के संगठन के बयान का तज़किरा किया। इससे पहले भारत ने इस महीने अपनी आलोचना किए जाने पर ओआईसी पर भी जोरदार जवाबी हमला बोला था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत ओआईसी के अनपेक्षित और संकीर्ण सोच वाले बयानों को खारिज करता है। साथ ही भारत ने जोर देकर कहा कि वह भारत मे रह रहे सभी धर्मों को सर्वोच्च सम्मान करता है।
ऐसा गांव जहां हिंदू पढ़ते हैं मस्जिद में नमाज गांव में एक भी मुस्लिम नही है
भारत ने कहा था कि एक धार्मिक व्यक्तित्व को लेकर किया गया विवादित ट्वीट और बयान दो लोगों की ओर से किया गया है। ये किसी भी तरह से भारत सरकार के विचारों से हरगिज़ मेल नहीं खाते हैं। काबुल में गुरुद्वारे पर हुए हमले की निंदा करते हुए भारत ने सयुंक्त राष्ट्र से कहा कि समय आ गया है कि संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देश गैर-अब्राहमिक धर्मों के विरुद्ध घृणा की भर्त्सना करें जिनमें बौद्ध, हिंदू और सिख शामिल हैं।
तिरुमूर्ति ने काबुल के गुरुद्वारे पर हुए आईएस के हमले का उल्लेख भी किया। तिरुमूर्ति ने कहा, ‘भारत ने कई बार इस पर जोर दिया है कि धर्मों के प्रति बढ़ती घृणा के विरुद्ध लड़ाई तब तक नहीं जीती जा सकती जब तक कि यह केवल एक या दो धर्मों तक ही सीमित रहेगी। बौद्ध, हिंदू और सिख समेत गैर-अब्राहमिक धर्मों के विरुद्ध भेदभाव और घृणा के बढ़ते मामलों को पूरी तरह नज़र अंदाज़ नहीं किया जा सकता है।