Mughal History: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बड़ा फैसला किया है । सरकार ने बारहवीं कक्षा के इतिहास के पाठ्यक्रम में बड़ा बदलाव करते हुए “मुगलों का इतिहास” और कुछ अन्य चैप्टर हटा दिए हैं । एनसीईआरटी द्वारा किए गए इस बदलाव के बाद कक्षा 11 वीं और 12 वीं के छात्र इतिहास की पुस्तक में मुगलों का इतिहास, इस्लाम का उदय, औद्योगिक क्रांति और शीत युद्ध जैसे चैप्टर अब नहीं पढ़ सकेंगे । यूपी सरकार के इस फैसले के बाद विपक्ष विधानसभा में हंगामा करने की तैयारी में है । बता दें कि योगी सरकार इससे पहले भी कई मुगलकालीन स्थानों के नामों में परिवर्तन कर चुकी है ।
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यूपी सरकार ने 11 वीं और 12 वीं के पाठ्यक्रम में बदलाव करते हुए Mughal History से जुड़े चैप्टर हटाने का फैसला किया है । यूपी बोर्ड के साथ ही सीबीएसई बोर्ड से पढ़ाई करने वाले छात्रों को भी अब Mughal History के बारे में पढ़ना जरूरी नहीं होगा । सरकार ने कक्षा 12 वीं की इतिहास की पुस्तक भारतीय इतिहास के कुछ विषय– द्वितीय के पाठ्यक्रम में बदलाव करते हुए शासक और इतिवृत्त–मुगल दरबार(16 वीं–17 वीं शताब्दी) नामक चैप्टर को हटा दिया है ।
वहीं कक्षा 12वीं के सिलेबस से अकबर नामा (अकबर का शासन काल ) और बादशाह नामा ( मुगल शासक शाहजहां का इतिहास) भी हटा दिया गया है । इसके अलावा सरकार ने कक्षा 11 वीं के सिलेबस में भी बदलाव किया है । अब 11 वीं के छात्र इतिहास की पुस्तक में इस्लाम का उदय, औद्योगिक क्रांति, शीत युद्ध,संस्कृतियों में टकराव, समय की शुरुआत जैसे चैप्टर्स नहीं पढ़ सकेंगे । बता दें कि राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवम प्रशिक्षण परिषद(एनसीईआरटी) द्वारा ये बदलाव आगामी सत्र 2023–24 से लागू होगा ।
सरकार ने एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम में बड़ा बदलाव करते हुए न सिर्फ Mughal History से जुड़े चैप्टर्स हटाए बल्कि नागरिक शास्त्र की पुस्तक के सिलेबस में भी बदलाव किया है । सरकार ने 12 वीं की नागरिक शास्त्र पुस्तक समकालीन विश्व राजनीति में बदलाव करते हुए अमेरिकी वर्चस्व एवम शीत युद्ध का दौर जैसे चैप्टर्स हटा दिए हैं ।
इसके अलावा सिलेबस में स्वतंत्र भारत की राजनीति किताब से जन आंदोलनों का उदय और एक दल का प्रभुत्व का दौर चैप्टर भी हटा दिया गया है । वहीं 12 वीं के अलावा सरकार ने 10 वीं के पाठ्यक्रम में भी बदलाव करते हुए लोकतांत्रिक राजनीति–2 पुस्तक से लोकतंत्र और विविधता,लोकतंत्र की चुनौतियां, जन संघर्ष और आंदोलन जैसे पाठ हटा दिए हैं ।
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यूपी सरकार द्वारा 11 वीं और 12 वीं कक्षा के पाठ्यक्रम में किए गए बदलाव को अब आगामी सत्र 2023–24 से पढ़ाया जाएगा । वहीं मुगल इतिहास सहित अन्य चैप्टर्स हटाए जाने पर यूपी के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने किए गए बदलाव के बारे में कहा कि “यूपी में अब बच्चे अपनी संस्कृति पढ़ सकेंगे । उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति ही हम भारतीयों की पहचान है और हम अपनी नई पीढ़ी को इसी संस्कृति से परिचय कराएंगे । अभी तक हमें हमारी संस्कृति को पढ़ने से वंचित किया जा रहा था लेकिन अब उत्तर प्रदेश में छात्र अपनी संस्कृति को बेहतर ढंग से पढ़ एवम समझ सकेंगे ।”
वहीं संभल से सपा विधायक एवम पूर्व माध्यमिक शिक्षा मंत्री ने सिलेबस में किए गए बदलाव को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है । सपा विधायक नवाब इकबाल महमूद ने 12 वीं की पुस्तक से मुगल दरबार हटाए जाने एवम 11 वीं के सिलेबस से इस्लाम का उदय,औद्योगिक क्रांति, शीत युद्ध जैसे चैप्टर्स हटाए जाने को दुर्भावना पूर्ण बताया है । उन्होंने कहा कि बीजेपी वो सब काम कर रही है जो मुसलमानों के खिलाफ है ।
उन्होंने आगे कहा कि सारी दुनिया को पता है कि मुगल सल्तनत हिंदुस्तान को तरक्की पर ले गए थे । उन्होंने कहा कि लालकिला, ताजमहल और कुतुबमीनार जैसी सांस्कृतिक धरोहरों से मुगल सल्तनत सारी दुनिया में पहचानी जाती है । बता दें कि योगी सरकार ने राज्य में मुगल इतिहास से जुड़ी चीजों पर पहली बार बदलाव नहीं किया है बल्कि इससे पहले भी मुगलों के नाम पर रखी गई जगहों के नामों में बदलाव कर चुकी है ।