MSP Registration UP: यूपी के किसानों के लिए जरूरी तथा राहत भरी खबर है। प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी कि एमएसपी योजना के अंतर्गत गेहूं खरीद के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया है। तय कार्यक्रम के अनुसार 1 अप्रैल से 15 जून तक गेहूं की खरीद होगी। साल 2022 और 2023 के लिए सरकार ने गेहूं की एमएसपी 2015 रुपए प्रति क्विंटल तय की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने क्रय केंद्रों पर किसानों की सुविधा का ध्यान रखने तथा समय पर भुगतान करने के लिए निर्देश दिए हैं।
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विभागीय अधिकारियों के अनुसार सरकारी केंद्रों पर गेहूं विक्रय के लिए किसानों को खाद विभाग की पोर्टल https://fcs.up.gov.in/ पंजीकरण करना अनिवार्य होगा। चूंकि खरीफ विपणन साल 2021 से 2022 में धान खरीद के लिए पंजीकरण करा चुकी किसानों को दोबारा पंजीकरण कराने की जरूरत नहीं है। बस वह अपनी पुरानी विवरण को अपडेट कर लॉक करना होगा। हालांकि किसानों को गेहूं के मूल्यों का भुगतान उनके बैंक खाते में ही होगा। ऐसे में सिर्फ एक्टिव बैंक खाता ही पंजीकरण विवरण में दिया जाना चाहिए। फिलहाल इस साल 6000 से ज्यादा केंद्रों पर गेहूं खरीद की जाएगी।
बता दें कि पिछले साल ही रजिस्ट्रेशन कराने वाले किसानों को अपने पुराने विवरण को अपडेट करना होगा। विभाग की ओर से यह जानकारी दी गई है कि जिन किसानों ने रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है। वह खुद से भी विभाग की वेबसाइट पर जाकर पंजीयन करा सकते हैं या फिर पास के केंद्रों पर जाकर भी यह काम करा सकते हैं। पंजीकरण कराने के लिए आधार कार्ड, बैंक पासबुक की कॉपी, मोबाइल नंबर तथा खेत की रसीद ले जानी होगी।
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खाद्य तथा रसद विभाग के अधिकारियों ने यह कहा है कि किसानों से अपील की जाती है कि वह एक्टिव बैंक खाता ही रजिस्ट्रेशन के समय दें। एमएसएमई पर गेहूं खरीद का पैसा सीधे किसानों की बैंक अकाउंट में ही ट्रांसफर किया जाएगा। अगर ऐसे में एक्टिव अकाउंट नंबर नहीं रहेगा तो किसानों को समय पर भुगतान प्राप्त करने में दिक्कत होगी।
MSP Registration UP सीएम योगी आदित्यनाथ ने भंडारण गोदाम हो या फिर क्रय केंद्र, प्रत्येक जगह गेहूं की सुरक्षा के लिए पर्याप्त इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही यह कहा है कि किसानों को एमएसपी का लाभ हर हाल में मिलना ही चाहिए। सीएम योगी ने विभागीय अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सारे क्रय केंद्रों पर पूरी पारदर्शिता के साथ ही गेहूं खरीद कराई जाए। ये सुनिश्चित किया जाए कि किसान को अपनी उपज बेचने में कोई असुविधा न हो।