Manish Kashyap News: तमिलनाडु में बिहारी श्रमिकों पर हमले का फर्जी वीडियो प्रसारित कर डर फैलाने का आरोपित जाने-माने चर्चित यूट्यूब पर मनीष कश्यप (Manish Kashyap in Fake Video Case) जेल में है। EOU ने रविवार को उसे विशेष अदालत में पेश किया था, उस बाद मनीष कश्यप को 22 मार्च तक 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया।
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2020 में बिहार की चनपटिया विधानसभा सीट से Manish Kashyap ने चुनाव लड़ा था। मनीष ने नामांकन पत्र पर अपना नाम ‘त्रिपुरारी कुमार तिवारी’ बताया था, जो YouTuber का असली नाम है। वह एक YouTuber है और उसने 2016 में महाराष्ट्र के पुणे से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है।
मनीष कश्यप को लोग बिहार में सन ऑफ बिहार के नाम से जानते हैं। बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले Manish Kashyap ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद यूट्यूब पर सच-तक नाम का चैनल बनाया और तेजी से फेमस हो गए।
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जब पुलिस अधिकारी अपनी गाड़ी में बिठाकर मनीष कश्यप (Manish Kashyap) को साथ ले जा रहे थे तब वह बिल्कुल ही शांत बैठे थे। पुलिस अधिकारियों संग बैठे हुए मनीष कश्यप को शायद ही किसी ने कभी इतना शांत बैठे हुए देखा होगा। वहीं इसी दौरान उन्हें जेल ले जाते समय उनके कुछ दोस्त पुलिस से गुहार लगाते हुए नजर आए।
मनीष कश्यप के दोस्तों ने उन्हें कहा कि,
भाई तुम बिल्कुल घबराना नहीं हम लड़ाई लड़ेंगे।
उस बाद उन्होंने पुलिस से भी कहा कि,
सर इनके खाने पीने का ध्यान रखना।
पुलिस ने उनके दोस्तों को जवाब देते हुए कहा कि,
आप से ज्यादा ध्यान रखेंगे।
बता दें कि ईओयू (आर्थिक अपराध इकाई) मनीष कश्यप (Youtuber Manish Kashyap) को रिमांड पर लेने की तैयारी में है। दूसरी और, तमिलनाडु पुलिस भी अपने राज्य में दर्ज दो मामलों के खिलाफ मनीष कश्यप (Manish Kashyap) को रिमांड पर लेकर अपने साथ ले जाने की तैयारी में है।
गिरफ्तारी के बाद शनिवार की शाम से रविवार दोपहर तक मनीष कश्यप (Manish Kashyap) से लंबी पूछताछ की गई। आर्थिक अपराध इकाई की विशेष टीम के सामने यूट्यूबर ने कई राज खोले हैं। ईओयू की एक टीम ने उसके यूट्यूब चैनल के बोरिंग रोड स्थित कार्यालय से भी कुछ डिजिटल साक्ष्यों को जब्त किया और इस आधार पर कई अन्य भी अब रडार पर हैं।
खबरों के अनुसार यूट्यूब मनीष कश्यप के पीछे एक पूरा नेटवर्क कार्यरत है और उन्होंने खुद EOU को इस बात की जानकारी दी है। इतना ही नहीं सूत्रों के मुताबिक उन्होंने कुछ रसूखदारों के नाम भी बताए हैं और यह लोग अलग-अलग तरीके से उनकी सहायता कर रहे थे। EOU द्वारा जल्दी उन सभी पर शिकंजा कसने की संभावनाएं बनी हुई है। साथ ही EOU (Manish Kasyap in Fake Video Case) ने फोटो और वीडियो प्रसारित करने के पीछे के उद्देश्य के बारे में भी पूछताछ की थी।