Mallikarjun Kharge: कांग्रेस के नवनियुक्त गैर-गांधी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शपथ ले ली है। 137 साल पुरानी पार्टी के 65 वें अध्यक्ष के रूप में खड़गे ने शपथ ली । कांग्रेस हेडक्वार्टर में भव्य समारोह के दौरान 80 साल के मल्लिकार्जुन खड़गे ने भूतपूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत कांग्रेस के तमाम नेताओं के सामने अध्यक्ष पद की शपथ ली । वहीं शपथ लेते ही खड़गे ने घोषणा की है कि वह पार्टी में युवाओं को तरजीह देंगे और आधे से अधिक पद 50 साल से कम के युवाओं को देंगे ।
बता दें कि हाल ही में हुए कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में खड़गे ने प्रतिद्वंद्वी शशि थरूर को 6825 वोटों से हराया था । खड़गे 1998 के बाद पहले ऐसे कांग्रेस अध्यक्ष हैं जो गैर-गांधी हैं ।
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कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को शपथ ग्रहण से पहले विभिन्न समाधि स्थलों में पहुंचकर पुष्प अर्पित किए । खड़गे ने सोनिया गांधी,राहुल गांधी सहित कई वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में सुबह राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी जी की समाधि पर श्रद्धांजलि दी । वहीं इसके बाद वह भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की समाधि पर जाकर पुष्प अर्पित किए ।
खड़गे ने एआईसीसी मुख्यालय में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह के दौरान भाषण देते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष बनकर गौरवांवित महसूस कर रहा हूँ । कांग्रेस के आम कार्यकर्ता से यात्रा शुरू कर पार्टी के सर्वोच्च पद तक पहुंचने वाले खड़गे ने कहा कि यह मेरे लिए भावुक क्षण हैं । मैं सोनिया गांधी जी को धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने मुश्किल समय मे भी पार्टी को संभाले रखने में कोई कसर नहीं छोड़ी । इसी दौरान उन्होंने कहा कि वह पार्टी के प्रति पूरी तरह से समर्पित रहेंगे और इसे बेहतर बनाने का प्रयास करते रहेंगे ।
इसके साथ ही नवनिर्वाचित अध्यक्ष ने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वो(बीजेपी) देश को नया भारत बनाने के नाम पर विपक्ष मुक्त करने के नारे देते हैं । वो कांग्रेस को इसलिए मिटाना चाहते हैं क्योंकि वो जानते हैं कि जब तक कांग्रेस है वो अपने मंसूबों में सफल नहीं होंगे । खड़गे ने आगे कहा कि उनका ये प्रयास हम कभी भी सफल नहीं होने देंगे और लड़ाई जारी रखेंगे ।
कांग्रेस अध्यक्ष पद के रूप में 23 साल तक बनी रहने वाली सोनिया गांधी ने एआईसीसी मुख्यालय में आयोजित खड़गे के शपथ ग्रहण समारोह में भाषण देते हुए कहा कि वह पद छोड़कर राहत महसूस कर रही हैं । उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि जिन्हें कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में चुना गया है वह एक समर्पित और जमीन से जुड़े नेता रहे हैं ।
वह एक आम कार्यकर्ता के रूप में पार्टी से जुड़ने के बाद अपनी लगन और मेहनत के बल पर इस मुकाम तक पहुंचे हैं । बता दें कि कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित शपथग्रहण समारोह में नवनिर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को चुनाव अधिकारी मधुसूदन मिस्त्री ने प्रमाणपत्र सौंपा । इसी के साथ कांग्रेस के सभी कमेटियों के पद प्राप्त सदस्यों ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है।
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80 साल के Mallikarjun Kharge ने बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष पद की शपथ लेते ही इतिहास रच दिया है । वह कांग्रेस के पहले ऐसे दलित नेता हैं जिन्होंने गैर गांधी परिवार से होने के बावजूद पार्टी के सर्वोच्च पद तक पहुंचे हैं । 12 जुलाई 1942 को कर्नाटक के बीदर जिले स्थित वरावत्ती में जन्मे खड़गे महादलित समुदाय से आते हैं । कर्नाटक के एक मिल मजदूर के बेटे मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी में आम कार्यकर्ता के रूप में जुड़कर काम शुरू किया था । छात्र राजनीति से सफर शुरू करने वाले खड़गे ने ग्रेजुएशन के बाद वकालत में हाथ आजमाई ।
साल 1969 में कांग्रेस से जुड़ने के बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और 1972 में पहली बार गुरमीत विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए । बता दें कि तब से लेकर आजतक खड़गे मात्र एकबार ही (2019 लोकसभा चुनाव) हारे हैं । वह 9 बार विधायक तो 3 बार सांसद भी रहे । वहीं प्रदेश राजनीति में भी वह सक्रिय रहे और कई बार कर्नाटक सरकार में मंत्री बने । मनमोहन सरकार के दौरान मल्लिकार्जुन खड़गे रेलमंत्री के रूप में आसीन रहे तो बाद में नेता प्रतिपक्ष के रूप में भी पद का निर्वहन किया ।