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ऑनलाइन ठगी से बचने के लिए QR CODE में कीजिए यह बदलाव…

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QR CODE

QR CODE: नरेंद्र मोदी के डिजिटल भारत में अमूमन जब भी हम कोई सामान खरीदते हैं तो ज्यादातर ऑनलाइन पेमेंट का ही ऑप्शन चुनते हैं ।जैसे फोन पर क्यूआर कोड वॉलेट जैसे सुविधाओं को महत्व ज्यादा देते हैं।

ऐसा ही हादसा कुछ दिन पहले सतीश नाम के एक शख्स के साथ हुआ। सतीश ने पुरानी चीज की खरीद व बिक्री की एक वेबसाइट पर अपने पुराने सोफे को बेचने का विज्ञापन डाला था। अपने सोफे का फोटो अपलोड करने और पोस्ट करने के कुछ ही समय बाद किसी शख्स ने इसे खरीदने की इच्छा जताई । कोई भी अन्य जानकारी मांगे बिना उसने सतीश को बताया कि वह सोफे की कीमत के तौर पर ₹25 हज़ार उसे भेज रहा है जिसके लिए उसे सतीश का व्हाट्सएप नंबर चाहिए।

सतीश ने अपना व्हाट्सएप खोला तो खरीदार ने उन्हें एक मैसेज भेजा मैं आपको एक QR CODE भेज रहा हूं जैसे ही आप उसे स्कैन करेंगे आपको पैसे मिल जाएंगे। अमूमन जब भी हम पैसे देते हैं तो क्यूआर कोड स्कैन करते हैं ।हालांकि सतीश यह बात जानते थे। तो उनके मन में शंका हुई उन्होंने सवाल किया उस ग्राहक से “क्या पैसे पाने के लिए भी क्यूआर कोड का इस्तेमाल होता है”?

सवाल पूछने पर ग्राहक ने तत्परता से कहा -जी बिल्कुल. उसके बाद सतीश में अपने व्हाट्सएप पर मिले क्यूआर कोड को स्कैन कर दिया उनके मोबाइल पर तुरंत एक मैसेज आया कि आपको ₹25000 मिल रहे हैं। इसके साथ ही उन्हें एक ओटीपी प्राप्त हुआ जिसे उन्हें अपने मोबाइल में डालना था।

सतीश का शक और बढ़ने लगा अगर ग्राहक पैसे देने के लिए तैयार है तो फिर उन्हें ओटीपी क्यों प्राप्त हुआ है । लेकिन उन्होंने बगैर सोचे समझे और जांच पड़ताल किए ओटीपी डाल दिया। लेकिन उन्हें किसी प्रकार के पैसे मिलने का मैसेज प्राप्त नहीं हुआ। बल्कि उनके ही अकाउंट से ₹50000 निकल गए उनके साथ धोखाधड़ी हो चुकी थी।

QR CODE कोड के माध्यम से होने वाली धोखाधड़ीयों का यह एक छोटा सा उदाहरण था। आजकल इस तरह की धोखाधड़ीया अपने चरम पर है ।आइए जानते हैं कि क्यूआर कोड क्या है और यह कैसे काम करता है ।और कैसे आप ऐसी धोखाधड़ी से अपने आप को और सगे संबंधियों को बचा सकते हैं।

किसे कहते हैं QR CODE और क्यों होता है इसका इस्तेमाल?

QR CODE

QR CODE का मतलब है क्विक रिस्पांस है। सन 1994 में एक जापानी ऑटोमोबाइल कंपनी डेंसो वेयर ने इसे बनाया था ।यह मैट्रिक्स बारकोड है। इसे इलेक्ट्रॉनिक मशीन के जरिए पढ़ा जा सकता है ।इस बार कोड में पेमेंट पाने वाले की सारी जानकारियां होती है।जब इस कोड को मशीन के जरिए पढ़ा जाता है तो सारी जानकारियां सामने निकल कर आती हैं।

यह बारकोड चीजों को पहचानने या इसकी ट्रैकिंग करने या फिर दूसरी जानकारियों के लिए आपको वेबसाइट की ओर ले जाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। उदाहरण के लिए अगर हम किसी कार या बस पर लगे बार कोड को स्कैन करेंगे तो कार या बस की फंक्शनिंग से जुड़ी सारी जानकारियां हमें दिखने लगेंगी। अपनी मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस के दौरान कार या बस किन चरणों से गुजरी है ।यह qr-code आपको कार या बस की वेबसाइट तक भी ले जाने में सक्षम होती है।

जल्दी ही कार इंडस्ट्री से दूसरे उद्योगों ने भी इसे अपने काम में ले लिया इससे होने वाली सुविधा ही इसे अपनाने में प्रेरक बनी इसमें यूपीसी बारकोड (ऊपर से नीचे आने वाली सीधी चौड़ी लाइने)से ज्यादा जानकारियां स्टोर की जा सकती हैं।

QR CODE कोड से पेमेंट

क्यू आर कोड मैं हम अपने निजी बैंक अकाउंट और अपने क्रेडिट कार्ड का ब्यौरा भी अपलोड कर सकते हैं। हम क्यों और कोर्ट को इस तरह की डिजाइन कर सकते हैं कि यह पेमेंट प्रोवाइडर के लिए भी काम कर सके।

आमतौर पर जब हमें अगले किसी शख्स को पैसा भेजना होता है तो हम उसके अकाउंट का ब्यौरा मागते हैं।फिर उस अकाउंट नंबर को अपने अकाउंट से जोड़ते हैं और तब जाकर पैसे ट्रांसफर करते हैं।लेकिन अगर उस अकाउंट का कोई क्यू आर कोड जारी हो तो हम उसे स्कैन करते हैं जिसे स्कैन करते ही उस शख्स का पूरा ब्यौरा मिल जाता है जिसके बाद हम पैसा तुरंत ट्रांसफर कर सकते हैं।

पिछले साल 2021 सितंबर महीने की रिपोर्ट के मुताबिक उसमें कहा गया था कि क्यू आर और यूपीआई में 100 फ़ीसदी की बढ़त हुई है। कारोबारियों और खासकर छोटे व्यापारियों का मानना है कि क्यू आर कोड ज्यादा सरल और उपयोगी है। क्यूआर कोड मिल जाने के बाद इसका प्रिंट आउट ले जाकर अपनी दुकान की दीवार या दरवाजे पर चिपका देते हैं ।जिससे उन्हें पेमेंट लेने में आसानी होती है। क्यूआर कोड की विशेषता को देखते हुए भविष्य में क्यू आर कोड बिल में भी छपे मिल सकते हैं। ग्राहक बगैर किसी झंझट के इन्हें स्कैन कर पेमेंट कर सकते हैं।

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QR CODE कोड पेमेंट से होने वाली दिक्कतें.

QR CODE

QR CODE कोड से ग्राहकों को सुविधा तो होती है लेकिन इससे गलतियों और धोखाधड़ी की आशंका भी बढ़ जाती है।लिहाजा आपको कुछ चीजें ध्यान में रखनी चाहिए।

(1)जब आपके बैंक में कोई रकम जमा करनी हो तो आपको किसी को ओटीपी नहीं बताना होता है। आप जब किसी को पैसे भेज रहे हो तब आप के मैसेज पर आए और टीवी को वेरीफाई करना बहुत आवश्यक होता है।

(2) अगर आपको अपने अकाउंट में कोई पेमेंट मंगाना है तो किसी क्यूआर कोड को स्कैन करने की जरूरत नहीं पड़ती है। लेकिन किसी अकाउंट में पेमेंट करना है तो उस समय आपको क्यूआर कोड स्कैन करना पड़ सकता है।

अगर आप इन दो बातों को अपने दिमाग और ध्यान में रखेंगे तो आप इस तरह के साइबर क्राइम के फंदे में फंसने से बच सकते हैं। जिस तरह हम अनजान लोगों के ओर से भेजे गए क्यू आर कोड लिंक को स्कैन करने से पहले सावधानी बरतना जरूरी समझते हैं उसी तरह हम इस बात को भी लेकर सतर्कता बरतनी चाहिए कि यह कहां से ओरिजिनेटेड है यानी कहां से इसे बनाया गया है।

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