भारत सरकार ने डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भरता की ओर अपने कदम बढ़ाना शुरू कर दिया है। शुक्रवार को इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी झांसी पहुंचे। पीएम मोदी ने रानी लक्ष्मीबाई के किले से एयरफोर्स को लड़ाकू हेलीकॉप्टर सौंप दिए। उन्होंने यह भी कहा कि बुंदेलखंड डिफेंस कॉरिडोर का सारथी बनेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट एयर फोर्स को सौंपा उसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने बनाया है।
मोदी ने डीआरडीओ के डिजाइन किए गए जहाज तथा बीपीएल के बनाए गए इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट भी सेना के हवाले किए हैं। पीएम मोदी ने सेना को भारतीय स्टार्टअप के बनाए गए Drone और UAV भी दिए। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इससे पहले रानी लक्ष्मीबाई का चित्र भेंट कर पीएम नरेंद्र मोदी का स्वागत किया।
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि डीआरडीओ यूपी में स्टार्टअप को भी सहयोग कर रहा है। ब्रह्मोस मिसाइल को बनाने के लिए यूपी को ही चुना गया है। पहले 65 से 70 फ़ीसदी सैन्य हथियार विदेशों से खरीदी जा रहे थे। लेकिन अब 65 फ़ीसदी हथियार भारत में ही बन रहे हैं। हालांकि भारत अब 70 देशों में सैन्य हथियार का निर्यात कर रहा है। यह बदलती सूरत ही विदेशी निर्भरता को खत्म कर देगी।
– यह किसी भी मौसम में उड़ान भरने के लिए सक्षम है.
– इसमें स्वदेशी डिजाइन और एडवांस तकनीक है.
– हवा से हवा में भी हमला करने वाली मिसाइलें ले जाने में सक्षम है।
– फारवर्ड इंफ्रारेड सर्च, सीसीडी कैमरा तथा थर्मल विजन और लेजर रेंज फाइंडर भी है.
– नाइट ऑपरेशन करने तथा दुर्घटना से बचाने में भी सक्षम है.
– चार 70 या फिर 68 एमए रॉकेट ले जाने में भी सक्षम है.