India First Woman Serial Killer: भारत की पहली महिला सीरियल killer, प्रसाद में दे देती थी जहर, जानिए इस खतरनाक killer की कहानी

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India First Woman Serial Killer: एक ऐसी महिला जो बचपन में दर्जी का काम करती थी। शादी होने के बाद घर का खर्च चलाने के लिए घरों में काम करने लगती है। लेकिन वह जिनके घरों में काम करती है। वह उनकी लाइफस्टाइल से प्रभावित हो जाती है। वो उन्हीं की तरह ही बनने की कोशिश करती है और उन्हीं के घरों में चोरी करके शौक पूरा करती है।

India First Woman Serial Killer

एक दिन चोरी पकड़ी गई

एक दिन चोरी पकड़ी जाती है और उसे जेल हो जाती हैं। जेल से आने के बाद से उसका दर्जी पति उसे घर से निकाल देता है। लेकिन वो महिला अपने भाग्य को दूसरे तरह से लिखने की ठान लेती है। वो एक चिटफंड कंपनी बनाती है। वहां भी घाटे में ही रहती है लेकिन अमीर बनने का ख्वाब नहीं छोड़ती।

India First Woman Serial Killer

यहीं से वो अपराध की दुनिया में आ जाती है और देश की पहली महिला सीरियल किलर बन जाती है। वो महिलाओं को सायनाइड खिलाकर मार डालती है। किसी को प्रसाद में जहर देती है तो किसी को खाने में। उसका नाम है “केडी केपम्मा”। जिसको लोग सायनाइड मल्लिका कहते हैं।

महिलाओं को अपना शिकार बनाती

बता दें कि सायनाइड मल्लिका उर्फ केडी केपम्मा कर्नाटक के काग्गलीपुरा की रहने वाली थी। पुलिस के अनुसार मल्लिका मंदिरों के आसपास उन औरतों को ढूंढती थी जो मानसिक तौर पर बहुत ज्यादा परेशान रहती थी। उनके अमीर होने की पूरी जानकारी कर लेती थी। वो अपने आप को भगवान का भक्त और धार्मिक महिला बनकर महिलाओं के करीब आती। इस दौरान वो महिलाओं को यह कहती थी कि पूजा पाठ के जरिए वो उनकी हर समस्या का समाधान करा देंगी। इसके बाद से वह महिलाओं को अपना शिकार बनाती। उसने पहला शिकार वर्ष 1999 में बेंगलुरू के बाहरी क्षेत्र में 30 साल की ममता राजन नाम की एक औरत को बनाया था।

दरअसल उसने ममता को पूजा के नाम पर खाने-पीने में साइनाइड मिलाकर दे दिया था। इससे उसकी मौत हो गई और वह उसकी कीमती चीजें लेकर फरार हो गई। यहां से वो जुर्म की दुनिया में आगे बढ़ी, फिर नहीं रुकी।

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केडी को हुई 6 महीने की जेल

इस बीच वर्ष 2006 में वह एक महिला के घर जाकर कुछ ऐसा ही कर रही थी। अपने प्लान के अनुसार वह उसे पूजा-पाठ में फंसा कर गहने जेवर से सजने को कहकर लूटने की फिराक में थी। लेकिन महिला की किस्मत अच्छी थी और वह बच भी गई। इस मामले में केडी को 6 महीने की जेल हो गई।

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जेल से निकलने के बाद भी नहीं रुकी

India First Woman Serial Killer, हालांकि जेल से निकलने के बाद से उसने अपने काम को और तेजी से अंजाम देना शुरू किया। वो महिलाओं को बेटा होने, उनकी जिंदगी में सब कुछ ठीक करने का झांसा देती एवं शिकार करती। आने वाले 7 वर्ष में उसने 7 हत्याएं और लूट को अंजाम दिया। इस दौरान पुलिस ने जब सभी महिलाओं की हत्या की चीज़ की स्टडी की तो तार एक-एक कर मल्लिका से जुड़ते गए। सभी में सायनाइड और मल्लिका का फैक्टर कॉमन मिला। इसके बाद से पुलिस ने उसकी तलाश शुरू की।

वर्ष 2008 में 45 साल की हो चुकी मल्लिका की आखिरी शिकार 30 साल की नागवेणी थी। उसकी हत्या करके जब वह जेवर और पैसे लेकर भाग रही थी तो पुलिस ने उसे बस स्टैंड से ही गिरफ्तार कर लिया था। उसके पास उस वक्त लूट के सामान भी थे।

अपराध की दुनिया में जेंडर मायने नहीं रखता

India First Woman Serial Killer, सायनाइड मल्लिका ने अपराध की दुनिया में यह साबित किया है कि यहां जेंडर कुछ नहीं होता। महिला भी सीरियल किलर बन सकती है। वह ना तो मानसिक तौर पर बीमार थी और ना ही मजबूर। उसे बस पैसे कमाने के लत थी और इस कारण से वह अपराध की दुनिया में बढ़ती जा रही थी।

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