Greater Noida के एक स्कूल में टीचर की पिटाई से छात्र की मौत का मामला है। ये वारदात बादलपुर थाना क्षेत्र के महावर स्थित कैप्टन सांवरिया पब्लिक स्कूल का है। आरोप यह है कि बुरी तरह जख्मी छात्र को स्कूल प्रबंधन ने अस्पताल पहुंचाने के बजाय काफी देर के बाद परिजनों को सूचित किया। वहीं पर परिजन बच्चे के इलाज के लिए एक से दूसरे अस्पताल के चक्कर भी काटते रहे। आखिरकार Delhi के एलएनजेपी अस्पताल (LNJP Hospital) में बच्चे की मौत हो गई। इस संबंध में बच्चे की मां ने पुलिस में आरोपी टीचर के अलावा प्रिंसिपल, स्कूल प्रबंधन एवं बाकी स्टॉफ के खिलाफ भी तहरीर दी है। हालांकि पुलिस मामले की जांच भी कर रही है।
बच्चे के पिता देवव्रत ने यह कहा कि उनका 12 वर्ष का बच्चा छठीं कक्षा में पढ़ाई करता था। 7 अक्टूबर की सुबह लगभग 7 बजे वो खुद बच्चे को स्कूल छोड़ कर आए थे। लेकिन लगभग एक बजे उन्हें स्कूल प्रबंधन ने सूचना दी कि बच्चा स्वास्थ्य नहीं है। वो तुरंत स्कूल पहुंचे तो देखा कि उनका बेटा बेहोश पड़ा हुआ है। उसने अपने पूरे शरीर पर उल्टियां की है। ऐसी हालत में भी स्कूल प्रबंधन बच्चे को अस्पताल पहुंचाने के बजाय परिजन का इंतजार कर रहा था।
उन्होंने यह बताया कि वो तुरंत बच्चे को लेकर नजदीकी अस्पताल पहुंचे, जहां से सिर में चोट की बात कहकर वहां से रैफर कर दिया गया। फिर वो दादरी के अस्पताल गए। यहां से दिल्ली के सफरजंग, राम मनोहर लोहिया एवं जीबी पंत अस्पताल गए। लेकिन डॉक्टरों ने भर्ती हीअपने से इनकार कर दिया। आखिर में देर रात लगभग नौ बजे उनके बच्चे ने लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में दम तोड़ ही दिया।
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देवव्रत ने यह कहा कि उन्होंने स्कूल में अपने बेटे के साथियों एवं अन्य बच्चों से पूछताछ की तो यह पता चला कि हिन्दी टीचर शोभरन की मारपीट से उनके बेटे की ये हालत हुए है। दरअसल हिन्दी टीचर ने उस दिन टेस्ट लिया था। इसमें 7 से 8 छात्र फेल हो गए थे। इनमें प्रिंस भी शामिल था। इसलिए टीचर ने उसकी भी पिटाई की। उन्होंने यह बताया कि उनके बेटे की छाती, जंघा, पीठ के अलावा भी सिर में गंभीर चोटें थी। उनके बेटे को बुरी तरह एवं बर्बरता पूर्वक पीटा गया था।
Greater Noida, बता दें कि स्कूल प्रबंधन ने बच्चे के साथ मारपीट की बात को खारिज किया है। उन्होंने कहा कि बच्चा जब स्कूल पहुंचा तो उस वक्त वो पहले से बीमार था। चूंकि बच्चे के पिता देवव्रत ने यह बताया कि बच्चा बीमार होता तो वो स्कूल ही नहीं भेजते। बच्चा पूरी तरह स्वस्थ था। मामला तूल पकड़ने पर स्कूल संचालक राजबीर नागर भी सामने आए। उन्होंने यह कहा कि मामले की जांच में पुलिस को पूरा सहयोग दे रहे हैं। वो खुद भी यही चाहते हैं कि पूरा मामला सामने आए।
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बच्चे के पिता देवव्रत ने यह कहा कि वो बुरी तरह से जख्मी बच्चे को लेकर अस्पताल दर अस्पताल घूमते रहे। दादरी के नवीन अस्पताल में सीटी स्कैन के बाद से यह पता चला कि उसके ब्रेन में ब्लीडिंग हो रही है। ऐसे में वो तत्काल बच्चे को लेकर दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल पहुंचे। लेकिन वहां पर भी डॉक्टरों ने भर्ती लेने से मना कर दिया। इसके बाद से वो राम मनोहर लोहिया एवं फिर जीबी पंत अस्पताल गए। वहां पर भी उनके बच्चे को भर्ती नहीं किया गया।
Greater Noida, आखिर में वो रात के 9 बजे जब एलएनजेपी अस्पताल पहुंचे तो पता यह चला कि उनके बच्चे की मौत हो चुकी हैं। उन्होंने यह कहा कि डॉक्टरों की संवेदनहीनता के कारण से बच्चे की मौत हुई है।
Greater Noida, पुलिस ने यह बताया कि छात्र की मां मीनाक्षी की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया हैं। आगे की कार्रवाई के लिए पुलिस पोस्टमार्टम Report का इंतजार कर रही है। इसी के साथ ही आरोपी टीचर की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की चार टीमों का गठन किया गया है। एसीपी सेकंड सेंट्रल नोएडा अरविंद कुमार ने यह बताया कि इस मामले में गैर इरादतन हत्या का मामला भी दर्ज किया गया है। उन्होंने यह कहा कि सूचना मिलने पर वो खुद बच्चे को देखने अस्पताल गए थे।