Uzma Parveen
Uzma Parveen: लखनऊ में CAA और NRC को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों का चेहरा रहीं उजमा परवीन (Uzma Parveen) पर कुछ अज्ञात हमलावरों ने फायरिंग की है। उजमा पर ये हमला हजरतगंज में हुआ। इस मामले में आरोप है कि बाइक सवार हमलावरों ने उजमा पर फायरिंग की थी।
इस घटना की खबर मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस को बुलेट का एक खोका बरामद हुआ है। हजरतगंज इंस्पेक्टर के अनुसार फायरिंग की खबर मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और कार्रवाई कर रही है। इस मामले के सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला जा रहा है।
इस पोस्ट में
उज़्मा परवीन ( Uzma Parveen) ने बताया कि मंगलवार रात 9 बजे के आस पास वे अपनी दोस्त तबस्सुम के साथ हजरतगंज शॉपिंग करने के गई थीं। मल्टीलेवल पार्किंग में गाड़ी पार्क करने के बाद जैसे ही दोनों बाहर निकली, उसी दौरान दो बाइक से आए 4 लोगों ने बाजारखाला थाने में दर्ज कराए गए केस को वापस लेने का दबाव बनाया था। चारों बदमाशों का विरोध करने पर बदमाशों ने उज़्मा परवीन के पैर में फायरिंग करने के लिए पिस्टल लगा दी थी। उज़्मा परवीन ने बड़ी चपलता से बदमाशों का हाथ पकड़ लिया और जमीन पर ही फायरिंग हो गई थी।
इंस्पेक्टर हजरतगंज अखिलेश कुमार मिश्रा ने बताया कि पीड़िता द्वारा सूचना मिलते ही मौके पर फोर्स पहुंच चुकी थी। पीड़िता की तहरीर पर आगे की कार्रवाई की जा रही है। वहीं, पार्किंग में लगे हुए सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि पार्किंग में मौजूद किसी ने भी इस फायरिंग की आवाज नहीं सुनी थी। ऐसे में इस घटना संदिग्ध माना जा है। इस मामले की आगे जांच की जा रही है।
उज़्मा परवीन ( Uzma Parveen) ने बताया कि कर्नाटक का बताने वाला एक युवक गाली-गलौच करते हुए उन्हें रेप करने की धमकी दे रहा था। उस बाद उन्होंने बाजारखाला थाने में 14 मई को फोन करने वाले उस अज्ञात शख्स के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था। तब से ही उन्हें जान से मारने की धमकी दी जा रही थी।
देश में जब CAA-NRC के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहे थे, तब लखनऊ के घंटाघर पर अपने अनोखे अंदाज में प्रदर्शन के लिए उज़मा परवीन का नाम काफी सुर्खियों में आया था। प्रदर्शन के दौरान उज़मा ने अपने छोटे से बच्चे को पीठ पर बांधकर सर्द मौसम में भी CAA-NRC का विरोध जताया था। इस कारण लोग उन्हें झांसी की रानी के नाम से जानते हैं। वहीं उज़्मा के खिलाफ घंटाघर में हुए CAA-NRC प्रदर्शन के मामलें में 12 से भी अधिक मुकदमे भी दर्ज हुए थे।
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नूपुर शर्मा के बयान के विरोध में उज़्मा ने प्रदर्शन करने को लेकर सोशल मीडिया में पोस्ट की थी। इसे देखकर 4 जून को पुलिस ने उज़्मा को उनके घर में नजरबंद कर लिया था।
लखनऊ में CAA और एनआरसी के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शनों का मुख्य चेहरा रहीं उजमा विधानसभा चुनाव के दौरान AIMIM में शामिल हो गई थीं। AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने Uzma Parveen को कानपुर में पार्टी की सदस्यता भी दिलाई थी। Uzma Parveen ने AIMIM के टिकट पर लखनऊ की 171 पश्चिम विधानसभा से दावेदारी के लिए नामांकन भी भरा था। हालांकि, यह रद्द हो गया और वे चुनाव नहीं लड़ पाई थीं। Uzma Parveen ने कोरोना संक्रमण में लोगों के घरों और मस्जिद को भी सेनेटाइज किया था। जिसकी वजह से वह लोगों के बीच काफी पॉपुलर हो गई थीं। वह अपने घर से पीठ पर पर टैंक लाद कर सैनेटाइज करनके के लिए निकल पड़ती थीं।