Eco Friendly Chai Wala: इन दिनों social media पर एमबीए चायवाला, ग्रेजुएटचाये वाले के बाद से अब social media में ‘इको फ्रेंडली चाय वाला’ ने तहका मचा रखा है। आपको बता दें कि ‘इको फ्रेंडली चाय वाला’ ने महज दो महीने में अपने बिज़नेस को ऐसा सेट किया अब हर महीने लाखों रुपए की कमाई भी कर रहे है। दो दोस्तों ने ये बिज़नेस शुरू किया है। lockdown में नौकरी जाने के बाद से आगरा के रहने वालो दो दोस्तों ने इस बिज़नेस का शुरुआत करने का सोचा। उसके बाद क्या था? एमबीए चायवाला के बाद ‘इको फ्रेंडली चाय वाला’ ने अपने अनोखे टेस्ट एवं यूनिक नाम के चलते ही बहुत कम समय में अपनी एक अलग पहचान बना ली।
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बता दें कि ‘इको फ्रेंडली चाय वाला’ के पास आपको करीब 15 तरह की चाय पीने को मिलेगी। जिसका कीमत महज 15 रुपए से शुरू होता है। इसके साथ यहां पर जो लोग चाय पिने आते है। उन्हें कुल्हड़ को भी खाना पड़ता है। दरअसल इस अनोखे नाम की तरह यहां पर सर्विस भी काफी अलग है। आगरा में चाय के शौकीन को ‘इको फ्रेंडली चाय वाला’ कैफे की कुल्हड़ की चाय काफी ज्यादा पसंद आ रही है। यहां पर लोग चाय पीने के बाद खुशी से कुल्हड़ भी खा रहे हैं, क्योंकि कुल्हड़ को चावल से बनाया गया है। जो पूरी तरह से खाने योग्य भी है। दो दोस्त आशीष पराशर एवं ओम झा ने स्टार्टअप शुरू किया है।
वही पर अपने स्टार्टअप के बारे में बात करते हुए कैफ़े के मालिक ने यह बताया कि ‘एक दिन फेसबुक पर रील देख रहा था। उसमें एक रील दिखाई दी। जिसमें चाय के बाद से लोग कप को खा रहे थे। मुझे ये रील बहुत अच्छा लगा। इसके बाद से दोस्त के साथ मिलकर खाने वाले कुल्हड़ की चाय कैफे खोलने का मन बनाया। हालांकि खाने वाले कप में तीन तरह के फ्लेवर में हैं। इसके अलावा भी लगभग 15 तरह की चाय मिलती है। हर चाय का रेट 15 रुपए से शुरू होता है। एक दिन में लगभग 400 कप चाय बेच लेता हूं। कप को खाने पर इलायची तथा चॉकलेट का स्वाद आता है।
आशीष ने यह बताया कि एक दिन फेसबुक पर रील देख रहा था। इस दौरान एक रील दिखाई दी। जिसमें लोग चाय के कप को ही खा रहे थे। मुझे चाय का कप कुछ अलग लगा। इसके बाद से दोस्त के साथ मिलकर खाने वाले कुल्हड़ की चाय कैफे खोलने का मन बनाया। उसके बाद से दोनों दोस्तों ने उस रील वाले व्यक्ति से संपर्क किया। वह तमिलनाडु का निकले। उन्होंने यह बताया कि तमिलनाडु में चावल से चाय के खाने वाले कप बनाए जाते हैं। जिस तरह आइसक्रीम की सॉफ्टी बनती है, उसी तरह ये कप भी बनते हैं। उनको इस कप में लोगों को चाय सर्व करने का विचार अच्छा लगा।
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Eco Friendly Chai Wala, ओम झा ने यह बताया कि पढ़ाई के दौरान वो अक्सर चाय पीते थे। तो प्लास्टिक के कप में चाय मिलती थी। जब उन्हें प्लास्टिक कप में चाय पीने के हानि के बारे में पता चला तो उन्होंने प्लास्टिक कप में चाय पीना ही छोड़ दिया था। लोगों को यह पता नहीं कि प्लास्टिक कप में चाय या फिर प्लास्टिक थैली में गर्म खाना पैक कराने से शरीर को बहुत ही नुकसान होता है। ऐसे में उन्होंने अपने स्टार्ट अप में प्लास्टिक एवं कागज के कप को यूज न करने का मन बनाया। स्टार्ट अप का नाम भी Eco-friendly tea वाला रखा।
Eco Friendly Chai Wala, आशीष ने यह बताया कि उनके यहां पर चावल के कप एवं मिट्टी से बने कुल्हड़ में चाय मिलती है। इसके अलावा भी उनके यहां पर जो ब्रेक फास्ट या फिर खाना दिया जाता है। वो भी मिट्टी के बर्तन में ही दिया जाता है। यह खाने वाला कप 15 मिनट तक नहीं गलता है। इसमें आप आराम से चाय पी सकते हैं। इस कप का फायदा यह है कि चाय पीने के बाद से इससे गंदगी भी नहीं होती है। लोगों को यह बहुत पसंद आ रहा है।