Daanpatra Organisation
Daanpatra Organisation: वैसे तो हमें हमारे बचपन से ही रिसाइकिल का महत्व समझाया जाता है लेकिन हम में से बहुत ही गिने-चुने लोग है जो इसे बात को फॉलो करते हैं। हमारी जरूरत खत्म होने के बाद चीजों की रिसाइकिल कैसे करें? इसकी बात जानकारी न होने के कारण न चाहते हुए भी हमें अपनी चीजों को डंप करना पड़ता है। अगर कैसा होगा कि अगर यही समान किसी परिवार तक पहुंचा दिया जाए? तो दोस्तो, अब इस बात का भी संभव बनाया है मघ्यप्रदेश के इंदौर शहर की सेवाभावी संस्था ” दानपात्र” संस्था ने, जी हां, यह एक ऐसी संस्था है जो चीज़ों को रिसाइकिल कर लोगों तक पहुंचाती है।
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अगर हमारे मन में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो फिर हमारी राह के कठिनाईयां भी आसान बन जाती है। पता ही नहीं चलता कि हम अकेले ही चल रहें हैं और चलते-चलते कारवां बन जाता है। थामने वाला हाथ और साथ मिल जाए तो हमें हमारा लक्ष्य हासिल करने में जरा देर नहीं लगती है। जज्बे की एक ऐसी ही मिसाल पेश की है इंदौर के दानपात्र ग्रुप ने जिसने लाखों लोगों के चहेरे पर मुस्कान फैला कर यानी जरुरत की चीजों को लाखों लोगों के घरों तक पहुंचा कर नया रिकॉर्ड बना दिया है।
इंदौर हमारे देश का एक ऐसा शहर है जिसके नाम कई रिकॉर्ड दर्ज हैं। फिर चाहे बात स्वच्छता की बात हो या फिर दूसरी सुविधाओं की लेकिन हर क्षेत्र में इंदौर ने उपलब्धि अर्जित की है। अब इस बार तो इंदौर के दानपात्र ग्रुप ने नया कीर्तिमान बनाया है। एक ही दिन में करीब ढाई लाख गरीब परिवारों तक निशुल्क कपड़े, खिलौने, राशन आदि सामान पहुंचाकर उन्हें दीपावली का अमूल्य गिफ्ट दिया है। इस उपलब्धि के लिए संस्था का नाम एक्सक्लूसिव वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज हुआ है।
दानपात्र फाउंडेशन एक ऐसी संस्था है जो साल 2018 से रिसाइकिल थीम पर काम कर रही है। यह टीम जरूरतमंद लोगों को रिसाइकल्ड प्रोडक्ट जैसे फर्नीचर, क्रॉकरी, कपड़े, किताब, खिलौने समेत कई अन्य चीजें मुहैया कराने का काम करती है। गरीब परिवार के लोग जो इन सभी चीजों को खरीदने में असमर्थ होते हैं उन्हें बिना किसी मुश्किल के जिवन उपयोगी जरूरी समान मिल जाता है। टीम यह संस्थान इस बात का भी खास ध्यान रखती है कि रिसाइकल्ड किया हुआ प्रोडक्ट सही स्थिति में ही हो।
इंदौर शहर के पश्चिमी क्षेत्र के रणजीत हनुमान मंदिर रोड सेठी गेट के पास से दानपात्र सेवा का संचालन किया जा रहा है जो नेकी की दीवार जैसी सेवाओ का डिजिटल स्वरूप है। दानपात्र सामाजिक संगठन मोबाइल एप्लिकेशन और वेबसाइट के माध्यम से अब तक 50 हजार से ज्यादा दानदाताओं को जोड़ चुकी है। खास बात ये है कि संस्था के पास करीब 5 हजार वालेंटियर ऐसे है जो निःशुल्क सेवा के प्रकल्प में अपना पूरा सहयोग देते है। कोरोना महामारी के दौर में भी डोनर्स ने जमकर सहयोग किया और करीब 60 हजार लोगों को भोजन, राशन और अन्य जरूरी वस्तुएं मुहैया कराई गई है।
दानपात्र फाउंडेशन इंदौर की शुरुआत साल 2018 में आकांक्षा और यश गुप्ता ने की थी। दिन गुजरते गए और इन दाताओं की महेनत रंग लाती गई और आज यह संस्था लाखों लोगों के दिलों और घरों में खुशियां बांट रही है।
आप सोच रहे होंगे की आपकी इस्तेमाल शुदा चीजों को आपको संस्थान तक पहुंचाना पड़ेगा लेकिन ऐसा बिल्कुल ही नहीं है क्योंकि दानपात्र ग्रुप एक ऐसी संस्थान है जो लोगों की सहुलत और समय का भी ख्याल रखती है। इसका अर्थ है कि अब समाज सेवा करने के लिए आर्थिक मदद जुटाने के लिए अब तक दानदाता के पास जाना पड़ता था लेकिन अब आधुनिक तकनीक के दौर में ये स्वरुप बदल गया है।
सामाजिक दूरी बनाकर भी समाज सेवा की जा सकती है। इस बात को साबित कर दिखाया है इंदौर के युवाओं की टीम ने, यानी कसमाजसेवी युवाओं द्वारा बनाये गए “दानपात्र एप” (Danpatra App) ने। इस एप के माध्यम से कोई भी व्यक्ति अपनी तरफ से कुछ भी दान कर सकता है। टीम के सदस्य उस चीज को रिसाइकिल कर जरुरतमंद तक पहुंचाते हैं और फिर उसकी जानकारी भी अपलोड करते हैं।
दानपात्र एप के माध्यम से आप उपयोग में नहीं होने वाली चीजों को किसी जरूरतमंद तक घर बैठे ही पहुंचा सकते हैं। एप पर चीजों की जानकारी देने के बाद टीम खुद आपसे संपर्क करेगी। आप गूगल प्ले स्टोर से ये एप डाउनलोड कर के इस नेक कार्य में अपनी सहभागिता दे सकते हैं। लेकिन ये सर्विस फिलहाल मध्यप्रदेश के इंदौर शहर तक ही सीमित है लेकिन जल्द ही अन्य शहरों में भी ये सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
दानपात्र की इस मुहीम में 70 हजार से ज्यादा वॉलंटियर जुड़े हैं जो अलग – अलग प्रोफेशन से हैं। सभी के अपने अपने बिजी शेड्यूल होने के बावजूद यह सभी लोग डोनेशन ड्राइव से जुड़कर संस्था का सहयोग कर लोगों की मदद कर रहें हैं। आप भी अपने उपयोग में न आ रहे पुराने सामान को डोनेट करके या फिर वालंटियर बनकर “दानपात्र” से जुड़ सकते है इसके
लिए आप “दानपात्र” के हेल्पलाइन नंबर 6263362660 ,7828383066 पर संपर्क कर सकते है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी दानपात्र ग्रुप बना हुआ है। इस ग्रुप ने सोशल मीडिया का भी उपयोग किया। गूगल प्ले स्टोर पर ऐप भी बनाया है। फेसबुक, इंस्टाग्राम पर पेज बनाए हैं। इन प्लैटफॉर्म के माध्यम से ही जागरुकता फैलाकर शहर के लोगों को इस अभियान में जोड़ा जाता है। इसके बाद सर्वे के आधार पर जरूरतमंद लोगों की सहायता की जाती है।
इस दीपावली पर मदद के लिए 1 नवंबर का दिन चुना था और थीम थी 251-k..। मतलब एक दिन में ढाई लाख परिवारों तक सामग्री पहुंचाने का लक्ष्य। इस मिशन को कामयाब बनाने के लिए टीम द्वारा दिन रात एक कर प्रयास किया गया , सोशल मीडिया के माध्यम से जागरूकता फैलाकर शहरवासियों को इस मिशन से जोड़ा गया , टीम का कहना है की इस मिशन की सफलता का श्रेय हर उस व्यक्ति को जाता है जो प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से “दानपात्र” से जुड़ा है |
इस संस्था की शुरुआत 10 मार्च 2018 में की गयी थी जिससे अब तक सेवा कार्य कर 9 लाख से ज्यादा जरूरतमंद परिवारों तक मदद पहुंचाई जा चुकी है एवं 70 हजार से ज्यादा इंदौरवासी इस प्लेटफॉर्म से जुड़ चुके है | संस्था के सदस्य शहर में अलग-अलग जगहों पर पहुंचकर लोगों की मदद करते हैं। इस दिपावली के दौरान महिलाओं को 12 हजार से ज्यादा साड़ियां बांटी गईं। दानपात्र ने शहर की कई बस्तियों में सामान पहुंचाया।
दानपात्र संस्था ने इस काम के लिए 20 टीमें बनाई थीं। हर टीम ने दो लोकेशन पर पहुंचकर काम किया। एक टीम में 20 से ज्यादा सदस्यों ने शामिल होकर शहर की बस्तियों में कपड़े, खिलौने और जूते-चप्पल के अलावा भी कई दूसरे तरह का सामान बांटा। 20 से ज्यादा चार पहिया वाहनों और 60 से ज्यादा बाइक से संस्था सदस्य लोगों तक पहुंचे थे। 60 हजार से ज्यादा बच्चों के कपड़े, 10 हजार से ज्यादा खिलौने, करीब 20 हजार पुरुषों के कपड़े और करीब 8 हजार जोड़ी जूते-चप्पल बांटे गए। दिवाली से पहले ही दानपात्र संस्थान ने लोगों से इस अभियान से जुड़ने की अपील की थी।
शहर के स्लम्स एरिये में घर घर जाकर जरुतमंदों की मदद करने वाली दानपात्र संस्था की कार्यशैली भी सबसे जुदा है। डोनर से सोशल मीडिया के जरिये अपील की जाती है और डोनर संस्था को घर में पड़े पुराने सामान, कपड़े व अन्य बेकार पड़ी वस्तुओं को पहुंचाता है जिसे दानपात्र संस्थान द्वारा दुरुस्त कर गरीबो तक पहुंचाया जाता है ताकि उनके जीवन में भी खुशहाली आ सके।
दानपात्र के संचालक यश गुप्ता ने अपने इंटरव्यू में बताया कि दानपात्र एक ऑनलाइन एप्लिकेशन है जिसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति अपने उपयोग में न आने वाले सामान को घर बैठे डोनेट कर सकता है। डोनेशन रिक्वेस्ट आने के बाद डोनर के घर से अनुपयोगी सामान कलेक्ट कर उसे उपयोग लायक बनाकर जरूरतमंदों तक पहुंचाया जाता है। इतना ही नहीं सामान दान करने के बाद उसकी संपूर्ण जानकारी भी अपलोड की जाती है जिससे दानदाता को मालूम हो कि उनके द्वारा दान की हुई वस्तु किस तरह जरूरतमंद तक पहुंची है।