आगरा के एक इंटर कॉलेज में ही हिंदू विरोधी के ऊपर लोगों ने खूब नाराजगी जताई है। हिंदू वासियों का यह आरोप है कि यहां बच्चों को मंदिर का मतलब मानसिक गुलामी का रास्ता ही बताया जा रहा है। कॉलेज में हिंदू छात्र छत्राओं को हाथ में कलवा एवं माथे पर तिलक लगाकर आने पर भी रोक हैं। यहां तक की कॉलेज में जनेऊ धारण करने पर भी रोक लगाई गई है। इन मुद्दों को लेकर या फिर आरोपों को लेकर हिंदूवादियों ने कॉलेज प्रबंधक के खिलाफ थाने में एत्माद्दौला तहरीर दी है।
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एत्माद्दौला क्षेत्र के टेढ़ी बगिया में ही मां बैकुंठी देवी सर्वोदय इंटर कॉलेज है। हिंदूवादी नेता पवन समाधिया ने कॉलेज प्रबंधन पर यह आरोप लगाते हुए तहरीर दी है कि इस कॉलेज में सनातन धर्म का अपमान किया जा रहा है। कॉलेज में यह लिखा है कि मंदिर का मतलब मानसिक गुलामी का रास्ता ही होता है। मंदिर की घंटी हमें यह संदेश देती है कि हम धर्म, पाखंड, मूर्खता और अंधविश्वास की तरफ बढ़ रहे हैं। कॉलेज में कोई भी छात्र-छात्रा माथे पर तिलक लगाकर या फिर हाथ में कलावा बांधकर नहीं आ सकता। यहां तक की जनेऊ धारण करने पर भी रोक है। कॉलेज में छात्र छत्राओं से जबरन ही हिंदू व सनातन धर्म के विरोध में नारे लगवाए जा रहे हैं। जब अभिभावक इस बात की शिकायत करते हैं तो बच्चों को स्कूल से निकालने की धमकी दी जाती है। फिलहाल हिंदूवादी नेताओं ने स्कूल के बोर्ड पर लिखी विवादित पंक्तियों की फोटो पुलिस को सौंप दी है।
बसपा से कॉलेज संचालक श्याम प्रकाश बोधी पार्षद रह चुके हैं। वह पहले विवादों में भी खूब रहे हैं। अगर हम कॉलेज के स्टाफ की माने तो 5 साल के लिए उन्होंने कॉलेज को किराए पर दे दिया था। अब वह खुद ही पिछले कुछ सालों से कॉलेज को संचालित कर रहे हैं।
हिंदूवादी नेताओं का यह कहना है कि कॉलेज में सनातन धर्म व हिंदू धर्म का अपमान भी किया जा रहा है। छात्र-छात्राओं को कॉलेज में गलत शिक्षा दी जा रहे हैं। उन्होंने आगे बताया कि कॉलेज संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए तहरीर दी गई है। अगर इस पर कार्यवाही नहीं की जाती है तो हिंदू समाज के लोग आंदोलन करेंगे।
एत्माद्दौला के एसओ देवेंद्र शंकर पांडे ने कहा कि अब पुलिस टीम को भेजा गया है मामले की जांच भी कराई जा रही है। उधर बसपा नेता श्याम प्रकाश बोधी और कॉलेज संचालक का कहना है कि विद्यालय में कुछ भी नहीं लिखा है। यहां तक कि उनके कार्यालय में भी महापुरुषों के विचार लिखे हैं। टीका और कलवा पर भी प्रतिबंध के आरोप निराधार हैं। सभी धर्मों के आदर की विद्यालय में शिक्षा दी जाती है।