Arundhati Roy Speech Case: जानी मानी अरुंधति रॉय पर साल 2010 में विवादित भाषण देने का आरोप दर्ज है। कश्मीर में एक समारोह के दौरान स्पीच देने को लेकर उनके खिलाफ FIR दर्ज की गई थी। अब उनके खिलाफ दिल्ली के उपराज्यपाल ने मुकदमा चलाने की बात को मंजूरी दी है।
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दिल्ली के उप-राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना (Vinay Kumar Saxena) ने सीआरपीसी की सेक्शन 196 के तहत अरुंधति रॉय और शेख शौकत हुसैन (Arundhati Roy Prosecution) के खिलाफ मुकदमा चलाने को मंजूरी दे दी है। दोनों के खिलाफ नई दिल्ली के मेट्रोपॉलिटिन मजिस्ट्रेट ने 27 नवंबर 2010 को आईपीसी की सेक्शन 153ए, 153बी और 505 के तहत मामला दर्ज करने का आदेश दिया था, उस बाद बाद इनके खिलाफ FIR दर्ज की गई थी।
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कश्मीरी सोशल वर्कर सुशील पंडित ने कम्पलेन दर्ज करवाई थी कि 21 अक्टूबर 2010 को ‘आज़ादी – द ओनली वे” विषय पर ‘कमेटी फॉर रिलीज ऑफ पॉलिटिकल प्रिजनर्स’ की तरफ से आयोजित किए गए एक सम्मेलन में ‘भड़काऊ भाषण’ दिया गया था। उन्होंने इस सिलसिले में कार्यक्रम में शामिल कुछ लोगों और शामिल वक्ताओं के विरुद्ध 28 अक्टूबर को तिलक मार्ग थाने में कम्पलेन दर्ज करवाई गई थी।
शिकायतकर्ता का यह आरोप था कि जिस मुद्दे पर चर्चा और प्रचार हुआ वह ‘कश्मीर को देश से अलग करना’ था। इसके अलावा शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया है कि ये सारे ही भाषण भड़काऊ थे, जो शांति और सार्वजनिक सुरक्षा को खतरे में डालते हैं।
अरुंधति रॉय एक प्रमुख भारतीय लेखिका हैं, जिन्होंने उनकी प्रथम कविता “दुखीघर की कविता” के साथ 1997 में अपना पहला काव्य नाटक “दैनिक यात्री” प्रकाशित किया। उनकी प्रमुख कृति “दी गॉड ऑफ स्मॉल थिंग्स” ने 1997 में मन बुकर वर्कर प्राइज जीता और उन्हें विशेष रूप से प्रमुखता प्राप्त की। वे साहित्य के क्षेत्र में अपने विचारशील और सामाजिक प्रभावी लेखन के लिए भी प्रसिद्ध हैं।