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घटना उत्तर प्रदेश के शाहजहां जिले की है जहां एक पुल धचाक से गिर गया। यह पुल रामगंगा और बहगुल नदी पर बना हुआ है। प्रातः काल यह पुल धराशाई हो गया। गनीमत यह रही कि प्रातः सुबह होने से पुल पर अधिक वाहन या लोग नहीं थे। जिससे किसी प्रकार के जानमाल की हानि नहीं हुई। बताया जा रहा है कि यह पुल 2008 में बनवाया गया था यह पुल गिरने से किसी प्रकार के जानमाल की हानि नहीं हुई लेकिन यह 2 किलोमीटर लंबा पुल के क्षतिग्रस्त होने से सामान्य जनमानस और यातायात को लाने और ले जाने में बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
सवाल यह है कि अंग्रेजों के जमाने की इमारत, पुल आदि सभी आज भी सुरक्षित है और यूज करने लायक हैं लेकिन ऐसा क्या है की स्वतंत्र भारत में आज के समय में बनाई गई इमारतें और पुल , सड़क अच्छे से 10 साल भी नहीं चल पाती है। अंग्रेज ऐसा क्या मिला देते हैं कि उनके इन्फ्राट्रक्चर सालों साल चलते हैं । और हमारे भारत में ऐसी कौन सी कमी है जो इस तरह इन्फ्राट्रक्चर ध्वस्त हो जाते हैं।
गनीमत यह रही थी की घटना के समय कोई भी गाड़ी वाहन या लोग पुल पर या पुल के नीचे नहीं थे और पुल किसी भीड़भाड़ वाले स्थान पर नहीं था नहीं तो कई घरों के चिराग बुझ जाते। यह केवल और केवल भ्रष्टाचार का उदाहरण है। सरकार चाहे जिसकी भी हो भ्रष्टाचार पर लगाम ना तब लगी थी और ना अब लगी है।
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