Brand Story : विश्वास एक बहुत बड़ी चीज होती है। व्यापार में तो इस विश्वास का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है। जिस भी प्रोडक्ट पर लोगों का एक बार विश्वास बन जाता है। उसकी मांग दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जाती है। जैसे की बात जब जूतों की मजबूती की आती है तो एक ही नाम सामने आता है Woodland। Woodland के जूतों के लिए यह Brand Story फेमस है कि इंसान इस कंपनी के जूते शौक से तो खरीदता है लेकिन इन जूतों का शौक मर जाता है मगर यह टूटता नहीं।
हम आज आपको जूतों के इसी Brand Story को बताने जा रहे हैं। तो चलिए यह जानते हैं कि कैसे एक भारतीय ने रूसी जूतों पर भारत की मुहर लगाई और भारत में इसकी तीन दुकानें खोलकर पूरी दुनिया में इसे फेमस कर दिया।
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बता दें कि नब्बे के दशक में जूतों के बाजार में केवल यही नाम गुजरते थे बांटा। यह Woodland ही था। जिसने इनके किले में सेंध लगाई और भारतीय बाजार में उतर कर धीरे धीरे अपनी जगह बना ली। एक वक्त था जब भारत दिल्ली के एरो क्लब में अपने सबसे बड़े बिजनेस पार्टनर रहे रूस के लिए जूते बनाया करता था। इसके बाद से 1992 में सोवियत रूस का भी गठन हुआ और आगे की संभावनाओं से भरा यह मार्केट बिखर गया। इसका नतीजा यह निकला कि रूस की ओर से मिले सारे ऑर्डर रातों-रात रद्द कर दिए गए।
उन दिनों एरो क्लब के चेयरमैन अवतार सिंह थे। उनके लिए रोज के बाजार के लिए बनाए गए लेदर के कैजुअल शूज इंडस्ट्रियल बूट्स का स्टॉक एक बड़ा सिरदर्द बन गया। चूंकि बाद में इस सिर दर्दी ने उन्हें इतना बड़ा फायदा पहुंचाया की, जिनकी चर्चा आज भी होती है। अवतार सिंह की नजर इन स्टॉक में पड़े रफ-टफ जूते पर पड़ी। जिसे रूस के मौसम के लिए खास तौर पर डिजाइन किया गया था। मोटे सब लेदर से लिया गया, यह हैंड मेड जूता शोल हार्ड रबड़ से बनाया गया था। हालांकि जूते की लुक रफ-टफ रखी गई थी और यह लंबे वक्त तक चलने वाला लग रहा था।
अवतार सिंह कनाडा के क्यूबेक में रहते थे। उन्होंने सन् 1980 में Woodland की पेरेंट कंपनी एयरो क्लब की स्थापना कनाडा के क्यूबेक में की थी। मगर अवतार सिंह मूल रूप से भारत से है। रूस निर्यात के लिए रखे स्टॉक में से उन्हें एक रफ एंड टफ जूता को चुना और उसे Woodland के लेबल के साथ बाजार में ले आए। उस वक्त बाटा के आगे बाकी सब कंपनियां फेल थी। लेकिन अवतार सिंह के Woodland ने बाटा को भी कड़ी टक्कर देनी शुरू कर दी।
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इस भारी-भरकम और रफ एंड टफ जूते को भारत में अवतार सिंह ने बेचने का निर्णय लिया। उन्होंने इस मजबूत Woodland ब्रांड नेम के साथ एरो क्लब के दो से तीन स्टोर पर लांच किया। शौकीन लोगों तक सीधा पहुंचाने के लिए उन्होंने ये जूता दिल्ली के कुछ छोटे रिटेलर्स को कमीशन आधार पर बेचने के लिए उपलब्ध करवाया। अवतार ने इस शू स्टाइल को नंबर दिया, जी-0092। इस नंबर में 0092 का मतलब 1992 एवं जी का मतलब जेंट्स शूज था। पैसे का पूरा मूल्य वसूल करने वाले भारतीय ग्राहक Woodland ने जी-0092 को पसंद किया।
अवतार सिंह ने इन जूतों के लिए रंग भी अतरंगी ही चुने। उन्होंने इन जूतों को खाकी, ऑलिव, कैमल, ब्लैक और इन सब की मिक्स कलर्स में बनाना शुरू किया। इसके पास से तो Woodland के जूतों को ऐसी जबरदस्त पब्लिसिटी मिली कि भारत में Woodland ब्रांड नेम सबको रख गया। इसकी खासियत यह थी कि इसके 1 जोड़ी जूते सालों तक जाते हैं। इस बात ने लोगों के बीच Woodland का विश्वास और बढ़ाया। तो ऐसी थी Woodland की Brand Story.
भारत में Woodland का प्रमुख निर्माण केंद्र नोएडा में है। चमड़ी को पंजाब के जालंधर में टेनरियों से सोर्स किया जाता है। Woodland के हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में 8 फैक्ट्री है। जो 70 प्रतिशत डिमांड को पूरी करती है। आज पूरी दुनिया में Woodland के लगभग 350 एक्सक्लूसिव शोरूम के साथ 5000 से ज्यादा मल्टी ब्रांड आउटलेट्स भी हैं। Woodland अब 1,250 करोड़ रुपए का कारोबार करती है।