Bilkis Bano Case: Bilkis Bano Convicts Chimanlal, बिलकिस बानो (Bilkis Bano Case Two Convicts Tried To Molest Women During Parole) के एक दोषी का पुराना कच्चा चिठ्ठा खुल चुका है।। दोषियों में से जेल से रिहा होने वाले चिमनलाल ने 2020 में पैरोल पर छूटने के दौरान एक ‘महिला के साथ छेड़छाड़’ की थी। इतना ही नहीं अब तक यह यह मामला भी कोर्ट में लंबित है।?
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बिलकिस बानो मामले में दोषी पाए गए अपराधियों में से एक पर 2020 में पैरोल पर रहते हुए एक महिला के साथ दुर्व्यवहार करने का संदेह है। गुजराती सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में पेश किए गए एक हलफनामे में राज्य के गृह विभाग के अवर सचिव ने कहा कि मितेश चिमनलाल भट्ट पर एक महिला का शील भंग करके कानून का उल्लंघन करने का आरोप है।
चिमनलाल भट्ट उन दोषियों में शामिल है जिनको गुजरात सरकार ने बिलकिस बानो मामले (Bilkis Bano Convict Chimanlal) में अब जेल से रिहा किया गया है। वहीं राज्य सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 11 दोषियों को ‘अच्छे व्यवहार’ के कारण रिहा किया गया था।
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, उस समय के पुलिस एसपी ने कहा कि उस पर आईपीसी की धारा 354, 504, 506 (2) और 114 के तहत अपराध करने का आरोप लगाया गया था, जबकि वह पैरोल पर बाहर था और उसके खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी। जिसका ट्रायल रंधिकपुर थाने में अभी चल रहा है।
दोषियों में से एक, मितेश चिमनलाल भट्ट, पर गुजरात सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में पेश किए गए हलफनामे के अनुलग्नक के अनुसार, जून 2020 के दौरान पैरोल पर एक महिला की शील भंग करने का आरोप है।
दाहोद के एसपी ने बिलकिस बानो गैंगरेप मामले में 11 में से 10 दोषियों की रिहाई के बारे में पॉजिटिव राय भले ही दी थी, लेकिन रिकॉर्ड से यह साफ हो जाता हैं कि दो दोषियों – 58 वर्षीय रमेश चंदना और 57 वर्षीय मितेश भट्ट के खिलाफ उम्र कैद की सजा के दौरान भी अपराध दर्ज किए गए थे।
कार्यालय पुलिस अधीक्षक (दाहोद) ने जिलाधिकारी को सूचित किया था कि उक्त आवेदक/अभियुक्त बंदी संख्या 26143-मितेश चिमनलाल भट्ट (Bilkis Bano Convict Chimanlal) के खिलाफ रणधीकपुर पुलिस स्टेशन में अपराध दर्ज है। रेप के दोषी चिमनलाल पर आईपीसी की धारा 354, 504, 506 (2) के तहत केस दर्ज हुआ था।
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केंद्रीय गृह मंत्रालय के Bilkis Bano Case में चिमनलाल भट्ट समेत 11 दोषियों की जल्द रिहाई को मंजूरी देने को लेकर अब विवाद गहराता ही जा रहा है। दोषियों की रिहाई के खिलाफ याचिकाकर्ताओं में से एक टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रियों अमित शाह और प्रल्हाद जोशी से ‘अच्छे व्यवहार’ को परिभाषित करने क अनुरोध किया है।
महुआ मोइत्रा कने ट्वीट करते हुए कहा,
“बिलकिस के दोषी चिमनलाल भट्ट ने 2020 में पैरोल पर महिला से छेड़छाड़ की थी, मुकदमा भी लंबित यू / 354 आईपीसी। इसी आदमी को भी तुमने रिहा भी किया। वाह! अच्छे दिन और अच्छे लोग। एक बेटी को मोलेस्ट करना भी आपके लिए “अच्छा व्यवहार है”
केंद्र (Bilkis Bano Case Two Convicts Tried To Molest Women During Parole) के इस फैसले पर कटाक्ष करते हुए शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट किया,
“जितना अधिक आप एक महिला के साथ बुरा व्यवहार करते हैं, आप उतने ही बेहतर इंसान बनते हैं, यह भारत सरकार की नई रणनीति लगती है।” उन्होंने आगे लिखा है, “यह गृह मंत्रालय का गुड बिहेवियर सर्टिफिकेट धारक व्यक्ति है।”