Bihar के एक आदिवासी बहुल इलाके में सरकारी विद्यालय में उस वक्त बवाल हो गया जब ग्रामीणों ने प्रधानाचार्य को ग्रामीणों ने रसोइए के साथ आपत्तिजनक स्थिति में पकड़ लिया। स्कूल के एक कमरे में रसोइए के साथ रंगरेलियां मना रहे प्रिंसिपल को गांव वालों ने न सिर्फ पकड़ा बल्कि बंधक भी बना लिया । रसोइए के साथ आपत्तिजनक स्थिति में पकड़े गए प्रधानाचार्य को गांव वालों ने कमरे से निकाल कर बाहर खम्भे में बांध दिया।
यही नहीं प्रिंसिपल को गांव वालों ने शर्मसार करते हुए पूरे गांव में घुमाया और बाद में पंचायत भी बैठाई गयी जिसके बाद प्रिंसिपल पर भारी जुर्माना लगाकर छोड़ा गया । बता दें कि घटना बिहार के बगहा स्थित आदिवासी बहुल इलाके के गोबरहिया दोन की है ।
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घटना 12 सितंबर की है । Bihar के बगहा के आदिवासी बहुल गांव गोबरहिया दोन में एक सरकारी विद्यालय है जहां का प्रिंसीपल अजित कुमार सोनी है । इसी विद्यालय में मिड डे मील का खाना बनाने वाली रसोइया काम करती है । घटना की रात यानी 12 सितंबर की रात को ग्रामीणों ने प्रिंसिपल को विद्यालय के कमरे में आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया इसी कमरे में उसके साथ रसोइया भी थी । जानकारी के मुताबिक ग्रामीणों ने प्रिंसिपल से बाहर निकलने को कहा लेकिन प्रिंसिपल बाहर नहीं निकला और रात भर दोनो कमरा बन्द कर भीतर ही रहे ।
प्रिंसिपल के बाहर न निकलता देख ग्रामीणों ने धरना शुरू कर दिया और वहीं कमरे के बाहर बैठ गए । जानकारी के अनुसार ग्रामीण प्रिंसिपल और रसोइए के निकलने के इंतजार में रात भर कमरे के बाहर बैठे रहे ।
वहीं जब सुबह हुई तो प्रिंसिपल रसोइए के साथ कमरे के बाहर निकला और माफी मांगने लगा । जानकारी के अनुसार ग्रामीणों ने सरकारी स्कूल के प्रधानाचार्य को बाहर निकलते ही पकड़ लिया और उसे बाहर लाकर एक खम्भे से बांधकर उससे सच्चाई उगलवाने लगे । बताया जाता है कि गांव वालों ने अजित कुमार सोनी नाम के प्रिंसिपल को जलील करते हुए उसे पहले पूरे गांव में घुमाया । गौरतलब है कि इस घटना का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें प्रिंसिपल को गांव घुमाते ग्रामीणों को देखा जा सकता है ।
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यही नहीं पकड़े जाने के अगले दिन यानी 13 सितंबर को हुई पंचायत को भी इस वीडियो में देखा जा सकता है जिसमें प्रिंसिपल अजीत कुमार सोनी हाथ जोड़कर माफी मांगते नजर आ रहा है ।
Bihar, घटना के बाद अगले दिन गांव वालों ने इस मसले पर गुमास्ता कृष्ण मोहन महतो के नेतृत्व में पंचायत बैठाई गयी जिसमें यह तय हुआ कि प्रिंसिपल द्वारा आदिवासी समुदाय के थारू बिरादरी की प्रतिष्ठा को धूमिल किया गया है । इसके बाद पंचायत ने प्रिंसिपल पर 2 लाख 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। प्रिंसिपल द्वारा गांव में रसोइए के साथ की गई शर्मनाक हरकत पर गांव वालों ने पंचायत बिठाकर प्रिंसिपल पर भारी जुर्माना लगाया तब जाकर उसे छोड़ा गया ।
बता दें कि गांव वालों को प्रिंसिपल-रसोइए के बीच सम्बन्ध को लेकर पहले से ही जानकारी थी और लोग इनपर नजर रखे हुए थे । वहीं 12 सितंबर की रात को दोनो आपत्तिजनक स्थिति में पकड़े गए जिसके बाद पंचायत द्वारा यह जुर्माना लगाया गया ।