Bharat Jodo Yatra: Rahul Gandhi Remark Controversy Vs Ranjeet Savarkar, भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कांग्रेस लीडर राहुल गांधी (Congress Bharat) 17 नवंबर को महाराष्ट्र (Maharashtra) के अकोला शहर में थे। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने एक कागज दिखाकर कहा कि, सावरकर ने इस चिट्ठी में खुद को अंग्रेजों का नौकर बने रहने की बात कह है। राहुल गांधी सावरकर यानी विनायक दामोदर सावरकर की बात कर रहे हैं।
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राहुल (Rahul Gandhi Remark Controversy) के इस बयान पर BJP और शिवसेना ने विरोध जतलाया है। सावरकर के पोते रणजीत सावरकर (Ranjeet Savarkar) भी इस बयान से खफा हैं। सावरकर के पोतेरणजीत स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के चेयरमैन हैं और उन्होंने मुंबई के शिवाजी पार्क पुलिस स्टेशन में राहुल और महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले की शिकायत की थी।
इस मामले में रणजीत सावरकर से दिव्य भास्कर ने बातचीत की थी। यहां हमने उस बातचीत का थोडा सा हिस्सा लिखा है,
सवाल: राहुल गांधी का बयान सुनकर गुस्सा आया?
जवाब: कांग्रेस को क्रांतिकारियों से कोई भी लेना-देना नहीं है। उन्होंने ने क्रांतिकारियों का इतिहास दबा दिया। अब वो बिरसा को याद कर रहे हैं क्योंकि वो सावरकर को गाली देना चाहते हैं।
यात्रा को 2 महीने बाद भी राहुल गांधी की यात्रा को जनाधार नहीं मिलने पर राहुल को लगा कि मैं सावरकर को गाली दे दूं तो पब्लिसिटी मिलेगी। अपनी राजनीति चमकाने के लिए राहुल सावरकर को गालियां दे रहे हैं।
सवाल: अंग्रेज हुकूमत सावरकर को 60 रुपए पेंशन देती थी। क्या ये बात सच है?
जवाब: सावरकर ने अंग्रेजों से कभी भी पेंशन नहीं ली थी। ये 60 रुपए थे ये गुजारा भत्ता था। सावरकर को अंग्रेजों ने अंडमान और रत्नागिरी में 13 साल कैद रखा था।अपनी जीविका कमाने के लिए सावरकर को कोई भी कारोबार करने की इजाजत नहीं थी। पेशे से बैरिस्टर वीर सावरकर को को मुआवजे के रूप में अंग्रेज ये भत्ता दे रहे थे।
सावरकर की पूरी संपत्ति अंग्रजों ने जब्त कर ली। उन्होंने देश के लिए सब कुछ बलिदान कर दिया। अगर वो पैसा ही कमाना चाहते, तो प्रैक्टिस से लाखों रुपए कमा सकते थे। ये एकदम हास्यास्पद आरोप है।
सवाल: राहुल गांधी ने एक लेटर पेश कर दावा किया कि सावरकर अंग्रेजों का नौकर रहना चाहते थे, वहीं गांधीजी और नेहरू ने इसे पसंद नहीं किया था।
जवाब: राहुल गांधी ने जो लेटर दिखाया है उसमें लिखा है‘ आपका आज्ञाकारी सेवक’। मुझे यह मालूम नहीं कि राहुल गांधी का सामान्य ज्ञान कितना है। ये उस समय लिखने का तरीका था, जैसे आज हम हिंदी में लिखते हैं ‘आपका कृपाभिलाषी’।
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Bharat Jodo Yatra, उस समय लेटर लिखने का चलन था और गांधी जी ने भी ऐसे कहीं सारे लेटर लिखे थे। उस समय यही सभ्यता थी कि शत्रु को भी इसी तरह से पत्र लिखा जाता था। इतना ही नहीं ब्रिटेन के प्रधानमंत्री चर्चिल जब जापान को लेटर लिखते थे तो वह भी इसी तरह के शब्दों का इस्तेमाल करते थे। यही वजह है कि वीर सावरकर के बारे में राहुल नुक्ताचीनी को लेकर मैंने शिकायत दर्ज करवाई है।
Bharat Jodo Yatra, उस समय में ऐसे लिखने की परंपरा थी और गांधीजी ने भी उस वक्त ऐसे कई लेटर लिखे थे। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री चर्चिल जापान को लेटर लिखते थे तब भी नीचे इसी तरह लिखा जाता था। तब पत्र लिखने की यही सभ्यता थी और शत्रु को भी इसी भाषा में पत्र लिखा जाता है। इसी वजह से मैंने पुलिस में राहुल गांधी की शिकायत दर्ज कराई है।
पुलिस सरकारी वकील से इस बारे में चर्चा हो रही है। फिलहाल FIR दर्ज होने में 2-4 दिन का समय लगेगा। राहुल गांधी माफी मांगें, अगर वो माफी नहीं मांगे तो सरकार सख्त से सख्त कदम उठाए।