Azam Khan: हेट स्पीच मामले में 3 साल की सजा के ऐलान के बाद रामपुर से सपा विधायक और पूर्व मंत्री आजम खान को एक और बड़ा झटका लगा है।आजम खान की विधानसभा की सदस्यता रद्द हो गई है। 3 साल कीसजा के ऐलान के बाद आजम के लिए यह सबसे बड़ा झटका माना जा रहा है। शिकायतकर्ता आकाश दास सक्सेना की शिकायत को संज्ञान में लेते हुए विधानसभा स्पीकर सतीश महाना ने यह कार्रवाई की है। आकाश सक्सेना ने विधानसभा स्पीकर के अलावा केन्द्रीय चुनाव आयोग (ECI) को भी सदस्यता रद्द करने की शिकायत भेजी थी।
कोर्ट के आदेश के बाद इलेक्शन कमीशन ने शुक्रवार को उनकी सदस्यता निरस्त कर दी तो उत्तर प्रदेश विधानसभा सचिवालय ने उनकी विधानसभा सीट रामपुर को भी रिक्त घोषित कर दिया। सचिवालय ने इसकी जानकारी इलेक्शन कमीशन को भी भेज दी है। यह मात्र संयोग ही है कि पिछली विधानसभा के कार्यकाल के दौरान आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आज़म की सदस्यता खत्म कर दी गई थी तो इस बार इनकी सदस्यता खत्म हुई है।
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रामपुर सीट मुस्लिम बाहुल्य सीट मानी जाती है। यह सीट आजम खान का पुराना गढ़ माना जाता है। अब इस सीट पर होने वाला उपचुनाव काफी दिलचस्प रुख अख्तियार करेगा। अब सवाल यह कौंध रहा है कि सपा आजम के परिवार के किसी सदस्य को प्रत्याशी बनाएगी या उनके परिवार के बाहर के किसी व्यक्ति को टिकट देगी। आजम खां का बेटा अब्दुल्ला आजम रामपुर के बगल वाली स्वार सीट से विधायक है। संभवना है कि सपा उनकी पत्नी व पूर्व सांसद तंजीन फातिम को उपचुनाव लड़ा सकती है। तंजीन पहले भी विधायक रह चुकी हैं।
Azam Khan के खिलाफ 3 धाराओं में केस दर्ज हुआ था और तीनों ही मामलों में उन्हें दोषी माना गया था। 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान Azam Khan पर भड़काऊ भाषण देने का मामला दर्ज किया गया था। आरोप है कि भाषण के दौरान आजम खां ने PM मोदी और CM योगी पर भी आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया था।
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हेट स्पीच का यह मामला सन 2019 के लोकसभा चुनाव का है। Azam Khan लोकसभा का चुनाव लड़़ रहे थे। तब SP और BSP का गठबंधन था और आजम खान चुनाव जीत गए थे। चुनाव प्रचार के दौरान उनके खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन के कई FIR बहुत से थानों में दर्ज हुए थे। इसमें एक FIR मिलक कोतवाली में दर्ज हुआ था। इस FIR में उन पर आरोप है कि उन्होंने संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों और तत्कालीन DM के लिए अपशब्द कहे थे और धमकी भी दी और दंगा भड़काने का भी प्रयास किया।
उनके द्वारा एक वर्ग विशेष से धर्म के नाम पर वोट की भी अपील की गई थी। इन आरोपों के साथ वीडियोग्राफी टीम के प्रभारी अनिल कुमार चौहान की ओर से आजम खान के खिलाफ FIR दर्ज कराई गई थी।