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Amazing News: आज के समय में हर एक चैनलों पर डिबेट बैठता है और उसको आम जनता बहुत ही गंभीरता से लेती है लेकिन क्या आपको यह बात पता है कि यह डिबेट करने वाले पंडित और मौलाना ऐसा भी हो सकता है कि आपस में दोस्त हो और टीवी के सामने कभी-कभी बात तो इतनी भी बढ़ जाती है कि लोग गालियां एक दूसरे को देने लगते हैं लेकिन लोगों को देखने में तो यही लगता है कि जो डिबेट हो रहा है वह सही है और सही होता भी है
लेकिन यह डिबेट करने के लिए पंडित और मौलाना बनाए जाते हैं और जो कैमरे के सामने एक दूसरे के दुश्मन बने फिरते हैं वह आपस में दोस्त होते हैं तो आइए जानते हैं एक ऐसी ही कहानी
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न्यूज़ चैनलों में दिखने वाले चेहरे अकसर असल जिंदगी में ऐसे नहीं होते हैं जैसे हमें वह टीवी पर देखते हैं
Amazing News न्यूज़ चैनलों पर अक्सर आपने भी देखा ही होगा कि अलग-अलग धर्म और प्रसिद्ध लोग मुद्दे को लेकर के बहस करते हैं और बहस के दौरान कभी-कभी स्थिति इतनी बिगड़ जाती है कि वह लोग आपस में भिड़ जाते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि टीवी पर हो रहे डिबेट के दौरान जो भी शब्द एक दूसरे को लोग बोलते हैं उसका हकीकत जिंदगी में कोई प्रभाव नहीं पड़ता है और नहीं तो आपस में लोग एक दूसरे के दोस्त होते हैं कुछ ऐसे ही रियल घटनाओं से आपको हम रूबरू करने जा रहे हैं जो कि किसी ने बताया था तो आइए जानते हैं
एक न्यूज़ में काम करने वाला शख्स ही इस खबर को सामने लाया है उसने बताया कि वहां पर काम ऐसा था कि चारों तरफ टीवी ही चलता था यहां तक उस शख्स ने यह भी बताया कि उसके सामने Table पर भी एक स्क्रीन रखी रहती थी एक दिन कुछ ऐसा हुआ कि जिस कंपनी में वह शख्स जॉब करता था उसी कंपनी का चैनल चल रहा था आवाज जरा सा तेज थी
डिबेट का कार्यक्रम चल रहा था उसी कार्यक्रम पंडित और मौलाना नुमा एक अदद जोड़ी बहुत ही तगड़ी आपस में लड़ गई और फिर उस शख्स ने थोड़ा देर सुना और फिर उसका मूड खराब होने लगा तो वह म्यूट कर दिया
कुछ देर बाद वह सब सोचा कि चलो कोई थोड़ा बाहर घूम कर आता हूं जब वह शख्स बाहर घूमने गया तो उसने कुछ ऐसा देखा कि जो आपस में डिबेट में लड़ रहे थे वह डिबेट से बाहर आ चुके हैं और आपस में ठहाके लगा कर के आपस में बातें कर रहे थे
इस कहानी सही अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब डिबेट होता है तो जरूरी नहीं कि वह लोग आपस में दुश्मन ही हो कभी कभी पैसे देकर की भी मुद्दे पर बहस करवाया जाता है
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हां अगर यह कहा जाए कि डिबेट में बहस करने के लिए पैसा मिलता है तो यह बात सही है मौलाना या कोई पंडित वह सच में नहीं वैसे होते हैं जैसे डिबेट के टाइम में दिखते हैं हकीकत यह है कि इनको मोटी रख मेरी जाती है और इनको किसी मुद्दे पर बहस करवाया जाता है यह आज के चैनलों की सच्चाई
ऐसे तो डिबेट रोज ही बैठता है लेकिन क्या डिबेट में जो लड़ाइयां होती है उसको कोई गंभीरता से लेता है नहीं लेता है